उन्होंने कहा कि वर्तमान अधिनियम के अंतर्गत ट्रस्ट में 4 बौद्ध और 4 हिन्दू सदस्य होते हैं और जिलाधिकारी इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि मंदिर का प्रबंधन पूर्णतः बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए। उन्होंने इस संदर्भ में एक लिखित मांग पत्र भी प्रधान मंत्री को सौंपा।
प्रधानमंत्री से हुई बातचीत के दौरान श्री आठवले ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से जुड़े स्थलों के विकास को लेकर केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी के कार्यकाल में 26 अलीपुर रोड, दिल्ली पर डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक की स्थापना, डॉ.आबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का निर्माण, और लंदन में डॉ. अंबेडकर जी का ऐतिहासिक आवास महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्र की मदद से खरीदा गया।
श्री आठवले ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बाबासाहेब से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में घोषित करना उनके प्रति अटूट सम्मान को दर्शाता है।
आठवले ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर महाबोधि मंदिर अधिनियम रद्द करने की मांग दोहराई
एस एन वर्मा - 2025-08-08 15:30
नई दिल्ली: रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की और महाबोधि मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने की मांग दोहराई। उल्लेखनीय है कि बिहार स्थित महाबोधि विहार (बोधगया) का प्रबंधन इसी अधिनियम के तरह किया जाता है।