पिपली लाइव का काम आपको कैसे मिला ?
हालांकि मैंने लगान में आमिर के साथ काम किया है और वह मेरे काम को अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन पिपली लाइव में मुझे लिये जाने का विचार निर्देशक अनुषा रिजवी का था। उन्होंने ही आमिर को मेरा नाम सुझाया। मुझे किसान के कपड़े पहना कर देखा गया कि क्या मैं किसान की तरह लगता हूं। मैंने कुछ दृश्य भी किये ताकि यह पता चले कि मेरा अभिनय वास्तविक लगता है या नहीं। इन दृश्यों की वीडियो को देखने के बाद आमिर ने मुझे लेने का फैसला किया। मुझे नहीं पता कि आमिर यह जानते हैं या नहीं लेकिन मैं जन्म से किसान हूं। मैंने गायक बनने के लिये 15 साल की उम्र में गांव छोड़ दिया। मुझे जीविका चलाने के लिये अभिनय करना पड़ा। मैंने एक पारसी थियेटर कम्पनी में काम करना शुरू किया। उसमें मैंने छह साल तक काम किया। इसके बाद मैने नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा में प्रवेश लिया और वहां तीन साल तक पढ़ाई की। बाद में मैं वहां पढ़ाने लगा और 10 साल तक पढ़ाया। मुझे पहला बे्रक मैसी साहिब में मिला। लेकिन मैं गायक नहीं बन पाया और सच कहूं तो अभिनेता भी नहीं बन पाया।
आपने पिपली लाइव में कई किसानों के साथ काम किया। आपका अनुभव कैसा रहा ?
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी किसान एवं थियेटर कलाकार थे। लेकिन मुझे लगता है कि आसपास के किसानों ने बहुत अच्छा काम किया। उनके अभिनय में कोई बनावटीपन नहीं है। वे बिल्कुल वास्तविक हैं। वैसे मुझे कलाकारों के साथ काम करने में दिक्कत होती है, लेकिन किसानों के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं हुयी। अनुषा रोजाना विभिन्न दृश्यों का रिहर्सल कराती थी। इस फिल्म में काम करने वालों के लिये मुंबई में 15 दिन की तथा भोपाल में छह दिन की वर्कशाप की गयी थी। इसलिये हम शूटिंग शुरू होने से पहले ही एक दूसरे को अच्छी तरह जान गये थे। इस फिल्म का संवाद बुंदेलखंडी बोली पर है लेकिन हमें संवाद सुनने या बोलने में कोई दिक्कत नहीं हुयी।
आमिर के साथ काम करना कैसा रहा ?
आमिर ऐसे निर्माता हैं जो सबकुछ समझते हैं। वह सबकुछ बहुत आसान बना देते हैं। फिल्म में काम करने वाले सभी लोगों को वह चिंता मुक्त रखते हैं। फिल्म में काम करने वाले लोग जानते हैं कि उन्हें छोटी-मोटी चीजों की कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि आमिर सबका और सभी चीजों का ख्याल रखते हैं। वह एक ऐसी छतरी है जो आपको समस्याओं से बचाती है।
इस फिल्म की शूटिंग के बारे में कुछ बताइये। शूटिंग के दौरान किस तरह की दिक्कतें हुयी ?
शूटिंग के लिये हम पांच महीने तक गुजरात के भुज में ठहरे थे। वहां कई तरह की दिक्कतें थीं लेकिन आमिर के कारण हमें ये दिक्कतें नहीं झेलनी पड़ी। फिल्म की शूटिंग मई और जून के महीने में हुयी थी और उन दिनों बहुत गर्मी थी। इस फिल्म की शूटिंग भोपाल में हुयी। हमें सुबह साढ़े चार बजे उठकर शूटिंग के लिये करीब 60 किलोमीटर दूर गांव जाना होता था।
क्या आपको ऐसा लगता है कि पिपली लाइव में आपने जो काम किया है उससे आपके काम के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ है ?
हां, पिपली लाइव से मेरे कॅरियर को फायदा होगा। इस फिल्म का सफल होना मेरे कॅरियर के लिये अच्छा तो होगा ही भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिये भी अच्छा रहेगा।
आज जिस तरह से ज्यादातर फिल्में बन रही हैं, उनके बारे में आप क्या कहेंगे ?
मैं चाहता हूं कि भारत में अच्छी फिल्में बने। भारत में बहुत ज्यादा अच्छी फिल्में नहीं बनायी जा रही हैं। ज्यादातर फिल्में एक दूसरे की नकल करके बनायी जाती हैं। हमारे पास इतनी समृद्ध संस्कृति है और इतनी विविधता है लेकिन इसके बाद भी अच्छी कहानियों एवं अच्छे विषयों पर फिल्में बनाने के बजाय हमारी फिल्में हीरो-हीरोइनों पर ही केन्द्रित रहती हैं।
आपकी फिल्मों में आपकी भूमिकायें लगभग एक तरह की होती है। ज्यादातर फिल्मों में आपने ग्रामीण की भूमिका की है। क्या इससे आपका अभिनय सीमित हो गया है ?
यह सही है कि मैंने ग्रामीण की भूमिकायें बहुत की है। मैंने कई फिल्मों में अलग तरह की भूमिकायें भी की है। मीनाक्षी में मंैने एक नवाब की भूमिका की। असल में जब आप कोई खास भूमिका करते हैं तो आपको दोबारा उसी तरह की भूमिका मिलती है। निर्माता-निर्देशक सोचते हैं कि अगर वे इस कलाकार को लेंगे तो उन्हें उस कलाकार पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। लेकिन मैं चाहता हूं कि मुझे अलग-अलग तरह के काम मिले। मैं चाहता हूं कि मुझे भले ही कम काम मिले लेकिन जो भी काम मिले वे अलग-अलग तरह की भूमिकाओं वाले काम हो। अगर मुझे अलग-अलग तरह के काम नहीं मिले तो मैं अभिनय करना छोड़ दूंगा।
आप अब जिस मुकाम पर पहुंचे हैं उसे किस तरह से देखते हैं ? आप अपने कॅरियर से कितना संतुष्ट हैं?
मैं अपने कॅरियर से कभी संतुष्ट नहीं हो सकता, क्योंकि मैं जो करना चाहता हूं वह एक जीवन में करना संभव नहीं है। अभी बहुत काम करने बाकी हैं।
आपको किस फिल्म में काम करने में सबसे ज्यादा मजा आया ?
मुझे सलाम बम्बई, मीनाक्षी और मैसी साहिब में काम करने में बहुत आनंद आया। एक और फिल्म जो मुझे बहुत अच्छी लगी वह है आश्रय लेकिन अभी यह रिलीज नहीं हुयी है। यह एक वैसे व्यक्ति के बारे में फिल्म है जिसने अपने आपको एक मकान में कैद कर लिया है। मुझे रमन राघव में भी काम करने में आनंद आया। (फर्स्ट न्यूज)
साक्षात्कार : रघुवीर यादव
मैं जन्म से किसान हूं
विनोद विप्लव - 2010-07-15 10:16
किसानों की आत्महत्या एवं महंगाई को लेकर बनी फिल्म पिपली लाइव हालांकि अगले महीने रिलीज हो रही है लेकिन यह फिल्म अभी भी चर्चा एवं उत्सकुता का केन्द्र बनी हुयी है। इस फिल्म में किसान की भूमिका करने वाले रघुवीर यादव से बातचीत का अंश पेश है, जिन्होंने खास तरह के अभिनय के बल पर अपनी अलग पहचान बनायी है।