जिस तरह से राज्य में आतंकवाद तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए राज्या सरकार ने आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) का गठन किया है। इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि यह कदम जल्दबाजी मंे उठाया गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा था कि सरकार आतंकवाद के मसले पर नरम नीति अपना रही है।
अगले सितंबर महीने में राज्य में स्थानीय निकायों का चुनाव है। उम्मीद की जा रही है कि आतंकवादी दस्ते का गठन करने व आतंकवाद विरोधी अन्य कदम उठाने का फायदा सरकारी पार्टियों को मिलेगा।
दस्ते के गठन की घोषणा पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का रवैया बहुत साफ नहीं है। पार्टी के नेता जुबान दबाकर इस मसले पर बात कर रहे हैं। उसके नेता दो तरह की बातें भी कर रहे हैं। एक तरफ तो पार्टी के वरिष्ठ नेता आर्यदन मोहम्मद कह रहे हैं कि उनकी पार्टी आतंकवादी संगठनों से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखेगी और पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे कट्टरवादी संगठनों से वोट तक नहीं मांगेगी, वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में विपक्ष के नेता ओमन चांडी की राय कुछ और ही है। उनका कहना है कि उनकी पार्टी आतंकवादी संगठनों का विरोध करेगी, लेकिन जब वोट मांगने की बारी आएगी, तो वह उनसे वोट भी मांगेगी।
केन्द्र में गृहराज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने भी भ्रम बढ़ाने का काम किया है। मालाबार में आतंकवादियों ने एक रेलगाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त कर देने की कोशिश की थी। मालाबार आकर श्री रामचंद्रन ने कहा कि उस दुर्घटना की साजिश की जांच केन्द्रीय संस्था एनआईए से कराने में उन्हें कोई एतराज नहीं है। लेकिन कुछ ही समय बाद वे कुछ और ही बात करने लगे। उन्हें राज्य सरकार ़द्वारा उस साजिश की केन्द्रीय एजेंसी की जाच की मांग में खोट दिखाई पड़ने लगी।
उन्होंने कहा कि केरल के गृहमंत्री पहले यह स्वीकार करें कि साजिश की जांच करने में उनकी सरकार वि!ल रही है और उसके बाद ही उसकी एनआईए से जांच कराने की मांग करें। उनका यह भी कहना था कि एनआईए के ऊपर काम का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा है, इसलिए वह आतंकवाद से जुड़े सभी मामले की जाच नहीं कर सकता।
यदि गृहराज्य मंत्री अपने वायदे के प्रति ईमानदार थे, तो उन्हें बिना शर्त के रेल दुर्घटना की साजिश की जांच एनआईए से करवाने के लिए तैयार होना चाहिए था। लेकिन वे तो इस मामले में राजनीति करने लग गए हैं।
हालांकि बाद में श्री चांडी और श्री रामचंद्रन ने अपने पहले के बयानों पर लीपापोती की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन उनके कारण जो नुकसान होना था, वह तो पहले ही हो चुका है। दो तरह की बातें उनकी पार्टी को चुनावों में नुकसान पहुंचा सकती है। (संवाद)
केरल में आतंकवाद पर सरकार की नई पहल
कांग्रेस का रवैया स्पष्ट नहीं
पी श्रीकुमारन - 2010-07-26 12:29
तिरुअनंतपुरमः केरल की सरकार ने आतंकवाद की समस्या को हल करने के लिए कजस तेजी से काम किया है, उसके कारण इसे उन लोगों की प्रशंसा भी मिल रही है, जो आमतौर पर वाम दलों को देखकर नाक भौं सिकोड़ते हैं।