प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा के दौरान मकानों, अस्पतालों, जल आपूर्ति और बिजली की आपूर्ति के पुनर्निर्माण में सहायता करने की घोषणा की थी तथा इस उद्देश्य के लिए 125 करोड़ रूपए मंजूर किए थे। प्रधानमंत्री ने यह निर्देश भी दिया था कि मकानों का निर्माण सर्दियों से पहले किया जाना चाहिए तथा वे यह सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर इस क्षेत्र का दौरा करेंगे।

श्री नायर ने बताया कि धन की कोई कमी नहीं है। इस समय इस बात की जरूरत है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए ज्ञान और कार्यान्वयन संसाधनों का एक पूल बनाना चाहिए ताकि सर्दियां आने से पहले प्रभावित आबादी के पुनर्वास का लक्ष्य पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसी पहल में निजी क्षेत्र को सरकार के साथ भागीदारी करने और उसका हाथ बटाने की जरूरत है। औद्योगिक संगठनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उद्योग परिसंघ प्रारंभिक अध्ययन कराने के लिए कुछ समूहों को पहले ही तैनात कर चुके हैं, जो प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार के साथ समन्वय के प्रयासों को तेज करेंगे। इस संबंध में सहयोग के क्षेत्र में सामान, उपकरण और श्रम की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ तकनीकी विशेषज्ञता और जहां जरूरी हो चिकित्सा सहायता के मामले में भी आवश्यक मदद करना शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को पुनर्वास के लिए लक्ष्य तैयार करने को कहा है। पीएमओ ने यह भी कहा है कि यह लक्ष्य इस महीने के आखिर तक तैयार हो जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को यह निगरानी करने को कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि लक्ष्य पूरे किये जा रहे हैं।