मंदिर और मस्जिद के हिमायती इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इसके टल जाने से दोनों पक्षों के लोगों को निराश होना पड़ा है। खासकर मुस्लिम नेताओं में तो बहुत ही ज्यादा गुस्सा है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेता इस फैसले के टलने के लिए पूरी तरह से कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बोर्ड के महासचिव मौलाना निजामुदीन का कहना है कि इस फैसले के टलने से मुसलमान भारी संख्या में नाराज हैं।
बोर्ड के एक अन्य सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिर्रगीमहली का कहना है कि कांग्रेस यह कभी चाहती ही नहीं है कि इस मसले पर कभी कोर्ट का आदेश आए। यही कारण है कि उसने इसको टलने का इंतजाम कर दिया है।
बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के कुछ ही मिनट के अंदर कांग्रेस ने जिस तरह से इस फैसले का स्वागत किया, उससे यह साफ हो जाता है कि उसने इसमें अपनी भूमिका निभाई।
कहा जा रहा है कि जिस रमेश चंद्र त्रिपाठी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया, वे कांग्रेस के समर्थक रहे हैं। वे कांग्रेस के इशारे पर ही कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं- इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने भी फैसले के टलने का आरोल कांग्रेस के सिर पर ही मढ़ा। उनका कहना है कि इस विवाद पर आने वाले फैसले के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत से मामले को हल करने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है, इसलिए इसे और आगे टालना ठीक नहीं।
मुसलमान तो कांग्रेस को दोष दे ही रहे हैं, भाजपा के नेता भी फैसले को टलने का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर ही फोड़ रहे हैं। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भानुप्रताप शाही का भी यही कहना है कि रमेश चंद्र त्रिपाठी कांग्रेस के आदमी हैं और कांग्रेस नेताओं के इशारे पर ही वे अदालतों का चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस के अनेक नेता दिल्ली से लखनऊ आकर साजिश को अंजाम दे रहे हैं।
कांग्रेस के अंदर के मुस्लिम नेताओं को भी फैसले का टलना और उसके तुरंत बाद इसके समर्थन में कांग्रेस प्रवक्ता का बयान अच्छा नहीं लग रहा है। उनका कहना है कि इससे मुसलमानों के बीच संदेश जा रहा है कि कांग्रेस अदालत का फैसला नहीं चाहती। वे कह रहे हैं कि बहुत दिनों के बाद मुसलमान कांग्रेस की ओर वापस लौट रहे हैं और वैसी हालत में उसकी तरफ से इस तरह का संदेश निकलना पार्टी हित में नहीं है।
हालांकि कांग्रेस ने रमेश चंद्र त्रिपाठी से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। उसके प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव का कहना है कि श्री त्रिपाठी का कांग्रेस से कभी भी कोई लेना देना नहीं रहा है और उन्होंने पार्टी के लिए कभी किसी तरह का काम नहीं किया है। (संवाद)
मुस्लिम संगठनों ने फैसले में विलंब के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अनिश्चय का माहौल बरकरार
प्रदीप कपूर - 2010-09-28 10:12
लखनऊः बाबरी मस्जिद राम जन्म भूमि विवाद से संबंधित टाइटल सूट पर फैसले के टल जाने से मुस्लिम नेताओं में नाराजगी पैदा हो गई है। वे फैसले के टलने का दोष कांग्रेस के ऊपर डाल रहे हैं। गौरतलब है कि 24 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच का फैसला इस मसले पर आने वाला था, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने एक अपील की सुनवाई करते हुए फैसले को स्थगित रखने का आदेश जारी कर दिया।