शहनवाज हुसैन ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि किसी ने उमर अब्दुल्ला केा यह अधिकार नहीं दिया कि वह भारत में कश्मीर के विलय पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी उमर अब्दुल्ला केा अबतक के सबसे फलाप मुख्यमंत्री मानती है,जिन्होंने अपने निकम्मेपन केा छिपाने के लिए इस तरह का बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस की यह पुरानी आदत है कि दिल्ली में कुछ और बोलते है और कश्मीर में जाते ही उनका दिमाग और बयान बदल जाता है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला के पिता केंद्र में मंत्री है और वह स्वंय मुख्यमंत्री है। इसलिए उन्हें ऐसा बयान देने के बाद मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला के बयान में और अलगाववादी ताकतों के बयान में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने आज जम्मू और कश्मीर विधानसभा में बीजेपी विधायकों के साथ हुई दुर्व्यवहार की निंदा भी की है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस से सवाल पूछना चाहती है कि कांग्रेस जो सरकार में पार्टनर है बताए कि वह उमर के बयान से सहमत है। उन्होंने कहा कि राहुल क्या ऐसे ही बयान देने के लिए अपने मित्र मुख्यमंत्री को एक और मौका देने बात पिछले दिनों कही थी।
शहनवाज हुसैन ने कहा कि दो युवा नेताओं के बयान से देश चिंतित है। राहुल गांधी ने एक प्रतिबंधित संगठन सिमी को सम्मान देने के लिए उसकी तुलना राष्ट्वादी संगठन आरएसएस सेे की है। उन्होंने कहा कि राहुल को आरएसएस को सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। आरएसएस का घ्येह राष्ट् केा महान बनाना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आतंकवादियों को इज्जत देने की पुरानी आदत है। उन्होेंने इसके उदाहरण में मदनी से कांग्रेस का संबंध तथा दिग्विजय सिंह का बाटला हाउस के आरोपियों के आजमगढ़ स्थित घर जाने के बात भी कही।