गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके द्वारा वह राज्य के विकास को गति देना चाहती है और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना चाहती है। इस प्रोजेक्ट पर काम करने का जिम्मा राज्य सरकार ने दुबई स्थित एक कंपनी टेकॉम को दे रखा है। लेकिन टेकॉम द्वारा कुछ शर्तें सरकार के सामने रखने और सरकार द्वारा उन शर्तों को मानने से इनकार कर देने के बाद कंपनी ने काम बंद कर रखा है।
राज्य सरकार ने कंपनी को नोटिस दिया था कि वह काम शुरू करे, अन्यथा राज्य सरकार उस काम के लिए किसी और की सहायता लेने के विकल्प पर विचार करेगी। उसने कहा था कि 15 सितंबर से काम शुरू करे, अन्यथा नतीजे को भुगतने के लिए तैयार रहे।
इस धमकी के जवाब में कंपनी ने अपनी पुरानी मांग दुहरा दी कि उसे प्रोजेक्ट को मिली 246 एकड़ जमीन में से 12 फीसदी पर मालिकाना फ्रीहोल्ड का अधिकार मिले और फिर उसके बाद वह प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगी।
कंपनी के अड़ियल रवैये की चर्चा राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई और मंत्रिमंडल ने इस पर अंतिम फैसला करने के लिए मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन को अधिकृत कर दिया है। मंत्रिमंडल की राय थी कि सरकार को कंपनी के दबाव की नीति के सामने नहीं झुकना चाहिए और उसे कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के चेयरमैन एस शर्मा के अनुसार टेकॉम को परियोजना की जमीन का कोई भी हिस्सा फ्रीहोल्ड मातिकाना हक के रूप में नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह दोनों पक्षों के बीच हुए करार के खिलाफ होगा।
दूसरी ओर कंपनी का मानना है कि सहमति के फ्रेमवर्क के अनुसार कंपनी 12 फीसदी जमीन के टुकड़े पर फ्रीहोल्ड मालिकाना अघिकार पा सकती है
श्री शर्मा का कहना है कि यदि कंपनी को 12 फीसदी जमीन फ्रीहोल्ड स्वामित्व के रूप में दे दी गई, तो वह इसे निजी हाथों में बेच देगी और इससे राज्य के हितो पर कुठाराघात होगा। सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रोजेक्ट की जमीन स्पेशल इकनॉमिक जोन कानून के तहत अधिगृहित की गई है और उस कानून के अनुसार इस जमीन को निजी हाथों में फ्रीहोल्ड स्वामित्व के तहत दिया ही नहीं जा सकता।
लेकिन टेकॉम की जगह किसी और को उस प्राजेक्ट के लिए चुनने पर मामला अदालत में जा सकता है और उस पर लंबे समय तक मुकदमा चलेगा। यदि ऐसा हुआ, तो फिर प्रोजेक्ट का काम ही अधर में लटक में जाएगा और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जिन उद्देश्यों के लिए शुरू किया गया था, वे उद्देश्य ही पराजित हो जाएंगे। गौरतलब है कि वर्तमान राज्य सरकार का कार्यकाल आगामी मई महने तक ही है। मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद कोई नई सरकार भी अस्तित्व में आ सकती है। यानी राज्य सरकार के पास अब समय बहुत कम रह गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के नेता स्मार्ट प्रोजेक्ट सिटी के लिए चुने गए ठिकानों पर जाकर शिलान्यास के पत्थरों पर कफन डाल रहे हैं और कह रहे हैं कि इस परियोजना की मौत हो चुकी है। (संवाद)
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: टेकॉम का झुकने से इनकार
पी श्रीकुमारन - 2010-11-22 15:46
तिरुअनंतपुरमः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के दुबई स्थित कंपनी टेकॉम ने सरकार के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। उसके द्वारा सरकार की नोटिस को नजरअंदाज किए जाने के बाद गंेद एक बार फिर राज्य की सरकार के पाले में आ गई है।