सूत्रों के मुताबिक करूणानिधि के नाराज होकर वापस चेन्नई चले जाने से कांग्रेस की मालकिन सोनिया और मनमोहन सिंह की धुकधुकी बढ़ गयी थी। क्योंकि आज जो लालू,मुलायम,मायावती आदि का समर्थन व उनके सांसदो की संख्या जोड़ कांग्रेस 300 से ऊपर का बहुमत का आंकड़ा दिखा रही है वह जुलाई के बाद 42 कम होने की संभावना है।
जुलाई में मायावती,मुलायम और अमर पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस की सुनवाई है। केन्द्र की कांग्रेसी सरकार अपनी जेबी बन गयी सीबीआई से उनके खिलाफ मुकदमें खत्म कराने की बात कहती है तब तो माया,मुलायम का कांग्रेस को बाहर से समर्थन जारी रहेगा।
लेकिन यदि कांग्रेस ने उ.प्र.में अपना आधार बढ़ाने और 3 साल बाद होने वाले विधान सभा चुनाव के लिए माया,मुलायम को सी.बी.आई के मार्फत अभी से निपटाने की कोशिश की तब दोनों ही समर्थन वापस ले लेंगे।
लालू भी अपमान से खार खाये हुए हैं। वह भी मौका पाते ही बदला लेंगे। सो यदि करूणानिधि को नहीं मनाया जाता तो जुलाई के बाद मनमोहन सरकार के लिए मुश्किल हो जाती। इस मजबूरी में बाहर मूंछ पर ताव देती पोज कर रही कांग्रेस ने अंदर करूणानिधि के समक्ष साष्टांग हो उनकी सारी मांगें मान ली।#
भारतीय राजनीति
करूणानिधि के सामने नतमस्तक हुई कांग्रेस, सभी मांगें मानी
कृष्णमोहन सिंह - 2009-05-24 09:22
नई दिल्ली। करूणानिधि के सामने कांग्रेस नतमस्तक हो गयी। उनकी लगभग सभी मांगें मान ली । अगले मंत्रिमंडल विस्तार में करूणा की पहली पत्नी के बेटे, दूसरी पत्नी की बेटी, और उनके एक भांजे को तो मंत्री बनाने की हामी भी भर दी है। एक लाख करोड़ रूपये के टेलीकाम घोटाले के आरोपी ए. राजा और उतने ही घोटाले के आरोपी सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री रहे टी.आर.बालू को फिर से मालदार मंत्रालय देना तय हो गया ।