एक दूसारे के खिलाफ हो रही बयानबाजी से प्रोजेक्ट पर काम होने में विलंब हो रहा है और सारा मामला अधर में लटका हुआ है।
जहां केन्द्र विलंब का आरोप राज्य सरकार पर लगा रहा है, वहीं राज्य सरकार इसका दोष केन्द्र के सिर पर मढ़ रही है। केन्द्रीय राज्य मंत्री ई अहमद केरल से ही सांसद चुने गए हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने जो शर्ते डाल रखी हैं, उन्हीं के कारण विलंब हो रहा है।
दूसरी तरफ अच्युतानंदन सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने यूटर्न ले लिया है, जिसके कारण विलंब हो रहा है।
केरल सरकार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने इस फैक्टरी को सार्वजनिक क्षेत्र में बनाने का फैसला किया था। पर बाद में केन्द्र सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए इसे बोट ( बिल्ड, ओपेरेट, और ट्रांसफर) के अंतर्गत बनाने का फैसला कर लिया।
राज्य सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में उसका भी हिस्सा होना चाहिए। वह हिस्सा इसके द्वारा दी गई जमीन की कीमत के अनुपात में होना चाहिए।
उसका कहना है कि जमीन देने का मतलब उसकी कीमत के बराबर का रुपया देना होता है। इसके कारण निजी क्षेत्र द्वारा तैयार की जा रही फैक्टरी मे उसका भी उसकी जमीन कीमत के अनुपात में हिस्सा तय किया जाना चाहिए। उसका कहना है कि निजी क्षेत्र को वह सार्वजनिक जमीन मुफत में नहीं दे सकती।
रेल राज्य मंत्री ई अहमद का कहना है कि रेल परियोजना की जमीन के अधिग्रहन में भी समस्या पैदा हो रही है। उससे संबधित कुड मसलों पर भ्रम पैदा हो गया है। उसे दूर करने के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से बात करनी चाहिए। जबतक वह भ्रम दूर नहीं हो जाता, परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सकता।
दूसरी तरफ राज्य सरकार ने रेल मंत्रालय पर कुछ और भी आरोप लगा दिए हैं। उसका कहना है कि रेल बजट में केरल से होकर जिन गाड़ियों को चलाने का एलान किया गया था, वे सभी नई गाड़ियां अभी तक शुरू नहीं की गई हैं। इसे राज्य सरकार केन्द्र द्वारा राज्य के हितों की उपेक्षा का प्रमाण मानती है।
राज्य सरकार ने राज्य के सभी सांसदों से अपील की है कि वह मिलकर केन्द्र पर दबाव डालें और राज्य की रेल परियोजनाओं पर काम को सुनिश्चित कराएं। (संवाद)
कोच फैक्टरी के मसले पर केन्द्र और राज्य में टकराव
प्रोजेक्ट पर तू तू मैं मैं का साया
पी श्रीकुमारन - 2010-12-01 19:01
तिरुअनंतपुरमः पलाक्कड जिले के कांजिकोडे स्थित प्रस्तावित सबरी रेल प्रोजेक्ट केन्द्र की युपीए सरकार और राज्य की एलडीएफ सरकार के बीच एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण का शिकार हो गया है।