एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री के प्रत्याषी रह चुके श्री आडवाणी ने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले में उदासीनता दिखा रही है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, एस एस अहलुवालिया, राजग संयोजक शरद यादव और शिवसेना तथा शिरोमणि अकाली दल के नेताओं की मौजूदगी में यहां संसद भवन में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गतिरोध खत्म होना चाहिये।

पूरे विपक्ष में इस बात पर सर्वसम्मति है कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों की जांच जेपीसी के जरिये ही हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम संसद के शीतकालीन सत्र की बैठकें बढ़ाये जाने पर सहमत हैं ताकि अहम विधेयक पारित हो सके, लेकिन हम अपनी मांग नहीं छोड़ेंगे।

यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार जेपीसी गठित नहीं करती है तो क्या राजग अविश्वास प्रस्ताव लायेगा, आडवाणी ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाये जाने के संकेत दिये।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की बुलायी बैठक में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि आप हमें अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिये उकसा रहे हैं। लेकिन हमारा मानना है कि नये सांसदों को आये अभी एक वर्ष से कुछ अधिक समय ही हुआ है।

श्री आडवाणी ने कहा कि हर सांसद चाहते हैं कि वह पूरे कार्यकाल तक रहे। मैं निजी तौर पर विधायिका में चुने गये सदस्यों का कार्यकाल एक निश्चित अवधि के लिये निर्धारित रखने के पक्ष में हूं जैसा कुछ यूरोपीय देशों की संसदों में होता है।

उन्होंने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला एक बहुआयामी घोटाला है जो लोकतंत्र और पूरी राजनीतिक व्यवस्था के महत्व को कम रहा है। जिन टेप के खुलासे की बात हो रही है उनमें उद्योग घरानों को मंत्री और उनका प्रभार निर्धारित करने की जाहिरा कोशिश करते सुना गया है। मुद्दे की गंभीरता के मद्देनजर गहन जांच करने और सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है। इसके लिये जेपीसी से कम कुछ भी कारगर नहीं होगा।

उन्होंने राजग से इतर अन्य विपक्षी दलों को भी न्योता दिया कि वे सरकार के इस रुख के प्रति हमारे संघर्ष में राजग की ओर से प्रस्तावित जनसभाओं में भाग लें। आडवाणी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद की कार्यवाही जिस तरह चलनी चाहिए उस तरह नहीं चल रही है। लेकिन इसके लिये पूरी तरह सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार यह कह रही है कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के मामले में लोक लेखा समिति कैग की रिपोर्ट पर गौर कर रही है लेकिन उसकी इस दलील में कोई दम नहीं है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अतीत में जब चार बार जेपीसी गठित हुई तब भी लोक लेखा समिति अस्तित्व में थी लेकिन मामलों की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन सरकारों ने विपक्ष की मांग को स्वीकार किया। लोक लेखा समिति कैग की रिपोर्ट पर गौर करती है। वह कोई जांच एजेंसी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं पूरे विपक्ष की ओर से सरकार से अपील करता हूं कि वह जेपीसी गठित करने की मांग को स्वीकार करे ताकि संसद के शीतकालीन सत्र की शेष बैठकों में कार्यवाही सामान्य रूप से चले।

पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बचाते हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरे मानदंड नहीं अपना रही है, आडवाणी ने कहा कि कर्नाटक के मुद्दे को हम गंभीरता और गहनता से देख रहे हैं। यह मुद्दा ऐसा नहीं है जिसे पार्टी ने नहीं छुआ हो या जिसपर प्रतिक्रिया नहीं दी हो। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस यह दावा करती है कि उसने अन्य दलों के मुकाबले अधिक नेताओं के इस्तीफे लिये हैं तो इसके मायने हैं कि कांग्रेस में उतने भ्रष्ट नेता भी हैं। आडवाणी ने 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले और येदियुरप्पा पर लगे आरोपों के बारे में कहा कि दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है।

विवादों में घिरे केंद्रीय सतर्कता आयुक्त पी जे थॉमस के बारे में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी क्षमता के बारे में टिप्पणियां की हैं। यह गंभीर मामला है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस पर संज्ञान लेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सीवीसी के चयन के लिए गठित समिति की सदस्य विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के विरोध के बावजूद थॉमस को इस पद पर चुना। श्री आडवाणी के अनुसार थॉमस ने कहा है कि वह मामले से खुद को अलग कर लेंगे। हम नहीं जानते कि वह कैसे खुद को अलग करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सीबीआई को कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रताड़ित करने का हथकंडा बना लिया है।