सत्तारूढ़ कांग्रेस लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए बड़ी बड़ी सभाएं आयोजित कर रही हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री भूपींदर सिंह हुड्डा खुद संबोधित करते हैं। इन सभाओं का उद्देश्य राज्य की जनता को सरकार की उपलब्ध्यिों से अवगत कराना होता है। राज्य में सरकार होने का फायदा कांग्रेस को रहा है और लोगों की ज्यादा संख्या को अपनी ओर आकर्षित करने में मुख्यमंत्री सफल हो रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल अपना जनाधार विस्तृत करने के लिए लोगों के बीच जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद इस मोर्चे पर उसमें शिथिलता आ गई थी। लेकिन अब दल की जड़ता टूटी है और उसके नेता लोगों से संवाद कायम करने में जुट गए हैं। लेकिन लोगों से संवाद करने का उनका तरीका कांग्रेस के तरीके से अलग है।
कांग्रेस जहां बड़ी बड़ी जनसभाएं आयोजित कर रही हैं, वहीं लोकदल कायकर्त्ता सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जो कभी कभी सभाओं का रूप भी ले लेता है।
भारतीय जनता पार्टी राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी है, जिसमें अभी भी जड़ता छाई हुई है। कहीं किसी प्रकार की राजनैतिक सुगबुगाहट इस पार्टी में देखने को नहीं मिल रही है। पर कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस की बात कुछ और है। इसके सबसे बड़े नेता भजन लाल हैं, जिनकी काफी उम्र हो चुकी है और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं रहता है। इसके कारण अब पार्टी में जान फूंकने का मुख्य जिम्मा उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई के ऊपर ही आ गया है।
पिछले विधानसभा सभा चुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस के 6 विधायक जीते थे। उनमें से 5 तो दल बदल कर सत्तारूढ़ कांग्रेस में चले गए थे। फिर पार्टी में मायूसी छा गई थी। अब वह मायूसी कुलदीप बिश्नोई द्वारा जींद में आयोजित की गई एक रैली के बाद समाप्त हुई है। उस रैली मे काफी संख्या में लोग पधारे थे।
भूपींदर सिंह हुड्डा की सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है। पहले कार्यकाल में सत्ता में आने के बाद ही श्री हुड्डा ने एक से बढ़कर एक सरकारी योजनाएं शुरू कर दी थीं। राज्य के विकास के लिए बड़े बड़े काम शुरू कर दिए थे और लोगों को लुभाने के लिए कुछ इस तरह की योजनाएं शुरू की थीं, जो आमतौर पर कोई सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम समय में अगला चुनाव जीतने के लिए करती हैं।
अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी श्री हुड्डा लोगों के लिए नई नई योजनाएं चला रहे हैं, लेकिन इस बार बड़ी बड़ी योजनाओं और घोषणाओं का वह सहारा नहीं ले रहे हैं, बल्कि उनकी नजर स्थान विशेष से संबंधित छोटी छोटी योजनाओं और घोषणओं पर है। (संवाद)
हरियाणा की राजनीति में आई फिर गर्मी
पार्टियों ने अपनी जड़ता तोड़ी
बी के चम - 2010-12-14 10:31
चंडीगढ़ः हरियाणा की राजनीति एक बार फिर गर्म हो रही है। 2014 के पहले राज्य में कोई चुनाव नहीं होने हैं, फिर भी राजनैतिक पार्टियों ने अपने अपने तरीके से लोगों से संवाद स्थापित करना शुरू कर दिया है। इस होड़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल अन्य पार्टियों से आगे हैं।