सरकार ने प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश से जुड़े सभी मौजूदा नि‍यमों के एकीकरण के लि‍ए कई प्रयास कि‍ये। इन प्रयासों में वि‍देशी मुद्रा वि‍नि‍मय अधि‍नि‍यम (फेमा), भारतीय रि‍जर्व बैंक द्वारा जारी परि‍पत्र और वि‍भि‍न्‍न प्रेस नोट आदि‍ को एकीकृत दस्‍तावेज के रूप में समेटने की तैयारी हुई ताकि‍ मौजूदा वि‍नि‍यामक ढांचा स्‍पष्‍ट हो सके। इस संबंध में अंति‍म दस्‍तावेज 31 मार्च, 2010 को प्रकाशि‍त कि‍या गया था। इस एकीकरण से इतना तय हो जाएगा कि‍ प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश नीति‍ से संबद्ध सभी दस्‍तावेज एक ही जगह पर उपलब्‍ध हों, इससे नीति‍ के सरलीकरण की राह आसान होने की उम्‍मीद है साथ ही इस संदर्भ में वि‍देशी नि‍वेशकों और क्षेत्र की वि‍नि‍यामक संस्‍थाओं के बीच ज्‍यादा स्‍पष्‍टता और समझ वि‍कि‍सत होने की उम्‍मीद है। यह भी तय कि‍या गया कि‍ प्रत्‍यक्ष वि‍देश नि‍वेश नीति‍ को अद्यतन रखने के लि‍ए हर छह माह पर ऐसे समग्र परि‍पत्र जारी कि‍ये जाएंगे।

यह नि‍र्णय लि‍या गया कि‍ नीति‍ से जुड़े वि‍भि‍न्‍न महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर अंशधारकों के बीच चर्चा शुरू की जाए। इस संबंध में औद्योगकि‍ नीति‍ और संवर्द्धन वि‍भाग द्वारा नीति‍ के वि‍भि‍न्‍न पहलुओं पर पांच वि‍मर्श पत्र जारी कि‍ये गये और उन पर टि‍प्‍पणि‍यां मांगी गयीं। ये वि‍मर्श पत्र रक्षा क्षेत्र / मौजूदा उपक्रमों के मामले में तकनीकी सहयोग / भारत में गठजोड़ / नकद से अलग हि‍स्‍सेदारी पर वि‍चार से जुड़े वि‍षय तथा सीमि‍त उत्‍तरदायि‍त्‍व हि‍स्‍सेदारी के मामले में प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश वि‍षयों पर जारी कि‍ये गये थे। सभी मामलों में परामर्श प्रक्रि‍या पूरी की जा चुकी है।

दि‍ल्‍ली मुंबई औद्योगि‍क गलि‍यारा

दि‍ल्‍ली मुंबई औद्योगि‍क गलि‍यारे का लक्ष्‍य वैश्‍वि‍क प्रति‍स्‍पर्धी माहौल के मजबूत आर्थि‍क आधार बनाना और सतत वि‍कास के साथ नि‍वेश बढ़ाना तथा स्‍थानीय व्‍यापार को तेज करने के लि‍ए नवीनतम तकनीक से युक्‍त अवसंरचना उपलब्‍ध कराना है। पूरे गलि‍यारा क्षेत्र में इस परि‍प्रेक्ष्‍य में व्‍यक्‍ति‍गत नि‍वेश संभावनाओं और वि‍कास योजनाओं पर वि‍चार के लि‍ए सभी छह राज्‍यों को परामर्शी संस्‍थाएं उपलब्‍ध करायी गयी हैं। पूरे गलि‍यारा क्षेत्र के लि‍ए परि‍प्रेक्ष्‍य योजनाएं तैयार हो चुकी हैं। कंसेप्‍ट टाऊनशि‍प संबंधी योजना का प्रारूप महाराष्‍ट्र सरकार को सौंपा जा चुका है।

गलि‍यारे से जुडी सभी छह ऊर्जा परि‍योजनाओं को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के नि‍यमों के अनुकूल संदर्भि‍त शर्तों की पहले चरण की मंजूरी मि‍ल चुकी है और गैस आपूर्ति‍ के लि‍ए मेसर्स भारतीय गैस प्राधि‍करण (गेल) के साथ समझौता हो चुका है।

राष्‍ट्रीय नि‍र्माण नीति‍

प्रस्‍तावि‍त राष्‍ट्रीय नि‍र्माण नीति‍ के मुख्‍य लक्ष्‍य और महत्‍वपूर्ण बि‍न्‍दु इस प्रकार हैं:

(अ) सकल घरेलू उत्‍पाद में नि‍र्माण क्षेत्र की हि‍स्‍सेदारी 2022 तक 25 प्रति‍शत पर पहुंचाना;

(आ) क्षेत्र के मौजूदा रोजगार स्‍तर को दोगुना करना

(इ) घरेलू मूल्‍य संवर्धन स्‍तर को बढ़ाना

(ई) क्षेत्र की वैश्‍वि‍क प्रति‍स्‍पर्धा बढ़ाना और

(उ) देश को एक अंतरराष्‍ट्रीय नि‍र्माण केंद्र बनाना

इस नीति‍ का लक्ष्‍य वि‍श्‍व स्‍तरीय अवसंरचना के नि‍र्माण, लाभकारी व्‍यापारि‍क माहौल की स्‍थापना, प्रौद्योगि‍क नवप्रवर्तन के लि‍ए बेहतर तंत्र का नि‍र्माण (खास कर हरि‍त नि‍र्माण के क्षेत्र में) उद्योग से जुड़े कौशल उन्‍नयन और उद्यमि‍यों को आसानी से पूंजी उपलब्‍ध कराने के लि‍ए तंत्र वि‍कसि‍त करना है।