कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बातचीत करते हुए एक सवाल के उत्तर में प्रतिप्रश्न किया कि पिछले चुनाव में जब कांग्रेस-राकपा गठबंधन के बावजूद विधान सभा की कुल 288 सीटों में राकपा के मुकाबले कांग्रेस को कम सीटें मिली थी तो क्या अपने बूते कांग्रेस बहुमत पाने की गलतफहमी पाल सकती है ? उन्होंने कहा कि सत्ता हांसिल करने के लिए गठबंधन दोनों दलों की राजनीतिक मजबूरी है।

राज्य विधान सभा चुनाव के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने राजधानी पहुंचे मुख्य मंत्री अशोक चव्हान ने कहा कि इस बारे में अगले दल दिनों में स्थिति साफ हो जायेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन को लेकर उनकी सोनिया गांधी से कोई बातचीत हुई ? उन्होंने कहा कि उनसे हुई बातचीत को हम सार्वजनिक नहीं कर सकते।

गठबंधन के बारे में पूछे गए अनेक सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा के विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग स्थिति है लिहाजा इस बारे में कोई भी फैसला चुनाव को लेकर गठित ए.के.एंटोनी की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय केंद्रीय समिति और पार्टी हाई कमान को करना है। गठबंधन के बारे में उनकी खुद की राय पूछे जाने पर श्री चव्हान ने कहा-मेरी अपनी राय का कोई मतलब नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस बहुसंख्यक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की सोच रही है ? चव्हान ने कहा-सभी चुनाव क्षेत्रों का जायजा लिया जा रहा है और उसके आधार पर ही कोई फैसला किया जा सकेगा। राज्य सभा के खाली हुई तीन सीटों पर उम्मीदवारों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके हिस्से की जो सीटें हैं उन्हें दी जायेगी। केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिन्दे का लोक सभा के लिए चुने जाने से खाली हुई सीट पर केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख को मनोनीत किया जायेगा। सुप्रिया सूले और प्रफुल्ल पटेल की सीटें राकपा की सीटें हैं।

पिछले दिनों महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों क्रमशः नारायण राणे और विलास राव देशमुख के बीच राजधानी में हुई मुलाकात के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अशोक चह्वान ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे मीडिया से मिली है। मुझे बताया गया है कि दोनों नेता आपस में चाय-पानी के लिए मिले थे। मैं भी उम्मीद करता हूं कि मुझे भी चाय पर आमंत्रित किया जायेगा....।

मुख्यमंत्री ने इस बात से इंकार किया कि पार्टी और सरकार के बीच कोई मतभेद है। लेकिन उन्होंने माना कि कुच्छेक मुद्दों पर थोड़ा –बहुत मतभेद हो सकता है । पर इसका कोई बड़ा अर्थ नहीं निकाला जाना चहिए। मुख्य मंत्री ने सोनिया गांधी के अलावा पार्टी के महाराष्ट्र मामलों के केंद्रीय महामंत्री ए.के. एंटोनी और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल से भी मुलाकात की। #