पार्टी सूत्रों ने बताया कि गत लोक सभा चुनाव में राकांपा को राज्य में मिली सीटों के मद्देनजर वह तोलमोल करने की स्थिति में नहीं है। लिहाजा तयशुदा ऱणनीति के तहत कांग्रेस राज्य में पार्टी को सत्ता में बनाये रखने क लिए राकांपा के साथ चुनावपूर्व गठबंधन बनाये रखना चाहती है। कांग्रेस का आकलन है लगातार तीसरी दफा सत्ता पाने के लिए गठबंधन को बनाये रखना जरूरी है। राज्य में वर्ष 1999 से कांग्रेस-राकांपा लगातार सत्ता पर कबिज है।
पार्टी में महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी महामंत्री और रक्षा मंत्री ए.के.एंटोनी राकांपा के साथ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर राज्य के पार्टी सांसदों के साथ पहले ही विचार-विमर्श कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों ने राज्य से प्राप्त रिपोर्ट के हवाले से बताया कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर रखने के लिए दोनों धर्मनिरपेक्ष दलो का आपस में गठजोड़ बनाये रखना जरूरी है।
लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली अपेक्षित सफलता के मद्देनजर राज्य के पर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हान व पार्टी महासचिव दिग्वजय सिंह ने अकेला चुनाव लड़ने की वकालत की थी। उक्त नेताओं का काहना था कि प्रर्याप्त सीटें नहीं मिलने की स्िथित में पार्टी चुनाव बाद गठजोड करेगी। लेकिन पार्टी उनकी राय को किनारा लगा कर राकांपा के साठ चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
राज्य विधान सभा के चुनाव एसे समय में हो रहा है जब देश में मंहगाई , सूखे सी स्थिति और विपक्ष का कुनबा विखरता नजर आ रहा है। हालांकि पार्टी ने माना कि इस बार गठबंधन को सत्ता विरोधी रुझान का एक हद तक सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस कार्य समिति एक सदस्य ने राज्य में चुनावी संभावनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस अपने बूते अकेला चुनाव लड़ने का साहस भी करे तो उसे इस बार न केवल शिवसेना , भाजपा , मनसे और प्रस्तावित तीसरा मोर्चा बल्कि राकांपा से भी कड़ा मुकाबला करना पड़ता।
पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला मराठवाड़ा क्षेत्र जहां से विलासराव देशमुख और मुख्यमंत्री अशोक चव्हान आते हैं,वहां पार्टी को लातूर और नांडेड़ में महज दो सीटें मिल सकीं जबकि ओसमानाबाद में बहुत ही कम वोट से राकांपा चुनाव जीत सकी। इस क्षेत्र में भाजपा-शिवसेना गठजोड़ को पांच सीटे मिली। विदर्भ और उत्तरी महाराष्ट्र में भगवा का खासा प्रभाव है। गत लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें मिली जबकि राकांपा को 8 सीटें मिल सकी। शिव सेना ने 11 सीटें जीती। भाजपा को राकांपा से अधिक 9 सीटे मिली।
महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा मिलकर लड़ेंगी चुनाव
ज्ञान पाठक - 2009-08-03 14:05
नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव कांग्रेस ने राकांपा के साथ मिल कर लड़ने का सिद्धांत रूप से फैसला कर लिया है। दोनों दलों के बीच सीटों के बटवारे को लेकर बातचीत का सिलसिला शीघ्र ही शुरू होने की संभावना है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हम ‘समय’ के साथ चलना चाहते हैं। उनका इशारा राकांपा का चुनाव चिन्ह घड़ी की तरफ था।