डीजीएफटी ने 29 दिसम्बर, 2010 को नीतिगत प्रपत्र जारी किया है जिसमें डीजीएफटी के कार्यालय द्वारा निर्यात अनुबंध के पंजीकरण के तौर-तरीकों और शर्तों की घोषणा की गई है। पंजीकरण के तौर-तरीकों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-
• नीतिगत प्रपत्र के साथ-साथ घटनाओं की निर्धारित तिथियां भी डीजीएफटी की वेबसाइट पर डाल दी गई हैं।
• मानवीय बांधाओं से बचने के लिए आवेदन पत्र निर्दिष्ट ई-मेल पते पर ऑन लाइन ही प्राप्त किये जाएंगे। आवेदन 31 दिसम्बर, 2010 को दोपहर 12 बजे से 6 जनवरी, 2011 को सांय 5 बजे तक प्राप्त किए जाएंगे।
• आवेदन पत्र का नमूना निर्धारित किया गया है और उसे डीजीएपफटी की वेबसाइट पर नीतिगत प्रपत्र के साथ-साथ प्रदर्शित किया गया है।
• आवेदन पत्रों की जांच के आधार पर निर्यात के लिए कपास की उपलब्ध मात्रा को यथानुपात आधार पर आबंटित किया जाएगा।
• अनुबंधों के पंजीकरण के लिए प्रति आईईसी एक लाख गांठों की सीमा होगी।
• अक्तूबर 2010 महीने में जिन निर्यात ने निर्यात अनुबंधों का पंजीकरण प्राप्त किया था, पर पूरी मात्रा में निर्यात नहीं कर पाये थे, उन्हें निर्यात में कमी की सीमा तक यथानुपात आबंटन में कमी करके उन्हें हतोत्साहित किया जाएगा।
• आबंटन के बाद आवेदकों को निर्यात अनुबंध जमा कराने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।
• समय सीमा में र्निधारित दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले आवेदकों को पंजीकरण प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे।
• समय पर दस्तावेज पेश न करने वाले आवेदकों को अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह भावी आबंटन का अपना अधिकार भी खो बैठेगा।
• निर्धारित समय में (25 फरवरी, 2011 तक) पंजीकृत मात्रा में निर्यात न करने वाले निर्यातकों को भावी आबंटन से बेदखल किया जाएगा। साथ ही विदेश व्यापार (विकास और नियमन) के अधीन उन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
भारत
कपास र्नियात के अनुबंधों के पंजीकरण के लिए नये तौर-तरीके
विशेष संवाददाता - 2010-12-30 17:48
नई दिल्ली: वाणिज्य विभाग ने दिनांक 16 दिसम्बर, 2010 की अधिसूचना संख्या 12 द्वारा र्निधारित किया है कि कपास के निर्यात अनुबंधों को डीजीएफटी के पास पंजीकृत कराना होगा।