डा. मनमहोन सिंह सरकार में शामिल किये गए पार्टी के चार महासचिवों की जगह नए पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी कबायद शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कुछ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौजूदा मंत्रियों की संख्या 79 है जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। मंत्रिमंडल की निर्धारित संख्या के तहत तीन अन्य मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। संसद के दोनों सदनों के दस फीसदी सदस्य ही सरकार में शामिल हो सकते हैं। जिन तीन मंत्रियों को सरकार में शामिल किये जाने की संभावना है उनमें तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्याय के अलावा कांग्रेस के दो मंत्री शामिल किये जायेंगे। जिन दो अन्य मंत्रियों को सरकार में शामिल किये जाने ते संकेत मिले हैं उनमें राज्य सभा सदस्य श्रीमती मोहसिना किदबई और राज्य सभा के उप सभापित के. रहमान खान शामिल हैं। श्री खान कर्नाटक से राज्य सभा सदस्य हैं जबकि श्रीमती किदबई उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की सदस्य हैं। उर्बरक व रासायन मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीकांत जेना को कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की संभावना है। श्री जेना वी.पी. सिंह की तीसरे मोर्चे की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

सरकार में शामिल चार से अधिक मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय और विभाग हैं उनमें ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ पंचायती राज मंत्रालय का भी काम देख रहे सी.पी. जोशी से एक मंत्रालय वापस लिया जा सकता है। आवास व गरीबी उनमूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कुमारी शैलजा के पास पर्यटन मंत्रालय की भी अतिरिक्त जिम्मेवारी है। जबकि कोयला मंत्री श्रीकाश जायसवाल संसदीय कार्य मंत्रालय में भी राज्य मंत्री का काम देख रहे हैं। राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हान के पास प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा कार्मिक, पेंशन , संसदीय कार्य के अलावा विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय की जिम्मेवारी भी है उनसे कुछ मंत्रालयों का काम वापस लेकर उनका बोझ कम किया जा सकता है।

हाल में संपन्न हुए संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय कुछ मंत्रियों के काम से असंतुष्ठ है। जजों की संपत्ति को सार्वजनिक करने संबंधी विधेयक को लेकर सरकार की हुई फजीहत से प्रधानमंत्री कार्यालय कानून मंत्री एम.वीरप्पा मोइली से संतुष्ठ नहीं है। सत्तारूढ़ और विपक्ष का मूड भांपे बगैर विधेयक पेश करने और समर्थन नहीं मिलने पर उसे वापस लेने से सरकार की संसद में फजीहत हो चुकी है। इससे पहले कानून मंत्री ने समलैंगिकता के बारे में विवादास्पद बयान देकर सरकार और पार्टी को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उर्बरक और रासायन मंत्री डीएमके नेता अझगिरी का संसद में खराब प्रर्दशन से प्रधानमंत्री कार्यालय संतुष्ठ नहीं है।

इसके साथ ही पार्टी के चार महासचिवों क्रमशः पृथ्वीराज चव्हान , रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी ,सामाजिक न्यया. व अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ,वी .नारायणमी और वीरप्पा मोइरली को मंत्री बनाये जाने के बाद उनके स्थान पर पार्टी ने नए लोगों को संगठन में शामिल करने को लेकर बातचीत कासिलसिला शुरू कर दी है।#