इसके बाद दो अन्य विकल्पों में से एक यह था कि उचित प्राधिकरण से मंजूरी लेने के बाद निर्मित किए एफएसआई के अंतर्गत आने वाले निर्माण से अतिरिक्त बनाए गए भवन को ढहा दिया जाए और दूसरा विकल्प यह था कि इस अतिरिक्त निर्मित भाग को सरकार के अधिकार में दिए जाने की सिफारिश की जाए और सरकार द्वारा यह फैसला किया जाए कि उस निर्मित भाग का क्या उपयोग किया जाएगा ।
पर्यावरण वन तथा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयराम रमेश ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि अतिरिक्त निर्माण को खारिज कर दिया गया, क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना 1991 के उल्लंघन की अनदेखी की जा रही है या उसे अधिकृत किया जा रहा है । एक दूसरे विकल्प को इसलिए निरस्त किया गया कि सरकार द्वारा इस अतिरिक्त निर्मित भाग का उपयोग बाद में जनहित में किए जाने के बावजूद भी यह संदेश जाता है कि तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना-1991 के उल्लंघन को नियमित किया जा रहा है । दूसरी बात यह है कि इससे सरकारी अधिकार में ले लिए जाने के बाद भी राज्य या केन्द्रीय सरकार को स्वनिर्णय के अतिरिक्त अधिकार प्राप्त हो जाते । मंत्री महोदय ने कहा कि इसलिए पहले विकल्प अर्थात संपूर्ण विवादित निर्माण को ढहाए जाने का निर्णय लिया गया है ।
मुंबई में आदर्श कोआपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी इमारत को गिराने का निर्णय
विशेष संवाददाता - 2011-01-17 12:59
नई दिल्ली: वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मुंबई की आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी इमारत को गिराने का निर्णय लिया है । तीन बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने पूरे निर्माण को गिराने का निर्णय लिया । यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यह इमारत अनाधिकृत है और तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना , 1951 का उल्लंघन है ।