बीपीएल के अतंर्गत आने वाले किसानों को खाद सब्सिडी दे कर सरकार ने गरीब किसानों का मजाक उड़ाया है।गांवों में ढूंढे ही कोई बीपीएल श्रेणी का किसान मिल सकता है जो इस सब्सिडी का लाभ उठा सके। आंगनवाड़ी कार्यकताओं को पारिश्रमिक दोगाना तीन हजार तो कर दिया गया लेकिन अभी भी यह मनरेगा मे मिलने वाली मजदूरी से कम है। बजट में मंहगाई कम करने का कोई उपाय नहीं किया गया है। रोजगार सृजन के लिए भी इस बजट में वित्त मंत्री ने कोई विशेष प्रावधान नहीं किया है। विदेशी पूंजी निवेश के लिए बजट में जो उपाय किए गए हैं,उसका असर दूरगामी वह भी आशंका से भरा हुआ है।दूरदराज के गांव और गरीबों के लिए कोई नया कार्यक्रम नहीं घोषित किया है।

सीपीएम नेता सीताराम येचूरी के अनुसार यह बजट पहले से ज्यादा बोझ बढ़ाने वाले है। इससे आर्थिक विषमता और बढ़ सकती है।उन्होंने बताया कि बजट में कर्ज ले कर बड़े लोगों केा राहत रियायत प्रदान की गयी है। इस बजट में जनता की दिक्कतों का पूरी तरह से उपेक्षा की गयी है।

बीजेपी संसदलीय दल के प्रवक्ता गोपीनाथ मुंडे का कहना है कि सरकार ने आम आदमी के साथ धोखा किया है।सड़क,पानी,बिजली,आवास आदि के लिए इस बजट में कोई योजना नहीं बनायी गयी है।सरकार ने भष्ट्ाचार रोकने के लिए ग्रुप आफ मिनिस्टर बनाने की घोषणा की है,जो पर्याप्त कदम नहीं है।उन्होंने कहा कि जिस सरकार के आठ नौ मंत्रियों पर भष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं,उससे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।काला धन के लिए पांच सूत्रीय कार्य क्रम बनाया गया है।लेकिन विदेशों से काला धन कैसे लाया जा सकेगा इसके लिए कुछ नहीं कहा गया है।

सपा अध्य्ाक्ष मुलाय्ाम सिंह ने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार देते हुए कहा कि पूरे बजट भाषण में पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्य्कों के कल्य्ााण के लिए एक शब्द नहीं कहा गय्ाा है। युवाओं एवं बेरोजगारों के लिए कोई योजना नहीं पेश की गई है और किसानों की उपेक्षा की गई है।
भाकपा के गुरुदास गुप्ता ने कहा कि य्ाह बजट पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्य्ाान में रखकर तैयार किया गया बजट है। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ अमीरों को राहत दी गयी है और आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं किया गया। सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली सपा और राजद ने हालांकि इसे कुल मिलाकर संतुलित बताया है। कांग्रेस ने इसे अर्थव्य्ावस्था की बुनिय्ााद को मजबूत करने वाला भविष्योन्मुखी बजट बताया।