संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को भले ही यह सार्वजनिक तौर पर भाजपा को अपना झगड़ा खुद निबटाने की बात कही थी लेकिन उसी झंडेवाला स्थित संघ मुख्यालय में देर रात भाजपा के चार नेताओं को बुलाकर पार्टी के पतन से बचाने के लिए मोहन भागवत ने पहले से तैयार जिस रोड मैप पर चर्चा की उससे साफ है कि भाजपा को मौजूदा संकट से निकालने की मुहिम में संघ सीधा हस्तक्षेप करने को मजबूर हुआ है। बैठक में भागवत के अलावा मदन सिंह देवी और संघ के अन्य बड़े नेता शामिल थे।
आडवाणी और मोहन भागवत के बीच और क्या बाचचीत हुई इसका खुलासा खुलासा होना अभी बाकी है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार आडवाणी ने अपने को संघ का पुराना प्रचारक और सेवक बताते हुए यह भरोसा दिया है कि संघ जैसा कहेगा वैसा करने को वह तैयार हैं।
मोहन भागवत ने जिन नेताओं को संघ मुख्यालय बुलाया था उनमें वेंकया नायडू , अरुण जेटली ,आनंत कुमार और सुषमा स्वाराज शामिल हैं। पार्टी के ये चारों नेता आडवाणी कैंप के माने जाते हैं। संघ प्रमुख ने एक टीवी चैनल से बातचीत में पार्टी का कमान युवा पीढ़ी को सौपने की आवश्यकता पर बल दिया था। संघ से जुड़े एक पुराने प्रचारक का मानना है कि श्री भागवत के इशारे को सिर्फ आडवाणी तक सीमित नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेवारी से पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपने को कैसे मुक्त समझ सकते हैं ? संघ सूत्र ने कहा कि तीन राज्यों में हो रहे विधान सभा के चुनाव से पहले पार्टी पर अपने को दुरूस्त करने का संघ का दबाव है।
पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सुषमा स्वराज को आडवाणी की जगह लोक सभा में विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है जबकि अरुण जेटली को राजनाथ सिंह की जगह पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।राजनाथ सिंह का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है। पार्टी के उपाध्यक्ष रह चुके एक सांसद ने आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच उभरे विवाद का असर पार्टी संगठन के निचले स्तर पर जा पहुचने का खतरा बढ़ गया है।#
आडवाणी –राजनाथ को बिदा करने की तैयारी
भाजपा संकट के समाधन के लिए आगे आया संघ
ज्ञान पाठक - 2009-08-29 13:23
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कल के स्पष्ट संदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी को लोक सभा में विपक्ष के नेता पद से हटाने का दबाव बढ़ता दिख रहा है। शनिवार को संघ प्रमुख से मिलने के बाद समझा जाता है कि श्री आडवाणी इस साल के अंत तक अपने पद से इस्तीफा देने पर सहमत हो गए हैं। संघ आडवाणी का शालीनतापूर्वक विदाई चाहता है।