कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता के अनुसार वाराणसी में कांग्रेस का एक दो दिवसीय सम्मेलन होगा, जिसमें पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार करेगी। राहुल गांधी उस सम्मेलन में खुद भी मौजूद रहेंगे जबकि उनकी मां सोनिया गांधी सम्मेलन के बाद होने वाली रैली को संबोधित करेंगी।

रैली की शुरुआत के लिए वाराणसी को चुना जाना खास मायने रखता है। दरअसल कांग्रेस पूवांचल को इस बार विधानसभा चुुनाव में खास तवज्जो देना चाहती है और इसके लिए ही वाराणसी को चुनावी रैली की शुरुआत के लिए चुना गया है।

आगामी चुनाव मे समाजवादी पार्टी की चुनौती का सामना करना कांग्रेस के लिए पहली प्राथमिकता है। कांग्रेस की नजर मुस्लिम मतों पर है बौर मुसलमानों का रुझान मुलायम की ओर बनता दिख रहा है। अभी हाल ही में बसपा का एक मुस्लिम विधायक पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव में पार्टी की संगठनात्मक कमजोरियों को दुरुस्त करने पर भी घ्यान दिया जाएगा। उस सम्मेलन के दौरान कमियों पर खास नजर डाली जाएगी।

कुछ दिन पहले पार्टी की एक रैली बस्ती में हुई थी। बस्ती भी पूर्वांचल में ही है। बुंदेलखंड के बांदा में भी एक रैली हुई थी। बस्ती की रैली को अच्छी सफलता मिली थी। इस रैली को केन्द्र के 6 मंत्रियों ने संबोधित किया था। रैली को संबोधित करने वाले केन्द्रीय मंत्रियों में सलमान खुर्शीद, बेनी प्रसाद वर्मा, जतिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, एसपी जायसवाल, और प्रदीप आदित्य जैन शामिल थे। फिल्म अभिनेता कांग्रेसी सांसद राज बब्बर भी रैली को संबोधित करने वालों में शामिल थे।

बांदा में हुई रैली को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने संबोधित किया था। उस रैली में भी लोग काफी तादाद में जुटे थे। इलाहाबाद के युवा कांग्रेसी नेता मयंक जोशी ने इस संवाददाता को बताया कि बांदा रैली में मंच के पास पहुंचने के लिए उन्हें कई किलोमीटर चलना पड़ा था।

कांग्रेस के प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी के बाद अगली रैली सीतापुर, लखीमपुर खीरी, और सहारनपुर में होगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री पंडित रामकृष्ण द्विवेदी ने बताया कि उन्होने हरदोई व कुछ अन्य रैलियों में शिरकत की है। वहां भारी संख्या में लोग जुट रहे हैं। भीड़ को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस फिर से अपना पुराना गौरव पाने की ओर तेजी से बढ़ रही हैं और राज्य की जनता मायावती सरकार से तंग आ चुकी है। (संवाद)