प्रधानमंत्री से भटट्ा गांव के किसानों को मिलवाने के बाद राहुल गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाए थे ,उन पर मायावती सरकार की संगीन टिप्पणी के बाद कांग्रेस प्रवक्ताओं द्वारा लीपापोती की जा रही है।मालूम हेा कि राहुल ने कहा था कि राज्य की पुलिस ने महिलाओं के साथ के बलात्कार किया है और 74 किसानों को उपले के ढेर में जला कर मार दिया गया है। राहुल की इस बात पर वहां के ग्रामवासी भी विश्वास नही कर रहे हैं। पुलिस के जुल्म से डर कर भाग गए किसान व उनके परिवार अब गांव लौटने लगे हैं।बमुश्किल से एक दर्जन से भी कम ग्रामवासी घर नहीं लौटे हैं। पुलिस व मीडिया उनका पता लगा रही है।
सवाल उठाया जा रहा है कि राहुल ने इस तरह की बातें क्यों की।इसके जबाब में यह कहा जा रहा है कि यह सब राजनीति के लिए की गयी थी , अगले वर्ष उत्तर प्रदेश मे चुनाव होने वाला है। और कांग्रेस किसानों के बीच अपनी जमीन अर्थात जनाधार तलाश रही है। राहुल की इस चुनावी राजनीति में इस तरह की रणनीति को विपक्षी दलों ने शर्मनाक बताते हुए निंदा की है। बीजेपी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन इसे महिलाओं के लिए अपमानजनक बताया है।उन्होंने सवाल किया है कि राहुल बताएं कि वे महिलाएं कौन है।
बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज के अनुसार बसपा सरकार उत्तर प्रदेश के किसानों को जख्म देती रही है और राहुल उस जख्म पर नमक छिड़क रहे हैं। उन्होेंने कहा कि कांग्रेस की बुझी हुई चिंगारी केा भट्टा परसौल जा कर हवा दे कर राहुल ने ठीक नहंी किया है। गावं की महिलाओं केा बदनाम करने का अधिकार राहुल केा नहीं है। राहुल ने गांव के किसानों के दिलों केा ठेस पहुंचाया है। कुछ इसी तरह के आरोप बसपा सरकार की मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल पर लगायी है।
राहुल के बयान के बाद उठे सवालों पर जबाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि राहुल ने इस घटना की जुडिसियल जांच की मांग है। राहुल ने जो कुछ कहा है वह प्रधानमंत्री व किसानों की बीच हुई भेंट के दौरान हुई चर्चा में उठी थी।कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने तो इसे पूरी तरह इनकार करते हुए कहा है कि राहुल ने कभी भी 74 किसानों की मौत की बात नहीं कही थी।
बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन के अनुसार सारा प्रकरण बसपा और कांग्रेस का मैच फिक्सिंग के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने इस प्रकरण की जांच संयुक्त संसदीय दल से कराने की मांग केंद्र सरकार से की है।
मुआवजा की जंग में पहले जान फिर इज्जत लगी दाव पर
एस एन वर्मा - 2011-05-18 13:41
दिल्ली। पहले मंहगाई और फिर घपलों और घोटालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस व केंद्र सरकार कोेई न केाई प्रपंच रचती रही है।कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का ग्रेटर नोएडा के भट्टा गांव का दौरा और उसके बाद के घटनाक्रम केा इसी नजरिए से देखा जा रहा है। इसके पहले अन्ना हजारे व सिविक सोसायटी के लोगों केा बदनाम करने केे लिए कांग्रेसियांे द्वारा बयानबाजी का दौर चला था। भ्रष्टाचार के कारण देश की गरीब जनता मंहगाई की चक्की में पीस रही है। राहत देने के बजाए पेट्ोल की कीमत बढ़ा दी जाती है। फिर गरीबों व किसानों का मसीहा बनने का ढांेग किया जाता है।