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एक ठोस डेटा संरक्षण प्रणाली की आवश्यकता है

भारत सही राह पर है, लेकिन धीमी गति से आगे बढ़ रहा है
आशीत कुमार श्रीवास्तव - 2021-05-13 09:50
यह 2017 था, जब सुप्रीम कोर्ट ने के.एस. पुट्टस्वामी केस में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकारों के एक भाग के रूप में मान्यता दी। इसके अलावा, यह भी महसूस किया कि डिजिटल गोपनीयता स्थानिक गोपनीयता जितना ही हत्वपूर्ण है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और संजय किशन कौल सम्मानजनक उल्लेख के पीठ ने यह फैसला सुनाया था।

कोविड-19 की दूसरी लहर रोजगार समाप्त कर रही है

आर्थिक सुधार तबाह हो गया है और जीडीपी सिकुड़ रहा है
ज्ञान पाठक - 2021-05-11 11:26
फरवरी 2021 से शुरू हुई कोविड 19 की दूसरी लहर न केवल भारत में आर्थिक सुधार को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, बल्कि इससे जीडीपी में संकुचन का भी खतरा है और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी में तेज उछाल आया है। एसएंडपी के मध्यम और गंभीर नकारात्मक परिदृश्य ने भारत के विकास के लिए 1.2 - 2.8 प्रतिशत अंक का अनुमान लगाया है, और नवीनतम सीएमआईई की 30-दिवसीय चलती औसत बेरोजगारी की दर 9 मई 2021 को 8.2 प्रतिशत है, जो 2.5 प्रतिशत की वृद्धि है पिछले महीने की तुलना में।

बाजार और कालाबाजार

क्या यही भारत की नियति है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-10 12:24
भारत में हम दो बड़ी घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी हैं। एक घटना तो कोरोना संकट है, जिसका सामना करने में सरकार न केवल विफल रही है, बल्कि इस संकट का समाधान करने की जगह उसने इस आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करने की नीति बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे कई बार कह भी चुके हैं कि यह अपदा उनके लिए अवसर है। वे शब्दों का जाल फेंकते हुए वे कहते हैं कि इस आपदा का इस्तेमाल वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कर रहे हैं, लेकिन आत्मनिर्भर से उनका मतलब क्या है, इसे वे कभी भी स्पष्ट नहीं करते। वैसे एक आम समझ वाली व्यक्ति देश की आत्मनिर्भरता से यही अर्थ लगाता है कि हमारा देश अब विदेशों पर निर्भर नहीं रहेगा।

अगर विश्वसनीय विकल्प हो तो भाजपा को हराया जा सकता है

केरल ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कर रास्ता दिखाया है
बिनॉय विश्वम - 2021-05-08 09:35
जब संघ परिवार के प्रचार तंत्र कोविड संकट के दौरान मोदी का महिमागान कर रहे थे, पांच भारतीय राज्यों के लोगों ने तब एक अलग कहानी लिखी। वे अपना फैसला लेकर आए। ये राज्य देश के दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी प्रतिक्रिया भारत के समकालीन इतिहास पर समग्र रूप से निर्विवाद प्रभाव छोड़ती है। बेशक, चुनावी नतीजों की प्रकृति सभी पांच राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में समान नहीं थी। लेकिन लोगों के फैसले का निष्कर्ष काफी हद तक भाजपा के लालची खेल योजना के लिए एक गंभीर झटका था। भाजपा को केरल, तमिलनाडु और बंगाल में एक स्पष्ट निहितार्थ का सामना करना पड़ा और उस आघात की भरपाई असम और पांडिचेरी में छोटी जीत से नहीं की जा सकती है। लोगों द्वारा भाजपा से जुड़े अजेयता टैग को फाड़ दिया गया।

पंचायत चुनावों में बीजेपी को तगड़ा झटका

अयोध्या, वारणसी और मथुरा - सभी जगह पार्टी हारी
प्रदीप कपूर - 2021-05-07 10:44
लखनऊः जिला पंचायत चुनाव में अयोध्या, वाराणसी (काशी) और मथुरा में हारने पर भाजपा को तगड़ा झटका लगा। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात क्या हो सकती है कि वह इन तीन हिंदू गढ़ों में हार गई। बीजेपी ने अयोध्या के नाम पर हिंदुत्व की लहर पर सवार होकर इतने सारे चुनाव जीते, जहां एक भव्य मंदिर बनाया जा रहा है।

भाजपा की असली हार बंगाल में नहीं, यूपी में हुई है

किसान आंदोलन ने बीजपी के पैरों के नीचे की मिट्टी खिसका दी है
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-07 06:00
बंगाल की अपनी हार को भी भाजपा जीत बता सकती है, क्योंकि उसने अपना आंकड़ा 3 से बढ़ाकर 77 कर लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश के पंचायती राज चुनावों में भाजपा अपनी हार का विश्लेषण किस प्रकार करेगी? वहां ग्राम पंचायतों के प्रधानों और ब्लॉक विकास समितियों के सदस्यों का चुनाव पार्टी सिंबॉल पर नहीं होते, लेकिन जिला विकास परिषद के सदस्यों के चुनाव पार्टी के सिंबॉल पर ही होते हैं और भारतीय जनता पार्टी समेत सभी राजनैतिक दल जिला पंचायतों के चुनाव पार्टी के स्तर पर ही लड़ रहे थे।

पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर सारे एक्जिट पोल गलत

इस बार भी एग्जिट पोल हमेशा की तरह बकवास साबित हुए
अनिल जैन - 2021-05-05 14:06
एक बार फिर साबित हुआ कि किसी भी चुनाव में मतदान का सिलसिला खत्म होने के बाद टीवी चौनलों पर दिखाए जाने वाले एग्जिट पोल की कवायद पूरी तरह बकवास होती है। पश्चिम बंगाल के मामले में लगभग सभी टीवी चौनलों और सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल औंधे मुंह गिरे हैं। हालांकि तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव नतीजे एग्जिट पोल्स के अनुमानों के मुताबिक ही आए हैं लेकिन विभिन्न दलों या गठबंधनों को मिली सीटों की संख्या एग्जिट पोल्स के अनुमानों से बिल्कुल अलग है।

यह गर्मी भाजपा को पड़ रही है भारी

ममता अब दिल्ली के लिए भी दावा कर सकती है
अमूल्य गांगुली - 2021-05-04 10:41
यह भाजपा के लिए और व्यक्तिगत रूप से प्रधान मंत्री के लिए एक बुरा सप्ताह रहा है। न केवल नरेंद्र मोदी को पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में कोविद संकट के लिए पहले से आकलन करने और फिर स्थिति से निपटने में असफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, बलि उनकी पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक व्यापक चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। उनकी पार्टी द्वारा 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया जा रहा था, लेकिन वह दावा खोखला साबित हुआ और 294 सीटों वाली राज्य विधानसभा में उसके हाथ मात्र 77 सीटें लगीं।

बंगाल ने भारत को बचा लिया

भाजपा के लिए चुनावी जीत ही सबकुछ क्यों होती है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-04 02:26
वैसे चुनाव तो पांच राज्यों में हो रहे थे, लेकिन देश की राष्ट्रीय राजनीति के लिए पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था। भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को जीतने के लिए सबकुछ दांव पर लगा रही थी। सच कहा जाय, तो उसने उस चुनाव को जीतने के लिए देश को ही दाव पर लगा दिया था। जब पूरा देश कोरोना की दूसरी बहुत तेज लहर के आगोश में था, तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपना सारा ध्यान, सारी ऊर्जा और सारा समय पश्चिम बंगाल को ही दे रहे थे, जबकि केन्द्र की सारी ताकतें इन दोनों नेताओं ने अपने अंदर केन्द्रित कर ली थी और केन्द्र से उनकी अनुपस्थिति ने ऐसे पॉलिसी पारालिसिस को पैदा कर दिया था कि देश के स्वास्थ्य मंत्री और कोरोना पर बने टॉस्क फोर्स को भी यह नहीं पता था कि क्या किया जाना है। पीएम और एचएम की अनुपस्थिति में उन लोगों का वही टोटा रटंत काम रह गया था कि हम दुनिया के अन्य देशों से बेहतर स्थिति में हैं।

कोविड वैक्सिन की कीमतों में घपलेबाजी

कॉर्पोरेट के मुनाफे के लिए मोदी ने लोगों को धोखा दिया
प्रभात पटनायक - 2021-05-01 10:35
जब देश सदी के सबसे खराब स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है, तो कोविड वैक्सीन उत्पादकों ने मोदी सरकार की अक्षमता या संलिप्तता का फायदा उठाते हुए मुनाफाखोर अपनी चांदी कर रहे हैं। इसे आप क्या कहेंगे?