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महामारी से सबकः बम नहीं, अस्पताल बनाओ

कोविड विस्फोट ने स्वास्थ्य अराजकता पैदा कर दी है
डॉ अरुण मित्रा - 2021-04-30 12:47
भले ही दुनिया कोविड महामारी से गहरे संकट में है, लेकिन सीमित संसाधनों वाले देशों के निम्न और मध्यम आर्थिक समूह में भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। पहली बार इस बात का अहसास होता है कि हमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए विशाल संसाधनों और सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता है। दुनिया भर के सभी देशों में समाज के प्रत्येक वर्ग को आवश्यक सुविधाएं मिलती हैं और वहां स्वास्थ्य सेवा में असमानता नहीं है। देखभाल की उच्च लागत आर्थिक रूप से मध्यम और गरीब वर्गों को ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता को प्रभावित कर रही है।

यूपी पंचायत चुनाव बन गए हैं कोरोना सुपर-स्प्रेडर

विपक्ष ने आक्सीजन उपलब्धता के सरकारी दावों को खारिज किया
प्रदीप कपूर - 2021-04-29 09:36
लखनऊः पंचायत चुनाव में अपनी ड्यूटी करते हुए बीते 10 दिनों में 125 से ज्यादा शिक्षक, शिक्षा मित्र और प्रशिक्षकों की मौत हो गई है। यह चुनाव कोरोना का सुपर स्प्रेडर साबित हो रहा है।

मोदी के नेतृत्व ने भारत को नर्क बना दिया है

अब दलदल से देश को निकालने की जिम्मेदारी किसी और के सिर डाल रहे हैं
ज्ञान पाठक - 2021-04-28 11:09
पूरे भारत में अस्पताल भरे पड़े हैं। न तो मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड उपलब्ध हैं, न ही श्मशान या कब्रिस्तान में जगह उपलब्ध है। भर्ती होने के लिए मरीजों की लंबी कतार लगी रही। ऑक्सीजन, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और संसाधनों की भारी कमी है। शवों का निपटान करने के लिए भी आवश्यक संसाधन नहीं हैं। ऐसा लगता है कि भारत को नरक बना दिया गया है, जिसमें हम नए रोगियों और मौतों के भयानक दैनिक रिकॉर्ड देख रहे हैं, जो एक ही दिन में नए कोविड-19 संक्रमण के 3.62 लाख और 3000 से अधिक मौत नए शिखर पर पहुंच गए हैं। अगर आरबीआई के आकलन पर भरोसा किया जाए, तो मई के तीसरे सप्ताह के अंत में यह दूसरी लहर अपने चरम पर होगी। भारत में जल्द ही सड़कों पर बिखरे शव मिल सकते हैं।

क्या नरेन्द्र मोदी कोरोना वायरस के ‘सुपर स्प्रेडर’ हैं?

प्रधानमंत्री को उठ रहे सवालों का जवाब तो देना ही होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-04-27 10:19
कोरोना संकट की दूसरी लहर के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराने वाले लोगों की कमी नहीं है। उन पर तरह तरह के आरोप लग रहे हैं। थाली- ताली बजाने का मामला हो या दीया जलाने का मामला या डॉक्टरों पर फूल बरसाने का मामला, इन सबके लिए उनकी आलोचना हो रही है। ताजा मामलों में उन्होंने 11 अप्रैल से कुछ दिनों के लिए टीका उत्सव मनाने का फैसला कर लिया। लोग ज्यादा संख्या में टीका लेने के लिए जुटे भी, लेकिन टीका केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में टीका ही नहीं उपलब्ध थे। इस कथित उत्सव की विफलता के लिए भी मोदी की आलोचना हुई।

असम में पार्टियों को चुनावी नतीजे का इंतजार

भाजपा जीत के प्रति पहले की तरह आश्वस्त नहीं
सागरनील सिन्हा - 2021-04-26 10:26
असम में चुनाव 6 अप्रैल को संपन्न हुए और 2 मई को नतीजे आएंगे - क्योंकि अभी भी पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म नहीं हुए हैं। राज्य के लोग - और देश भी - उत्सुकता से परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रमण से अपेक्षाएं

वे अदालतों को डिजिटल बना सकते हैं
परसा वेंकटेश्वर राव जूनियर - 2021-04-24 11:05
इस बात को लेकर अटकलें हैं कि भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण किस तरह का निर्णय लेंगे। कुछ कह रहे हैं कि वह उस तरह के जज नहीं हैं जो कार्यपालिका से टकराएं। न ही वह अपने कानूनी घोषणाओं के माध्यम से लहर का कारण बनेंगे। उनका शांत कार्यकाल होगा।

बंगाल की भयावह तस्वीर तो चुनाव के बाद सामने आएगी

भाजपा नेताओं की सत्ता की हवश उस तबाही का कारण होगी
अनिल जैन - 2021-04-23 10:36
पश्चिम बंगाल में जहां इस समय विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, कोरोना का संक्रमण बुरी तरह फैल चुका है। चूंकि राज्य का समूचा प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन काम कर रहा है, लिहाजा संक्रमण और मौतों के सही आंकडें सामने नहीं आने दिए जा रहे हैं। सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि उससे सटे बिहार और झारखंड में भी हालात बेहद भयावह है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के लिए भीड इन दोनों राज्यों से भी जुटाई जा रही है। इन तीनों ही राज्यों की सही तस्वीर अभी मीडिया भी पेश नहीं कर रहा है, क्योंकि उसका पूरा ध्यान उन ‘हत्यारी’ चुनावी रैलियों और रोड शो का सीधा प्रसारण करने में लगा है, जिनका आयोजन ‘ऐतिहासिक बेशर्मी’ के साथ किया जा रहा है।

कोरोना से निबटने की कोई समझ ही नहीं है मोदी के पास

वे क्षुद्र राजनीति और चुनाव प्रचार में ही उलझे हुए हैं
डॉ अरुण मित्रा - 2021-04-22 11:27
प्रधानमंत्री ने कुंभ में तीर्थयात्रियों को वापस जाने की अपील करने में बहुत देर कर दी है कि कुंभ को अब प्रतीकात्मक होना चाहिए। क्षति पहले ही हो चुकी है। यदि वर्तमान में कुंभ के लोग जगह खाली करना शुरू करते हैं, तो क्षेत्र के पूरी तरह से मुक्त होने में कई दिन लग सकते हैं। ये लोग पूरे देश से आए हैं और अब घर लौटकर वे वायरस को ग्रामीण इलाकों में भी ले जाएंगे, जहां आज तक इस बीमारी का कम प्रकोप है।

पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन सकता है

सीपीआई अतुल अंजान ने कोविड प्रबंधन के घ्वस्त होने के लिए योगी सरकार को कोसा
प्रदीप कपूर - 2021-04-21 10:18
लखनऊः भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में अराजक स्थिति के लिए राज्य प्रशासन के पतन को जिम्मेदार ठहराया है। अतुल अंजान ने कहा कि जब इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दूसरी लहर की गंभीरता के बारे में चेतावनी दी थी तो स्थिति से निपटने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कोई तैयारी नहीं की गई।

अनुशासनहीनता हमारा राष्ट्रीय चरित्र बन गई है

हमें अपने इस चरित्र को बदलना पड़ेगा
एल एस हरदेनिया - 2021-04-20 09:49
जब नेपोलियन रूस से हार कर वापस आया तो उससे हार का कारण पूछा गया। उसका उत्तर था, ‘मुझे लेफ्टिनेंट जनरल फ्रास्ट ने हराया है’ (फ्रास्ट बाईट अत्यधिक बर्फीली सर्दी में होने वाली खतरनाक बीमारी है)। इसी तरह यदि कोई मुझसे पूछे कि कोरोना की भयावह दूसरी लहर का मुख्य कारण क्या है? तो मेरा उत्तर होगा ‘अनुशासनहीनता’। मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि अनुशासनहीनता हमारे खून में प्रवेश कर गयी है। किसी देश में अनुशासन है या नहीं इसका अंदाजा उस देश की सड़कों को देखकर लगाया जा सकता है। हमारे देश में अक्सर यह देखने को मिलता है कि बत्ती लाल होने के बावजूद वाहन चालक उसकी परवाह किये निकल रहे हैं। समाचारपत्रों में छपी एक खबर के अनुसार मोटर साइकिल पर सवार चार लोगों की एक दुर्घटना में मौत हो गयी। इस खबर से यह स्पष्ट होता है कि हमारे देश में चार लोग मोटर साइकिल पर बैठते हैं। सड़कों पर कभी अनुशासन का पालन नही होता है।