आंकडों की बाजीगरी और खुद की पीठ थपथपाने की कवायद
यूरोप- अमेरिका से क्यों, एशिया से तुलना क्यों नहीं?
2020-10-23 08:57
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कोरोना काल में पिछले सात महीने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात मर्तबा राष्ट्र से मुखातिब हो चुके हैं। यानी औसतन हर महीने एक बार। राष्ट्र के नाम अपने हर संदेश में उन्होंने कोरोना संक्रमण की भयावहता से तो देश को आगाह किया है, लेकिन दो महीने से भी ज्यादा समय तक लागू रहे देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन के चलते आर्थिक रूप से बुरी तरह टूट चुके और अपनी नौकरियां गंवा बैठे लोगों को आश्वस्त करने जैसी कोई बात एक बार भी नहीं की है। राष्ट्र के नाम उनके सातवें संबोधन में भी कुछ नई और ठोस नहीं रही।