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दीनदयाल उपाध्याय और दलबदल

भाजपा ने अपने संस्थापक के निर्देशों का उल्लंघन किया है
एल एस हरदेनिया - 2020-03-21 10:36
दलबदल एक ऐसा संक्रामक रोग है जो हमारी संसदीय व्यवस्था को खोखला कर रहा है। इस रोग की गंभीरता को अन्य लोगों के अलावा जनसंघ के संस्थापक और भारतीय जनता पार्टी के लाखों सदस्यों के प्रेरणास्त्रोत दीनदयाल उपाध्याय ने भी समझा था। उन्हांेने 27 फरवरी 1961 को लिखे एक लेख में कहा था कि ‘‘प्रजातंत्र में एक से अधिक पार्टी होना स्वाभाविक है। इन पार्टियों को एक प्रकार के पंचशील को अपनाना चाहिए तभी स्वस्थ परंपराएं कायम हो सकेंगी। यदि वैचारिक और सैद्धांतिक आधार पर दलबदल होता है तो वह कुछ हद तक न्यायोचित माना जा सकता है। अन्य किसी भी आधार पर या कारण से होता है तो उसे उचित नहीं माना जा सकता। यदि ऐसी स्थिति हो कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिले या बहुत कम अंतर से बहुमत मिले और राजनैतिक दल सत्ता हथियाने के लिए अनैतिक तरीके अपनाकर बहुमत हासिल करने का प्रयास करें तो यह बहुत गलत होगा।
मध्यप्रदेश का राजनीतिक संकट

क्या वाकई कमलनाथ की सरकार अल्पमत में थी?

कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भी भाजपा की राह नहीं है आसान
राजु कुमार - 2020-03-20 11:23
पिछले 10 दिनों से मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक का एक संभावित परिणाम सामने आ ही गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लाल जी टंडन को अपना इस्तीफा दे दिया। इस तरह मध्यप्रदेश में 15 महीने से सत्ता पर काबिज कांग्रेस आज सत्ता से बाहर हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 20 मार्च को कांग्रेस को सदन में बहुमत साबित करना था, लेकिन विधायकों की संख्या कम होने से कांग्रेस के लिए सदन में अपना बहुमत साबित करना संभव नहीं था।

कोरोनावायरस से बचकर रहना ही एकमात्र विकल्प

भारत की स्वास्थ्य सेवा बड़े पैमाने पर इसका सामना करने में अक्षम
निपुण सक्सेना - 2020-03-20 11:16
रूढ़िवादी अनुमानों के अनुसार कोरोनावायरस से ग्रस्त लोगों की मृत्यु दर 2 से 3 फीसदी के बीच है। उच्च मृत्यु दर उनपर लागू होता है जो पहले से ही बीमारियों से ग्रस्त हैं या अधिक उम्र के हैं या जिनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है।

राज्यसभा के लिए गोगोई का मनोनयन

एक बडे खतरे की आहट
अनिल जैन - 2020-03-19 11:22
भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता अरुण जेटली ने 30 सितंबर, 2012 को दिल्ली में वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी, "हमारे देश में दो तरह के जज होते हैं- एक वे जो कानून जानते हैं और दूसरे वे जो कानून मंत्री को जानते हैं। दूसरी तरह के जज रिटायर नहीं होना चाहते, इसलिए रिटायर होने से पहले दिए गए उनके फैसले रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले काम से प्रभावित होते हैं।"

कोरोना के कहर से निकट भविष्य में छुटकारा नहीं

घरबंदी के आर्थिक प्रभावों के लिए भारत हो रहा है तैयार
कल्याणी शंकर - 2020-03-18 11:10
कोरोनोवायरस प्रकोप के प्रभाव की स्पष्ट तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है। दो हफ्ते पहले तक वायरस सिर्फ एक समाचार था, लेकिन अब यह हर आम नागरिक के जीवन को छू गया है। काम से लेकर खेलने और खाने तक, आम आदमी के जीवन का हर पहलू प्रभावित हुआ है। इसने सामान्य दिनचर्या को बदल दिया है क्योंकि कई लोग अब घर से काम कर रहे हैं, सोशलाइज करना छोड़ देते हैं और रेस्तरां या सिनेमा जाना बंद कर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य से लेकर स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य तक पर ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं दिख रही है, क्योंकि कोई बाॅटम नजर नहीं आ रहा है।

कोरोना वायरस और भारत

रामनवमी आयोजनों और सामूहिक नमाजों पर रोक लगे
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-17 10:52
कोराना वायरस तेजी से भारत में पांव पसार रहा है। आने वाले दो सप्ताह बहुत निर्णायक साबित होने वाला है। यदि अन्य देशों के अनुभव भारत में दुहराए जाते हैं, तो यह हमारे लिए एक राष्ट्रीय आपदा का विषय होगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि ऐसा नहीं हो और स्थिति संभल जाए। अब यह वायरस चीन से निकलकर अन्य देशों को ज्यादा तबाह कर रहा है। चीन ने तो स्थिति बहुत हद तक संभाल ली है और अब वहां नये मामले अन्य अनेक देशों की तुलना मे आना कम हो गए हैं। अब तो लग रहा है कि रोजाना नये मामले जितने भारत में आ रहे हैं, उनसे भी कम मामले चीन मे सामने आ रहे हैं।

तेल उत्पादों पर टैक्स की वृद्धि

भारत के लोगों के साथ गंदा मजाक
के रवीन्द्रन - 2020-03-16 12:05
पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी इस देश की जनता से मोदी सरकार द्वारा किया गया एक क्रूर मजाक है। यह बढ़ोतरी उस समय की गई है, जब कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में एक तिहाई की गिरावट आई है। जब दुनिया भर के उपभोक्ता ईंधन स्टेशनों पर कीमतों में कटौती का आनंद ले रहे हैं, तो भारतीयों को पेट्रोल या डीजल की समान मात्रा के लिए अधिक नकदी निकालने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

विफल हो रहे हैं निजी क्षेत्र के बैंक

उनके राष्ट्रीयकरण का समय आ गया है
बिनॉय विश्वम - 2020-03-14 10:28
जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रसार के बारे में चिंतित है, भारतीय अर्थव्यवस्था एक और वायरस से पहले से ही कांप रही है। यह निजी पूंजी के लालच से उत्पन्न अस्थिरता का वायरस है। हालांकि इससे जीवन की सभी संरचनाएं प्रभावित हुई हैं, सरकार अर्थव्यवस्था के इस विनाशकारी तत्व की व्यापक उपस्थिति को पहचानने के मूड में नहीं है। उसने अपनी आँखें बंद कर रखी है और यह ढोंग करने की कोशिश कर रही है कि यह केवल एक छोटी सी बीमारी है जिसने राष्ट्र को प्रभावित किया है। वे मजेदार प्रकार के पर्चे के साथ दावा करते हैं कि कुछ दिनों के भीतर सबकुछ ठीक हो जाएगा।

मध्य प्रदेश में नाटक जारी

जटिल से जटिलतर होता जा रहा है राजनैतिक संकट
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-13 10:57
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो गए हैं और उन्हें नारंगी पार्टी ने राज्य सभा का अपना उम्मीदवार भी बना दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने दो दो उम्मीदवार खड़े किए हैं और राज्यसभा में तीन को ही मध्यप्रदेश से भेजा जाना है। यानी अब चुनाव का फैसला मतदान से ही होगा और यह मतदान 26 मार्च को होना है। लेकिन 26 मार्च के पहले और भी बहुत कुछ होगा। विधानसभा का बजट सत्र उसके पहले से ही शुरू हो जाएगा और उसमें कमलनाथ सरकार की किस्मत तय होगी। सरकार की किस्मत तय होने के पहले उन 22 विधायकों के इस्तीफे पर भी फैसला आना है, जिन्होंने कथित तौर पर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

छोटे दलों और जाति समूहों से गठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं अखिलेश

ओमप्रकाश राजभर से मुलायम ने बात की
प्रदीप कपूर - 2020-03-12 15:40
लखनऊः समाजवादी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का सामना करने के लिए इंद्रधनुषी गठबंधन बनाने के लिए छोटे दलों और अलग-अलग जाति समूहों को अपने साथ करने पर काम कर रही है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह और बेटे अखिलेश यादव, जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, छोटे दलों और जाति समूहों के विभिन्न नेताओं के संपर्क में हैं।