झारखंड में भाजपा की हार
बिना कुछ किए वोट पाने की मंशा पूरी नहीं हो सकी
2019-12-24 10:12
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इस लेखक ने झारखंड में भाजपा की हार की भविष्यवाणी बहुत पहले कर दी थी। इसका कारण यह था कि वहां का जाति समीकरण भाजपा के खिलाफ था। लगता है भाजपा नेताओं को भी इसका अहसास हो गया था और उन्होंने अपनी इस कमजोरी की ढकने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति तेज कर दी और इस मोर्चे को खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभाल रखा था। दोनों ने झारखं डमें नौ- नौ चुनावी सभाएं कीं और धारा 370 और राममंदिर पर अपनी सफलता का खूब बखान किया। अमित शाह ने तो 2024 के लोकसभा चुनाव के तक सारे घुसपैठियों को भारत से खदेड़ देने का एलान भी कर दिया। जब वे घुसपैठिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो उनका मतलब मुस्लिम होता है और इस तरह के बयानों और दावों से हिन्दुओं के सांप्रदायित तुष्टिकरण की कोशिश होती है। ऐसा कर अमित शाह हिन्दुओं का दिल जीतना चाहते थे। लेकिन लगता है कि इसका उलटा ही असर हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने जिस 18 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित किया, उनमें से 16 में भाजपा के उम्मीदवार हार गए।