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सोना अंडरवर्ल्ड का सर्वमान्य करेंसी है

राजनयिक चैनल से इसकी तस्करी खूब होती है
के रवीन्द्रन - 2020-09-24 09:44
राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की तस्करी के सनसनीखेज मामले में चल रही जांच सोने, ड्रग्स, गंदे पैसे और हवाला के बीच सांठगांठ का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती है। सभी प्रारंभिक निष्कर्ष एक मानक संचालन प्रक्रिया की ओर इशारा करते हैं, जो अंडरवर्ल्ड द्वारा दुनिया भर में अमल किया जाता है, जिसे फिनसेन फाइलों के रूप में हाइलाइट किया गया है, जिसे हाल ही में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में गुटों की लड़ाई तेज हुई

नतीजा जो भी हो, भारत से नेपाल का संबंध प्रभावित होगा
बरुन दास गुप्ता - 2020-07-29 09:42
सामान्य कूटनीतिक मानदंडों से हटकर, नेपाल में चीनी दूत, होउ यान्की, नेपाल की घरेलू राजनीति में खुलकर हस्तक्षेप कर रही हैं। उन्हें बीजिंग में उनके आकाओं द्वारा जिम्मा सौंपा गया है कि दोनों गुटों में वे किसी भी तरह समझौता कराएं। कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के दो विद्रोही गुटों के बीच एक टकराव टकराव हो रहा है। एक गुट का नेतृत्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली कर रहे हैं, तो दूसरे गुट का नेतृत्व पुष्प कुमार दहल ‘प्रचंड” के हाथ में है। वे पूर्व प्रधानमंत्री हैं और अब ओली के साथ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष भी हैं। दोनों एक दूसरे को नीचा करने की कोशिश कर रहे हैं। चीन पार्टी को एकजुट रखने की पूरी कोशिश कर रहा है। वह किसी भी कीमत पर विभाजन को टालना चाहता है।

2020 में विकास वित्त में दर्ज होगा ऐतिहासिक पतन

चुनौती है पूर्ण घ्वंस को रोकने और खाद्य सुरक्षा की
ज्ञान पाठक - 2020-06-20 09:37
कोविड -19 के कारण खाद्य असुरक्षा और मानव जीवन के लिए खतरा दुनिया के सभी देशों, विशेष रूप से सबसे कम विकसित और विकासशील देशों के सामने मंडरा रहा है। 2020 में विकास वित्त में एक ऐतिहासिक गिरावट की संभावना एक अतिरिक्त चुनौती होगी।

वियतनाम ने कोरोना को कैसे हराया

वहां एक व्यक्ति भी कोरोना से नहीं मरा
एल एस हरदेनिया - 2020-06-10 08:50
वैसे तो कोरोना की महामारी से लगभग सारी दुनिया पीड़ित है और सभी देश अपने-अपने तरीके से इसका मुकाबला कर रहे हैं। परंतु जिस बहादुरी से और रणनीति बनाकर वियतनाम ने इसका मुकाबला किया है वह अद्भुत है। सच पूछा जाए तो वियतनाम बहादुरों का देश है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि वियतनाम ने अमरीका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र के घुटने टिकवा दिए थे। उस दरम्यान वियतनाम को लगभग सारी दुनिया का समर्थन प्राप्त था। दुनिया के सभी लोकतंत्र समर्थक जनता ने वियतनाम का साथ दिया था। उस समय सारी दुनिया में एक नारा गूंजता था ‘मेरा नाम तेरा नाम, वियतनाम वियतनाम'।

अमेरिका में लोगों का विद्रोह भारत के लिए सबक

ट्रम्प और मोदी लोगों को बहुत दिनों तक बेवकूफ नहीं बना सकते
बिनॉय विस्वम - 2020-06-05 10:17
अमेरिका में हो रहा सर्वव्यापी जन विद्रोह दुनिया भर में दमनकारी शासन के लिए एक आंख खोलने वाला होना चाहिए। यह दुनिया को ट्रम्पवाद के गहरे संकट के बारे में बताता है, जो भारत सहित कई देशों में आक्रामक पूंजीवाद का पर्याय बन गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके गुर्गे इसे एक साधारण कानून और व्यवस्था के मुद्दे के रूप में चित्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह गंभीर आर्थिक अर्थों के साथ सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल है। यही कारण है कि वे इसे कानून और व्यवस्था की समस्या कहना चाहते हैं। जॉर्ज फ्लॉयड की निर्मम हत्या हाल के दिनों में नस्लीय घृणा का सबसे कुरूप चेहरा दिखाती है।

मार्टिन लूथर किंग के सपने आज भी अधूरे

अश्वेतों के साथ अभी भी अमानवीय व्यववहार
एल. एस. हरदेनिया - 2020-06-04 08:56
वर्ष 1963 में अगस्त 29 को अमरीका की राजधानी वाशिंगटन में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन का नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की मांग थी ‘हमें सम्मान और काम चाहिए‘। इस प्रदर्शन में दो लाख लोग शामिल थे। प्रदर्शनकारियों में अश्वेत और श्वेत दोनों शामिल थे। अश्वेत 90 प्रतिशत और श्वेत 10 प्रतिशत थे।

ट्रम्प के अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग के दौर का दोहराव

बहुसंख्यक अमेरिकियों के लिए अमेरिका अब भी गोरे लोगों का मुल्क है
अनिल जैन - 2020-06-03 08:56
लगभग 12 वर्ष पूर्व जब बराक ओबामा पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तो दुनिया भर में यह माना गया था कि यह मुल्क अपने इतिहास की खाई (नस्लभेद और रंगभेद) को पाट चुका है। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि ओबामा के कार्यकाल में ही वहां नस्लवादी और रंगभेदी नफरत ने बार-बार फन उठाया और वह सिलसिला आज भी जारी है। एक गोरे पुलिस अधिकारी के हाथों एक निहत्थे काले नागरिक की हत्या के विरोध में पूरा अमेरिका गुस्से से उबल रहा है। देश भर में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। जनाक्रोश की तेज लपटें राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी हैं, लिहाजा राष्ट्रपति को सुरक्षा की दृष्टि से व्हाइट हाउस के नीचे बने बंकर में ले जाना पडा है।

चीनी काॅर्पोरेट शिकारी शिकार पर

कोरोना से पस्त अर्थव्यवस्थाएं उनका निशाना है
नंतू बनर्जी - 2020-04-28 09:50
लॉकडाउन, वैश्विक शेयर बाजार की गिरावट और बड़े और मध्यम दोनों प्रकार के उद्यमों की नकारात्मक बाॅटम लाइन अब नकद-समृद्ध चीनी शिकारियों को अब आकर्षक दिखने लगी हैं। और ’अच्छी दिखने’ वाली संपत्ति पर कब्जा करने के लिए आक्रामक तरीके से अंतरराष्ट्र बाजार में प्रवेश कर चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में, औद्योगिक और वाणिज्यिक बैंक ऑफ चाइना और चाइना इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ने कथित तौर पर बैंकरों को वित्तीय सेवा क्षेत्र में अच्छे निवेश अवसरों की पहचान करने के लिए कहा था। साथ में, दोनों फंड खरीद के माध्यम से डाॅलर 600-650 मिलियन लगाना चाहते हैं।

अलगाव में डाले गए भारतीयों के मानसिक स्वास्थ का ध्यान रखें

बिना सामाजिक संपर्क के भावनात्मक चिंता बढ़ जाएगी
अरुण श्रीवास्तव - 2020-04-04 08:44
अज्ञात का डर सबसे अधिक भयानक होता है। यह अधिक तीव्र हो जाता है जब कोई निश्चित नहीं होता है कि आगे क्या है और यह समझने की स्थिति में नहीं है कि किसी परिणाम को देखने के लिए कितने तरीकों से प्रयास करना चाहिए। बीमारी के प्रसार का मुकाबला करने के लिए लॉकडाउन लगाए जाने के मद्देनजर भी यही स्थिति पैदा हुई है।

बांग्लादेश ने हिन्दुओं को दी रियायतें

ढाका ने भारत पर बढ़त बनाई
आशीष विश्वास - 2020-01-25 11:23
एक बार फिर, ऐसे समय में जब भारत के कूटनीतिक कौशल को एनआरसी और संबंधित मुद्दों पर सीमित करने के लिए चुनौती दी जा रही है, बांग्लादेश ने भारत पर एक कूटनीतिक बढ़त बना ली है। इसके मुख्य चुनाव आयुक्त के.एम. नुरुल हुदा ने देश की हिंदू आबादी की अपील का जवाब देते हुए ढाका शहर के निगमों के लिए मतदान की निर्धारित तिथि 30 जनवरी से 1 फरवरी कर दी। सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी एक प्रमुख हिंदू धार्मिक त्योहार इस वर्ष 30 जनवरी को पड़ता है। लगभग 1.7 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले हिंदू नेताओं ने मतदान उसी दिन रखने का विरोध किया था।