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उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भाजपा से मुकाबला के लिए सपा का हौसला बुलंद

इंडिया ब्लॉक ने सभी दस सीटों पर शुरू की उम्मीदवारों की पहचान की प्रक्रिया
प्रदीप कपूर - 2024-08-02 10:37
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के चुनावों में सफलता से उत्साहित समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद है और वे राज्य में निकट भविष्य में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन चुनावों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं क्योंकि परिणाम 2027 में होने वाले अगले विधानसभा चुनावों के लिए माहौल तैयार करेंगे।

चीन छोड़ने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत आमंत्रित करे

लगभग 50 विदेशी फर्मों ने चीन में अपना परिचालन कम या बंद किया
नन्तू बनर्जी - 2024-07-31 10:39
ऐसे समय में जब एक के बाद एक विदेशी फर्म दमन के विरोध में चीन छोड़ रही हैं, भारत सरकार इन वैश्विक फर्मों को देश में परिचालन शुरू करने के लिए आमंत्रित करने के बजाय, चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर नये सिरे से विचार कर रही है। माना जाता है कि भारत ने चीनी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया है। चीन के प्रति भारत के रवैये में अचानक बदलाव - जो रणनीतिक रूप से उसका सबसे खतरनाक दुश्मन है - समझ से परे है।

लोकसभा चुनाव के बाद संगठनात्मक पुनर्गठन भाजपा के लिए एक प्रमुख कार्य

नरेंद्र मोदी के पार्टी में पूर्ण प्रभुत्व से परिवर्तन की प्रक्रिया को नुकसान
अरुण श्रीवास्तव - 2024-07-30 10:38
करोड़ों भारतीयों का सपना है कि उनका देश जल्द ही सशक्त हो जायेगा और तेज़ कनेक्टिविटी, अधिक नौकरियाँ, बेहतर शिक्षा और जीवन की बेहतर गुणवत्ता होगी। लेकिन ऐसा संभव लगता नहीं है क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा रास्ता भटक रही है, उसका मुखिया पार्टी कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं से जुड़ने में असमर्थ है, और वह संगठनात्मक चुनौतियों को समझने में अप्रभावी साबित हो रहा है।

पुडुचेरी की गठबंधन सरकार का असंतुष्ट भाजपा विधायकों के विद्रोह का सामना

मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी का दबाव में अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने से इनकार
हरिहर स्वरूप - 2024-07-29 10:42
पुडुचेरी को द्रविड़ क्षेत्र में पैर जमाने के लिए भाजपा की योजना-बी कहा जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों में इसे तब गंभीर झटका लगा जब केंद्र शासित प्रदेश के एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र में इसके उम्मीदवार गृह मंत्री ए. नमस्सिवायम को कांग्रेस के वी. वैथिलिंगम के खिलाफ अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।

केन्द्रीय बजट की शोभा बनी रोजगार योजनाएं महज एक छलावा

सरकारी खजाने से निजी क्षेत्र को धन की हेराफेरी मूल उद्देश्य
पी. सुधीर - 2024-07-27 10:40
भारतीय अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण चौराहे पर है, जहां सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि किसी भी तरह से रोजगार सृजन क्षमता को बढ़ावा नहीं दे रही है। यहां तक कि सृजित नौकरियों में से 57.3 प्रतिशत स्वरोजगार वाले हैं, 18.3 प्रतिशत अवैतनिक घरेलू कामगार हैं और 45 प्रतिशत से अधिक कृषि में कार्यरत हैं। मार्च 2020 में शुरू की गयी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार पैदा करने में पूरी तरह विफल रही और आश्चर्यजनक रूप से भारत की साल-दर-साल विनिर्माण उत्पादकता 2022-23 में 2.38 प्रतिशत गिर गयी। दूसरी ओर मोदी सरकार की ओर से प्रोत्साहन और कई अन्य लाभकारी लाभों के कारण, भारत की सूचीबद्ध कंपनियों ने 2023-24 में 10.1 प्रतिशत की दर से भारी शुद्ध लाभ कमाया, जो 2007-08 के बाद से सबसे अधिक है।

बंगाल भाजपा प्रमुख की उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्व में मिलाने की मांग से हैरानी

नागरिक इसे मान रहे अलगाववादी और राज्य के लिए हानिकारक कदम
तीर्थंकर मित्रा - 2024-07-26 10:44
कोलकाता: भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने की आदत बना ली है। इस बार बालुरघाट के सांसद और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्व का हिस्सा बनाने का आग्रह किया है। मजूमदार राज्य भाजपा प्रमुख भी हैं, हालांकि वे निवर्तमान हैं।

केन्द्रीय बजट 2024-25 में आम आदमी के लिए बहुत कम प्रावधान

स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सुरक्षा, बुजुर्गों की सहायता पर बहुत कम ध्यान दिया गया
नन्तू बनर्जी - 2024-07-25 10:58
वार्षिक सरकारी बजट पूरी तरह से व्यय और उसकी दिशा के बारे में है। आम तौर पर कर और गैर-कर राजस्व और व्यय का ध्यान रखने के लिए उधार के माध्यम से आय उत्पन्न होती है। प्रायः व्यय भाग में सात मुख्य पहलू शामिल होते हैं - सरकार की अपनी रखरखाव लागत, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, बुजुर्गों की देखभाल और ऋण सेवा। यहां तक कि चीन की केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था में भी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुजुर्गों की देखभाल को उसके वार्षिक बजट व्यय में विशेष ध्यान दिया जाता है। परन्तु केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किये गये 85 मिनट के भाषण में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के नये बजट में इस बात पर पर्याप्त प्रकाश नहीं डाला गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार के प्रस्तावित 48.21 लाख करोड़ रुपये के सकल व्यय से आम आदमी को कैसे लाभ होगा।

केन्द्रीय बजट 2024-25 में राष्ट्रीय संसाधनों का ज़बरदस्त दुरुपयोग

राजनीतिक लाभ और अस्तित्व के लिए राज्यों के साथ अन्यायपूर्ण संघीय आवंटन
के रवींद्रन - 2024-07-24 10:40
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में अपने बजट पटल बड़े आत्मविश्वास के साथ आयीं, जो यह एक प्रतीकात्मक इशारा था कि वह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक परिवर्तनकारी संघीय बजट के रूप में लोगों द्वारा प्रत्याशित प्रावधानों के साथ आयी हैं। फिर भी, 23 जुलाई को राष्ट्र के सामने जो कुछ सामने आया, वह कोई पारंपरिक आर्थिक खाका नहीं था, बल्कि एक नाजुक गठबंधन बजट था, जिसे अलग-अलग राजनीतिक गठबंधनों को खुश करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया था।

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की भारत की विकास कहानी पर चेतावनी

दीर्घकालिक संभावनाओं के लिए स्पष्ट दूरदर्शी दृष्टिकोण का सुझाव
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-07-23 10:30
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 भारत की विकास कहानी की एक सुखद तस्वीर पेश करता है और अल्पकालिक संभावनाओं को अच्छा मानता है, लेकिन चिंता के कई क्षेत्रों को चिह्नित करने में विफल नहीं होता है। बेहतर दीर्घकालिक संभावनाओं के लिए यह स्पष्ट दूरदर्शी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देता है।

निर्मला सीतारमण के सामने परस्पर विरोधी हितों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती

प्रमुख मुद्दे हैं - चुनाव, जन असंतोष, गठबंधन की राजनीति, और वित्तीय समझदारी
के रवींद्रन - 2024-07-22 10:32
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला साल का बजट पेश करेंगी। खुद को एक निर्णायक मोड़ पर पाते हुए, उन्हें एक ऐसा बजट तैयार करने का काम सौंपा गया है जो गठबंधन सहयोगियों को खुश करे, जनता के असंतोष को दूर करे और आर्थिक विकास को बनाये रखे। उनकी भूमिका अभूतपूर्व जटिलता को ग्रहण करती है और उन्हें राजनीतिक सुविधा और वित्तीय समझदारी के बीच सर्कस की रस्सी पर चलने जैसा काम करना है।