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राष्ट्रमंडल खेल के उद्धाटन ने भारत का मान बढ़ाया

छवि सुधारने के लिए अभी बहुत कुछ करना होगा
कल्याणी शंकर - 2010-10-08 13:44
राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने के पहले भारत की छवि दुनिया भर में खराब हो रही थी और क्या ये खेल सफलतापूर्वक संपन्न हो भी पाएंगे, इस तरह के सवाल उठाए जाने लगे थे। लेकिन इन खेलों की जो शानदार शुरुआत हुई, उसने उस तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। खेलों का उद्घाटन निश्चय ही भारत का मान बढ़ाने वाला था। जब मार्च पास्ट में भारत की झांकी सामने आई तो उपस्थित लोगों ने उसका बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया। वह गर्मजोशी भी देखने लायक थी। इससे पता चलता है कि भारतीयों में कितना राष्ट्रीय स्वाभिमान है।

अयोध्या फैसला और उसके बाद

सभी पार्टियों की नजर अपनी अपनी राजनीति पर
प्रदीप कपूर - 2010-10-07 13:56
लखनऊः राज्य की सभी पार्टियां अपने अपने नजरिए से अयोध्या विवाद पर आए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को देख परख रही हैं। 2012 में विधानसभा के आमचुनाव होने वाले हैं। उन चुनावों के मद्दे नजर सभी पार्टियां इस फैसले को अपने अनुरूप भुनाने की रणनीति बना रही हैं। फैसले के एक एक पैराग्राफ को वे सभी पढ़ने में लगी हुई हैं और यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि कौन सा पैराग्राफ उनको सूट करेगा और कौन उसके खिलाफ जाएगा।

बीजेपी ने देश के दो युवा नेताओं के बयानों को अफसोसनाक बताया

एस एन वर्मा - 2010-10-07 04:42
नई दिल्ली,7 अक्टूबर। बीजेपी ने देश के दो युवा नेताओं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और जम्मू व कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयानों को अफसोसनाक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन के अनुसार उनके बयानों से देश चिंतित है।
भारत

अरुणाचल प्रदेश की पनबिजली परियोजाएं

विरोध के बावजूद काम जारी है
बरुण दास गुप्ता - 2010-10-06 11:03
कोलकाताः पूर्वोत्तर राज्यों में पनबिजली उत्पादन की क्षमता का इस्तेमाल करने की बात बहुत सालों से की जा रही थी, लेकिन जब वैसा करने का प्रयास २शुरु किया गया, तो इसका भारी विरोध होने लगा है। पनबिजली के उत्पादन के लिए अरुणाचल को सबसे पहले चुना गया है, लेकिन आसपास के राज्य ही नहीं, बलिक खुद अरुणाचल में भी उसका विरोध किया जा रहा है। और विरोध के बावजूद वहां योजनाओं पर काम जारी है।

अयोध्या समस्या का हल कितना दूर?

केन्द्र सरकार चाहे तो यह जल्दी संभव है
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-10-05 10:57
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच के फैसले के बाद भी अयोध्या विवाद अपनी जगह पर कायम है। विवाद से जुड़े दोनों पक्ष फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की अपनी इच्छा का इजहार कर चुके हैं। फैसले के बाद एक अच्छी बात यह हुई कि किसी पक्ष में इसके कारण उत्तेजना पैदा नहीं हुई और हिंसा की कोई वारदात इसके कारण नहीं हुई, लेकिन मामला अभी भी नहीं सुलझा है।
भारत

यह दुनिया ऐसी ही भाषा समझती है

मामला सीडब्ल्युजी में भारत की आलोचना का
अवधेश कुमार - 2010-10-04 10:28
अचानक समां बदल गया कनाडा के खेल मंत्री गैरी लौन ने भारत के खेल मंत्री सरदार मनोहर सिंह गिल को फोन करके कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के संदर्भ में कनाडा की नाखुशी की जो खबरें आ रही हैं वे सच नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की क्षमता पर उन्हंे पूरा भरोसा है और निश्चय ही वह सफलतापूर्वक खेल आयोजन को संपन्न करा लेगा। कनाडाई खेल मंत्री ने एक शुभचिंतक के समान गिल को कहा कि आलोचनाओं की आप परवाह न करें, वैंक्यूवर की तैयारियों की भी ऐसी ही आलोचना हुई थी, पर हमने राष्ट्रमंडल खेलों को मानक के अनुरुप संपन्न कराया।
भारत

पर्यावरण और वन मंत्रालय हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित करेगा

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 23:12
नई दिल्ली: पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री श्री जयराम रमेश ने कहा है कि हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया जाएगा । आज नई दिल्ली में हाथी कार्यबल की रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय शीघ्र ही राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण का भी गठन करेगा, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की तर्ज पर हाथियों के संरक्षण का काम करेगा ।
भारत

कश्मीर पैकेज पर काम होना चाहिए

विश्वास का माहौल बनाना जरूरी
कल्याणी शंकर - 2010-10-01 10:43
क्या कश्मीर मसले पर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 8 सूत्री पैकेज कश्मीर की मौजूदा समस्या को हल करने में कारगर साबित हो पाएगा? या यह फार्मूला भी पहले के फार्मूलों की तरह की बेकार साबित होगा? क्या हिंसा से ग्रस्त कश्मीरियों के लिए कोई आशा की किरण कहीं है? क्या अलगाववादी अपनी हरकतों से बाज आएंगे और वहां के लोगों को चैन की जिंदगी जीने देंगे? अथवा क्या पाकिस्तान कश्मीर की गड़बड़ियों को बढ़ावा देना बंद करेगा? ये सब ऐसे सवाल हैं, जो आज कश्मीर समस्या से जुड़े सभी लोगों के जेहन में उठ रहे हैं। यह अब केन्द्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इन सारे सवालों का सकारात्मक जवाब ढूंढ़ने के लिए आगे बढ़े।

महात्‍मा गांधी-शांति के नायक

नरेन्‍द्र देव - 2010-10-01 10:38
2 अक्‍टूबर का दिन कृतज्ञ राष्‍ट्र के लिए राष्‍ट्रपिता की शिक्षाओं को स्‍मरण करने का एक और अवसर उपलब्‍ध कराता है। भारतीय राजनीतिक परिदृश्‍य में मोहन दास कर्मचंद गांधी का आगमन खुशी प्रकट करने के साथ-साथ हजारों भारतीयों को आकर्षित करने का पर्याप्‍त कारण उपलब्‍ध कराता है तथा इसके साथ उनके जीवन-दर्शन के बारे में भी खुशी प्रकट करने का प्रमुख कारण है, जो बाद में गांधी दर्शन के नाम से पुकारा गया। यह और भी आश्‍चर्यजनक बात है कि गांधी जी के व्‍यक्तित्‍व ने उनके लाखों देशवासियों के दिल में जगह बनाई और बाद के दौर में दुनियाभर में असंख्‍य लोग उनकी विचारधारा की तरफ आकर्षित हुए।

भारत में विलुप्तप्राय: पादप प्रजातियां

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 10:35
भारत अपनी सम्‍पन्‍न जैव विविधता के लिए जाना जाता है। देश के दस भौगोलिक क्षेत्रों में 91,000 से ज्यादा पशुओं की प्रजातियां और 46,000 पादप प्राजातियां पहले से दर्ज है। करीब 65,000 देशीय पौधे अभी तक स्वास्थ्य की देखभाल से संबध्द स्वदेशी प्रणालियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। देश आठ फसल पादपों के उदगम और विविधता का वैविलोवियन केन्द्रों (वैविलोवियन सेंटर्स ऑफ ऑरिजन एंड डाइवर्सिटी क्रॉप प्लांट्स) में से एक के रूप में माना जाता है। हमारे यहां उगाए जाने वाले पौधों के 300 वन्य पूर्वज और उनसे मिलते-जुलते पौधे प्राकृतिक परिस्थितियों में अब तक विकसित हो रहे हैं। इसके साथ ही हम फिर विविध कारणों से कुछ खास किस्म की प्रजातियों को या तो खोते जा रहे हैं या उनकी संख्या कम हो रही है। ये विलुप्तप्राय: पादप हैं।