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यूपीए सरकार का एक साल

विश्वास से भरे हैं प्रधानमंत्री
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-05-25 09:23
नई दिल्लीः अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जो कुछ कहा उससे यही पता चलता है कि उनका आत्म विश्वास बढ़ा है और अपन तय प्राथमिकताओं के आधार पर वे अपनी सरकार चलाना चाहतें हैं।

हिन्दु संसकृति को समझने और सुरक्षा की जरूरत

विकसत संसकृति पर विकृत मानसिकता हावी
डॉ. अतुल कुमार - 2010-05-24 10:57
भारत की मूल सभ्यता आर्य- द्रविड़ या सिन्धु घाटी की है जो आधुनिक काल में हिन्दु कहलायी। जाति प्रथा इसी हजारों सालों पुरानी सभ्यता सनातन धर्म की पहचान है, जिसका मूल आधार वर्ण व्यवस्था है। मनुवादी वर्ण-व्यवस्था ने समय के काल में वशंवादी स्वरूप ले लिया।

प्रधानमंत्री के प्रेस कांफ्रेंस में अनुत्तरित रह गए गांव,गरीबी और अल्पसंख्यक से जुड़े सवाल

एस एन वर्मा - 2010-05-24 10:19
नई दिल्ली।यूपीए टू सरकार के कार्यकाल में आयोजित प्रधानमंत्री के प्रथम राष्ट्ीय प्रेस कांफ्रेंस में गांव,गरीबी,पिछड़ापन के श्राप से जुझता भारत की नाम मात्र चर्चा हुई।राष्ट्ीय मीडिया से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने,विदेश नीति से जुड़े नाजुक मुद्े जैसी चटपटी और बिकाउ खबरों से संबंधित प्रश्न पूछे गए।क्षेत्रीय अखबार अपनी बारी की ताक मे लगे रहे।उर्दू मीडिया केा प्रश्न पूछने के मात्र दो अवसर मिले,बाकी उर्दू के खबरनवीस संचालन कर रहे प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहाकार हरिश खर्रे का मुंह ताकते रह गए ,और इसी बीच पत्रकार सम्मेलन समाप्त होने की घोषणा कर दी गयी।देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों से जुड़े कई अहम सवाल अनुत्तरित ही रह गए।
उर्दू अखबार के एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि मुस्लिमों के तालिम के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।उन्होंने कहा कि मुस्लिमो के शिक्षा के लिए काफी कम कार्य हुआ है।यह प्रश्न नेशनल सेंपल सर्वे की उस रिपोर्ट को आधार मान कर पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से पिछडें हुए हैं।

झारखंड सरकार की गुत्थियां: अपने ही जाल में भाजपा फंसी

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-05-22 09:38
नई दिल्लीः झारखंड की राजनीति भाजपा के गले की फांस बन गई है। उसने अपने आपको एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां वह अपने आपको विचित्र स्थिति में पर रही है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी की हो रही है, जो पार्टी के शीर्ष पद पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की क्पा से पार्टी के एक जूनियर नेता होने के बावजूद पिराजमान हो गए हैं।

डॉप्लर मौसम रेडार : सटीक पूर्वानुमान प्रणाली

विशेष संवाददाता - 2010-05-21 09:41
नयी दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग अपने पर्यवेक्षण तंत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसके लिए वह पूरे देश में अपने पुराने तथा पांरपरिक रेडारों के स्थान पर चरणबद्ध तरीके से एस-बैंड वाले डॉप्लर मौसम रेडारों को लगा रहा है। यह रेडार दिल्ली तथा इसके आसपास के इलाके में ख़राब मौसम की जानकरी देने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभएगा।

चक्रवाती समुद्री तूफान लैला से निबटने के लिए सशस्त्र बल तैयार

विशेष संवाददाता - 2010-05-21 09:38
नयी दिल्ली: आन्ध्र प्रदेश के तटीय इलाकों को प्रभावित करने वाले चक्रवाती समुद्री तूफान से निबटने के लिए सशस्त्र बल नागरिक प्रशासन के साथ सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

यूपीए में एकता की कमी

सोनिया की सरकार पर पकड़ मजबूत
कल्याणी शंकर - 2010-05-21 09:31
एक साल पूरा होने पर मई 2005 में मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को 10 में से 6 अंक दिए थे। क्या वे इस बार भी अपनी सरकार के पूरा होने पर उसी तरह का दावा कर सकते हैं? और जनता इस बार उनकी सरकार की उपलब्धियों के बारे में क्या राय रखती है? दोनों सरकारों की उपलब्धियो की तुलना करने के पहले यह भी समझना होगा कि किन परिस्थितियों में दोनों बार मनमोहन सिंह की सरकार बनी?

सरकार के पूरे हुए एक साल,लेकिन जनता रही बेहाल

एस एन वर्मा - 2010-05-21 03:14
नई दिल्ली। यूपीए सरकार टू कल 22 मई को अपना पहला वर्षगांठ मनाने जा रही है। इस अवसर पर रेस कोर्स स्थित अपने आवास पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक साल के सरकार के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करेंगे। इसके बाद वे आमंत्रित पत्रकारों के साथ रात्रि भोज भी करेंगे। सोमवार को प्रधानमंत्री नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सुबह साढे़ दस बजे प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं।

शहरीकरण और स्वास्थ्य

ए एन खान - 2010-05-20 10:57
तेजी से बढत़ा हुआ शहरीकरण और शहरों की जनसंख्या में हो रही बढा़ेत्तरी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रमुख चुनौतियों के रूप में देखा जाता रहा है । अनुमान है कि 1990 और 2025 के बीच विकासशील देशों में शहरी आबादी में तीन गुनी वृद्धि हो चुकी होगी और यह कुल जनसंख्या के 61 प्रतिशत के बराबर हो गयी होगी । इस बढत़ी हुई शहरी आबादी को देखते हुए पानी, पर्यावरण, हिंसा और चोट , गैर संचारी रोगों जैसी स्वास्थ्य संबंधी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है । इसके अलावा, तम्बाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक अकर्मण्यता और महामारियों के फैलने से जुड़ी आकांक्षाएं और खतरे भी कोई कम चुनौतीपूर्ण नहीं हैं।

पश्चिमी घाट की जैवविविधता

कल्पना पालखीवाला - 2010-05-20 10:51
पश्चिमी घाट महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर ताप्ती नदी से शुरू होकर देश के धुर दक्षिणी सिरे, तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक फैले हुए हैं । लगभग 1600 किलोमीटर की इस लम्बाई में 6 राज्यों--तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात (दोनों वन क्षेत्र का भाग), के तटवर्ती इलाके शामिल हैं । घाट का कुल क्षेत्रफल करीब 1.60 लाख वर्ग किलोमीटर है ।