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भारत

सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए विशेषज्ञ दल गठित

विशेष संवाददाता - 2010-03-03 16:53
नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्धन और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निकाय के गठन पर उपयुक्त सिफारिशों के लिए एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया है। दल की अध्यक्षता श्री बरूण मैरा सदस्य (उद्योग, योजना आयोग) द्वारा की जाएगी और यह तीन महीने की अवधि के भीतर अपनी संस्तुतियां प्रस्तुत करेगा।

शशि थरूर आखिर कैसे काबिज हैं मंत्री पद पर

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-03-03 13:14
विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर एक के बाद एक विवाद पैदा किए जा रहे हैं। जिस तरह के गैर जिम्मेवाराना बयानबाजी वे कर रहे हैं, वैसा करके वे न तो किसी सरकार में और न ही किसी अन्य जिम्मेदारी के पद पर रह सकते हैं। फिर भी वे मनमोहन सिंह सरकार में बखूबी बने हुए हैं। उनके गैर जिम्मेदाराना बयानों से सरकार की नहीं उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस की भी फजीहत होती है, लेकिन उन्हें अंतिम मौका देने की बात करके उनकी पार्टी उन्हें माफ कर देती है और प्रधानमंत्री को भी उनमें ऐसा कुछ नहीं दिखाई देता है, जिसके कारण उन्हें सरकार से निकाला जा सके।

लाभ कमाने वाली सरकारी कंपनियों के लाभ, और घाटे वाली के घाटे बढ़े

विशेष संवाददाता - 2010-03-02 12:00
नई दिल्ली: मुनाफा अर्जित करने वाले केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का मुनाफा 2007-08 के 91571 करोड़ रूपये से बढा़कर 2008-09 में 98652 करोड़ रूपये हो गया । घाटे में चलने वाले केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा वर्ष 2007-08 के 10257 करोड़ रूपये से बढक़र 2008-09 में 14424 करोड़ रूपये हो गया ।

अगले विधानसभा चुनाव में डीएमके की बहुमत पाने की कोशिश

करुणानिधि और ममता के कारण केन्द्र सरकार रहेगी परेशान
एस सेतुरमण - 2010-03-02 11:05
केन्द्र सरकार बजट पेश करने के बाद विपक्ष के अलावा ममता बनर्जी की पार्टी और डीएमके के असंतोष का सामना कर रही है। ममता बनर्जी को 2011 के चुनाव में वामपंथियों को पराजित कर सत्ता हासिल करनी है, तो उसी साल तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में करुणानिधि को अपनी पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता हासिल करनी है। जाहिर है दोनों पार्टियां केन्द्र सरकार को वे कदम उठाने नहीं देना चाह्रेगी, जिनसे लोगों को परेशानी होती हो और जिन्हें मुद्दा बनाकर उनके प्रतिद्वंद्वी उनपर हावी होना चाहते हैं।

भारत: दादा के बजट से महंगाई को पंख

इसे पास कराने के लिए रॉलबैक का सहारा लेना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-27 17:58
दीदी के रेल बजट में यात्रियों को बढ़ी सुविधाओं की भरमार थी और किराया न बढ़ने से भी लोगों में खुशी थी। क्षेत्रीय कारणों से कहीं कहीं नाराजगी जरूर थी, लेकिन कुल मिलाकर उसका स्वागत ही किया जा रहा था। पर दो दिन के बाद दादा के आम बजट ने तो लोगों को नानी याद दिला दी है।
भारत

बजट से टूटा आम आदमी की मंहगाई कम होने के सपने

जेवरात मंहगी होने से गरीब दूल्हनियों के दिल को पंहुचेगी ठेस
एस एन वर्मा - 2010-02-26 13:14
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा आज संसद में पेश किए गए बजट ने आम आदमी के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सोना और चांदी मंहगा होने की खबर ने तो शादी रचाने वाली गरीब दुल्हनियों के दिल को तोड़ दिया है। बजट में मंहगाई से राहत मिलने के उपाए किए जाने की बाट जोह रहे लोग हताश हैं।
भारत

माओवादियों के साथ बातचीत की पेशकश

सर्वसमावेशी विकास ही समस्या का निदान है
कल्याणी शंकर - 2010-02-26 11:41
क्या माओवादियों और सरकार के बीच कोई समझौता हो पाएगा? क्या दोनों के बीच बातचीत हो भी पाएगी? यदि ऐसा होता है तो यह बहुत ही अच्छा होगा, क्योंकि टकराव के कारण भारी हिंसा की आशंका है और सदि हम हिंसा से बचें तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है?

भारत: आम बजट 2010-11 में खाद्य सुरक्षा और न्यायपूर्ण आर्थिक विकास हासिल करने के उद्देश्य का दावा

विशेष संवाददाता - 2010-02-26 08:40
नई दिल्ली: आज लोकसभा में पेश किए गए वर्ष 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने और आम आदमी को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कई उपायों का प्रस्ताव किया। हर चुनौती से वाकिफ वित्त मंत्री ने बताया कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था एक वर्ष पहले की स्थिति के मुकाबले बहुत बेहतर स्थिति में है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आज चुनौतियां नहीं हैं।

भारतीय सीमा पर बेहतर चौकसी हेतु बाड़ और तीव्र प्रकाश की व्यवस्था

रविन्दर सिंह - 2010-02-26 05:49
पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमायें काफी छिद्रिल यानी भेद्य (पोरस) हैं। सीमा के दोनों और भौगोलिक, प्रजातीय और सांस्कृतिक समानताओं के साथ-साथ भारतीय क्षेत्र में बेहतर आर्थिक अवसरों के कारण निहित स्वार्थी लोगों के लिये अवैध रूप से सीमा पार कर इस ओर आना हमेशा से आकर्षण का विषय रहा है। इन्हीं कारणों के चलते घुसपैठ, तस्करी और सीमाओं के उल्लंघन की घटनाएं, जब तब सुनने में आती रहती हैं। इन असामाजिक तत्वों से सीमा की सुरक्षा के लिये सरकार ने बहुकोणीय रास्ता अपनाया है। बाड़ लगाना और तेज रोशनी करना सीमा पर चौकसी बनाए रखने की व्यवस्था के प्रमुख घटक हैं।
भारत

कृषि में निवेश को बढा़ने तथा सक्षम खाद्य प्रबंधन पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत - आर्थिक समीक्ष

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 13:14
नई दिल्ली: आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2009-10 में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों का समाधान व्यापक तथा समन्वित प्रयासों से किए जाने की आवश्यकता है । कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में सुधार , कृषि निविष्टियों का बेहतर उपयोग, उपयुक्त विपणन बुनियादी ढांचा तथा सहयोग, पर्यावरणीय चिंताओं पर यथोचित जोर देकर कृषि में निवेश को बढा़ने तथा सक्षम खाद्य प्रबंधन पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ।