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वैश्विक आर्थिक मंदी से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत विकास दर की ओर अग्रसर

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 11:00 UTC
नई दिल्ली: आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2009-10 के अनुसार अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक मंदी से उबर रही है और यह 9 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर है।
भारत

आर्थिक समीक्षा 2009-10 की विशेषताएं - एक झलक

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 10:55 UTC
नई दिल्ली: संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का दावा किया गया है। कहा गया कि वर्ष 2008-09 में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर की अपेक्षा वर्ष 2009-10 में वृद्धि दर 7.2 रहने की आशा है।


भारत

ममता की रेल बजट: वर्तमान ही नहीं, भविष्य पर भी नजर

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-25 10:47 UTC
ममता बनर्जी द्वारा पेश किए गए दूसरे बजट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पहली बार किसर रेलमंत्री ने रेल के संशाधनों को राष्ट्रीय संसाधन मानते हुए उनका इस्तेमाल सिर्फ लोगों को यात्रा करवाने और माल की ढुलाई तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि देश के अन्य सेक्टरों के विकास के लिए भी समर्पित कर दिया है। ऐसा करते समय उन्होंने यह घ्यान रखा है कि रेल की संपत्ति निजी हाथों में नहीं जाए बल्कि निजी क्षेत्र रेल के साथ भागीदारी कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाए और पूंजी लगाकर मुनाफे में भागीदारी करे।
भारत: रेल बजट 2010-2011

आश्वासनों और घोषणाओं से भरपूर है ममता का पश्चिम बंगाल केंद्रित रेल बजट

एस एन वर्मा - 2010-02-24 12:35 UTC
नई दिल्ली। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने अपने दूसरे रेल बजट में भी यात्री भाड़े में कोई वृद्धि नहीं करके मंहगाई की मार से त्रस्त जनता को सकून पहुंचाया है।ममता ने रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देते हुए अनेक ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं की हैं जो सहज ही पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने वाली दिखती है।
भारत: रेल बजट 2010-2011

रेल का निजीकरण नहीं, सार्वजनिक-निजी भागीदारी से समग्र विकास

विशेष संवाददाता - 2010-02-24 12:30 UTC
नई दिल्ली: रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 के लिए बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जायेगा बल्कि इसके समग्र विकास के लिए महज निजी क्षेत्र को भी भागीदार बनाया जायेगा। करीब 8 महीने में कुमारी बनर्जी द्वारा सदन में प्रस्तुत यह दूसरा रेल बजट है, जिसमें उन्होंने लोकलुभाऊ नहीं बल्कि समाजवादी और समतामूलक कदम उठाये हैं।
भारत

भाजपा में कंपकपी का दौर

गडकरी के पैंतरे से सहयोगी दल हो सकते हैं नाराज
अमूल्य गांगुली - 2010-02-24 12:10 UTC
इंदौर में भाजपा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। अधिवेशन के दौरान भाजपा नेताओं को टेंट में ठहराने की व्यवस्था की गई थी। अधिवेशन के दौरान एकाएक तापमान की पारा नीचे गिरा और अतिरिक्त कंबल और रजाई की मांग की गई। ठंढ ने भाजपा नेताओं की कंपकपी बढ़ा दी। रजाई और कंबलांे की व्यवस्था से भाजपा नेताओं की कंपकपी तो दूर हो गई, लेकिन लेकिन भाजपा को मिल रही एक के बाद एक हार से पार्टी में जो कंपकंपी का दौर चल रहा है, वह कब खत्म होगा?

भारत में यूकेलिप्टस वृक्षों के बाग

कल्पना पालखीवाला - 2010-02-24 08:12 UTC
यूकेलिप्टस ने विश्वभर के विकास से जुड़े शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है । अपने प्राकृतिक क्षेत्रों से परे यूकेलिप्टस की जहां एक ओर इस बात के लिये सराहना की जाती है कि गरीबों की आर्थिक दशा सुधारने में उसकी प्रभावी भूमिका होती है, वहीं उसकी इस बात के लिये आलोचना की जाती है कि वह पानी का भारी शोषक है ।
भारत

राजीव आवास योजना का दिशानिर्देश संबंधी मसौदा पत्र तैयार

विशेष संवाददाता - 2010-02-24 06:01 UTC
नई दिल्ली: आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के अनुसार राजीव आवास योजना का दिशानिर्देश संबंधी मसौदा पत्र तैयार कर लिया गया है और उसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों , केंद्रीय मंत्रालयों एवं विशेषज्ञों और गैर सरकारी संगठनों को विचारार्थ भेज दिया गया है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक: गरीबों के लिए प्रतिमाह 25 किलो गेहूं या चावल 3 रुपये किलो

विशेष संवाददाता - 2010-02-24 05:53 UTC
नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश में बढ़ती महंगाई को रोक पाने में विफल होने और उसकी हो रही तीखी आलोचना से बचने के लिए एक नया शगूफा छोड़ा है। उसने संसद को बताया है कि सरकार शीघ्र ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ला रही है जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को प्रति माह 25 किलोग्राम गेहूं या चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिये जायेंगे। यह अलग बात है कि सरकार ने आसमान छूती कीमतों को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की बात नहीं कही। अब सरकार के इरादे भांपने के लिए जनता अंदाज लगाते रहे।

अपने लक्ष्य से पीछे चल रही हैं भारत की महत्त्वाकांक्षी सड़क परियोजनाएं

विशेष संवाददाता - 2010-02-24 05:39 UTC
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री श्री आर.पी.एन. सिंह ने लोकसभा में पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी सड़क परियोजनाएं अपने लक्ष्य से पीछे चल रही हैं तथा इन्हें निधियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।