Loading...
 
Skip to main content

View Articles

चुनाव प्रचार के दूसरे चरण में कांग्रेस की बढ़त बरकरार

भाजपा की छत्तीसगढ़ में सुधार तथा मध्य प्रदेश में सरकार बचाने की पुरजोर कोशिश
डॉ. ज्ञान पाठक - 2023-11-13 11:48
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है और मुख्य प्रतियोगियों - कांग्रेस और भाजपा - के लिए प्रचार के केवल दो दिन बचे हैं। फिलहाल दोनों राज्यों में कांग्रेस अपनी बढ़त बनाये हुए नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं मध्य प्रदेश में वह अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रही है।

राज्यपालों की मनमानी शक्तियाँ समाप्त होनी चाहिए

नरेंद्र मोदी सरकार के तहत विधायिका की उपेक्षा कर रहे हैं राज्यपाल
पी. सुधीर - 2023-11-11 12:03
जिन तरीकों से भारतीय संघवाद और निर्वाचित राज्य विधानमंडलों की शक्तियों को कमजोर किया जा रहा है, उनमें से एक यह है कि राज्यपाल विधानमंडलों द्वारा पारित विधेयकों पर उनके संबंध में कोई निर्णय लिए बिना ही बैठे रहते हैं।
पंडित नेहरू के जन्मदिन 14 नवम्बर पर विशेष

अतीत के गौरव के प्रशंसक पर अंध-भक्ति के विरोधी थे नेहरू

धर्मनिरपेक्ष-वैज्ञानिक समझ पर निर्भर है आधुनिक भारत का उज्ज्वल भविष्य
एल. एस. हरदेनिया - 2023-11-10 10:43
पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में कुछ लोगों की यह धारणा है कि वे भले ही पैदा भारत में हुए हों, चिंतन और रहन-सहन से वे पूरी तरह यूरोपीय थे। नेहरू जी के बारे में इस तरह की गलत धारणा फैलाने में दक्षिणपंथी विचारों में विश्वास करने वाले संगठनों एवं समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका है। दकियानूसी और हिंदुत्ववादी ताकतों ने इस तरह के भ्रम को विस्तार देने में कोई कसर नहीं उठा रखी है। यह बात पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि इस तरह का भ्रम अज्ञानता अथवा प्रायोजित प्रयासों पर आधारित है। ऐसे तत्व यदि नेहरू जी के विचारों का, उनकी पुस्तकों का, अध्ययन करते तो उनका यह भ्रम दूर हो सकता है।

आचार संहिता के बिना कार्य करती है लोक सभा आचार समिति

सांसद उन नियमों से पीछे हट रहे हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए
नन्तू बनर्जी - 2023-11-10 10:40
यह अविश्वसनीय परन्तु सच है कि 21 अक्तूबर, 1951 और 21 फरवरी, 1952 के बीच देश में पहले आम चुनाव के बाद से लोकसभा के सीधे निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए कोई सूचीबद्ध 'आचार संहिता' नहीं है। हालांकि, विरोधाभासी रूप से, लोकसभा की एक नैतिक समिति है जिसके सदस्य उन नियमों या कृत्यों के बारे में अंधेरे में रहते हैं जो स्पष्ट रूप से उनके लिए अनैतिक बताये गये हैं। लोकसभा में पहली आचार समिति का गठन 16 मई 2000 को तेलुगु देशम पार्टी के दिवंगत जीएमसी बालयोगी द्वारा किया गया था। लोकसभा को अभी भी अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता लाना बाकी है और सदस्यों के व्यावसायिक हित की घोषणा की व्यवस्था भी करनी है जैसा कि राज्यसभा सदस्यों के लिए पहले से ही मौजूद है।

जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक सर्वे से नीतीश ने आरएसएस-मोदी को पछाड़ा

संघ के हिंदू वोट ध्रुवीकरण के फॉर्मूले को बिगाड़ सकता है यह रणनीतिक कदम
अरुण श्रीवास्तव - 2023-11-09 10:43
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नरेंद्र मोदी उनकी राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक कुशलता की बराबरी नहीं कर सकते। हालांकि मोदी के मध्यम वर्ग के भक्त दावा करते हैं कि उन्हें पूरी समझ है कि अपने प्रतिद्वंद्वी को कब और कैसे पछाड़ना है। मंगलवार को जाति जनगणना के सामाजिक-आर्थिक आंकड़े जारी करने का नीतीश का कदम स्पष्ट संदेश देता है कि उनके पास और भी बहुत कुछ है जिनमें सामाजिक समावेशन के साथ-साथ राजनीतिक समय दोनों के महत्व की गहरी समझ शामिल है।

नारायण मूर्ति का सप्ताह में 70 घंटे काम का प्रस्ताव स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा

विश्व भर में डॉक्टरों के अनुसार प्रतिदिन छह घंटे का काम सर्वोत्तम विकल्प
डॉ अरुण मित्रा - 2023-11-08 11:02
ऐसा लगता है कि इंफोसिस के अध्यक्ष श्री एन आर नारायण मूर्ति उस लोकप्रिय कविता को भूल गये हैं जो हमें स्कूल के दिनों में पढ़ायी गयी थी। कविता का शीर्षक था - 'द क्राई ऑफ द चिल्ड्रेन', और कवयित्री थीं एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग। वह इंग्लैंड में चिमनी साफ करने वाले बच्चों की स्थिति को समर्पित थी जिन्हें खतरनाक उद्योगों में लंबे समय तक काम करवाया जाता था, जिसके परिणामस्वरूप अनेक गंभीर बीमारियों की चपेट में आने और अंततः जल्दी ही मर जाने की संभावनाएं थीं। कविता बच्चों पर उनके नियोक्ताओं द्वारा थोपे गये शारीरिक श्रम की जांच करती है। यह अगस्त 1843 में ब्लैकवुड पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।

गुमनाम राजनीतिक चंदा भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा

केंद्र द्वारा अनुमति दिये गये चुनावी बांड से याराना पूंजीवाद को बढ़ावा
नन्तू बनर्जी - 2023-11-07 11:25
राज्य और आम चुनाव लड़ने में मदद के लिए राजनीतिक दलों को गुप्त व्यापारिक दान में वृद्धि से भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचने का खतरा है। ऐसी व्यवस्था दान देने वालों की गुमनामी की रक्षा करता है। यदि फ्रांस, जो दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्रों में से एक है, व्यापारिक निगमों द्वारा राजनीतिक चंदे पर प्रतिबंध लगा सकता है, तो भारत में राजनीतिक दलों को अज्ञात व्यापारिक दिग्गजों से चुनावी धन जुटाने की आवश्यकता क्यों है?

भाजपा के नेतृत्व वाली 'आचार समिति' द्वारा महुआ मोइत्रा का उत्पीड़न शर्मनाक

भगवा पार्टी खत्म करना चाहती है तेजतर्रार टीएमसी नेता का राजनीतिक जीवन
अरुण श्रीवास्तव - 2023-11-04 11:47
भारतीय संसदीय कामकाज के इतिहास में पहले कभी किसी विधायी पैनल के अध्यक्ष को चरित्र हनन और स्त्रीद्वेषी विकृति की इतनी तीखी आलोचना का सामना नहीं करना पड़ा, जितना कि लोकसभा आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर को करना पड़ रहा है।

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी समाजवादी पार्टी

कांग्रेस की सभी 80 सीटों पर लड़ने की घोषणा से अन्य इंडिया साझेदार नाराज
प्रदीप कपूर - 2023-11-03 11:14
लखनऊ: विपक्षी गठबंधन इंडिया में साझेदार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस 2024 के लोक सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बंटवारे को लेकर कड़ी सौदेबाजी करने के लिए अधिकाधिक संख्या में सीटों का दावा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) अध्यक्ष अजय राय ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ समाजवादी, आरएलडी और वामपंथी दलों सहित इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों को यह घोषणा कर आश्चर्यचकित कर दिया कि उनकी पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत की बेहद खराब स्थिति एक बड़ी चिंता का विषय

सरकार को सभी नागरिकों को बुनियादी पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहिए
डॉ अरुण मित्रा - 2023-11-02 12:23
चिंता की बात यह है कि वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत का स्कोर 28.7 है और यह देश सर्वेक्षण किये गये 125 देशों में 111वें स्थान पर है। इसकी तुलना में, हमारे पड़ोसियों का प्रदर्शन बेहतर है, जिसमें श्रीलंका 60वें, नेपाल 69वें, बांग्लादेश 81वें और पाकिस्तान 102वें स्थान पर है। 20.0-34.9 के बीच का (जीएचआई) स्कोर गंभीर माना जाता है, जबकि 9.9 या उससे कम को सबसे कम भूखमरी, 10.0-19.9 मध्यम भूखमरी, 35.0-49.9 चिंताजनक, और 50.0 या अधिक को बेहद चिंताजनक। हम भुखमरी के गंभीर स्तर पर हैं, यह वास्तविक चिंता का कारण है।