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आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: विकास पूर्वानुमान के में विश्वसनीयता का अभाव

सेवा क्षेत्र महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित लेकिन, स्टार्ट-अप में वृद्धि जारी है
नंतू बनर्जी - 2022-02-01 09:56
भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2022 को सोमवार को संसद में पेश किया गया, जिसमें कुछ शर्तों के साथ आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 8.0-8.5 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुमान में विश्वसनीयता की कमी है। प्रक्षेपण इस धारणा पर आधारित है कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं होगा, मानसून सामान्य होगा, प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा वैश्विक तरलता की निकासी मोटे तौर पर व्यवस्थित होगी, तेल की कीमतें यूएस डॉलर 70- डॉलर 75 की सीमा में होंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान वर्ष के दौरान लगातार कम होंगे।

क्या आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी के रूप में होगा उदय

पंजाब में आप की जीत के होंगे व्यापक असर
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-01-31 11:13
आगामी 10 मार्च को पांच राज्यो की विधानसभाओं के चुनावों के नतीजे सामने आ जाएंगे। यकीनन उत्तर प्रदेश सबसे महत्वपूर्ण राज्य है, जहां के चुनावी नतीजे देश की राजनीति पर व्यापक असर करने वाले हैं। वहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच है। यदि वहां भाजपा हार जाती है, तो देश राजनीति के एक नये युग में प्रवेश कर जाएगा। वहां की जीत भारतीय जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए खास मायने रखती है। और यदि वहां भारतीय जनता पार्टी जीत जाती है, तो पश्चिम बंगाल में हारने के बाद भाजपा में जो हौसलापस्ती का दौर शुरू हुआ है, वह समाप्त हो जाएगा।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में रालोद-सपा गठबंधन और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर

अखिलेश यादव ने खुद को एक बड़े नेता के रूप में फिर से स्थापित किया
प्रदीप कपूर - 2022-01-29 11:19
लखनऊः रालोद-समाजवादी पार्टी गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना कर रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार फिसलन भरे विकेट पर अपने को पाकर भाजपा ने सारे संसाधन जुटा लिए हैं. पश्चिमी यूपी की 100 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ बनाए रखना बीजेपी और संघ परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, इसलिए सभी नेता और कार्यकर्ता इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में पहले तीन चरणों में मतदान का सामना कर रहे हैं।

अधिकारों और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए लड़ाई गणतंत्र दिवस की पुकार है

मोदी शासन को हटाकर ही भारतीय जनता संविधान बचा सकती है
बिनॉय विश्वम - 2022-01-28 17:12
स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर, भारत ने अभी-अभी उसके गणतंत्र बनने की 72वीं वर्षगांठ मनाई है। ‘हम, भारत के लोग’ स्वाभाविक रूप से इस महान देश की मुक्ति के लिए हमारे पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए संघर्ष की गाथाओं को देखेंगे। गणतंत्र और संविधान की नींव उन अपार संघर्षों और बलिदानों का परिणाम है। स्वतंत्रता के सामान्य उद्देश्य के इर्द-गिर्द विचारों की विभिन्न धाराएँ और प्रतिरोध के मार्ग एक साथ आए। यह लड़ाई अनोखी और सुसंगत थी कि शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्यवाद को मजबूर होकर वापस लौटना पड़ा।

उत्तर प्रदेश में हारजीत का फैसला करेगी जाति गोलबंदी

जीत की कुंजी वंचित जातियों के हाथ में
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-01-27 11:10
रैलियों और जनसभाओं पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान अपने चरम पर है। अपने अपने तरीके से पार्टियां और उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं और मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव उत्तर प्रदेश का हो और उसमें सांप्रदायिकता का पुट न लगे, ऐसा हो ही नहीं सकता, लेकिन इस बार सांप्रदायिकता का मुद्दा भी कमजोर पड़ रहा है और सबसे ज्यादा महत्व जातिगत गोलबंदी का है। प्रदेश में सैंकड़ों जातियां हैं, लेकिन विधानसभा का मुह कुछ ही जाति के लोग दे पाते हैं। जाहिर है, अधिकांश जातियों के लोग कभी भी विधानसभा में पहुंच नहीं पाते। सीटें सीमित हैं और जातियां अनगिनत। इसलिए सब जातियों को टिकट देना संभव ही नहीं।

चुनाव उत्तर प्रदेश में और भूचाल बिहार में

क्या नीतीश सरकार संकट में है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-01-25 10:45
उत्तर प्रदेश का चुनाव बिहार की राजनीति की धड़कनें बढ़ा रहा है। इसने न केवल सत्तारूढ़ भाजपा और जदयू के बीच तनाव पैदा कर दिया है, बल्कि जदयू की आंतरिक राजनीति को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार जायसवाल नीतीश सरकार पर उस तरह आक्रामक हो गए हैं, जो पहले कभी बिहार में देखा नहीं गया था। गिरिराज सिंह जैसे नेता जब कभी नीतीश और उनकी सरकार की आलोचना करते थे, तो नीतीश कुमार और उनके लोग भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से उनकी शिकायत करते थे और प्रायः केन्द्रीय नेतृत्व गिरिराज सिंह का मुह बंद करवा देते थे। गिरिराज सिंह के वे बयान निजी हैसियत से दिए जाते थे, क्योंकि वे किसी पार्टी पद पर नहीं थे।

नेहरू और सुभाष के बीच पत्र व्यवहार

दोनों एक दूसरे का बेहद सम्मान करते थे
एल. एस. हरदेनिया - 2022-01-24 09:58
पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संपादित एक ग्रंथ है जिसमें उन्हें संबोधित अनेक पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इन पत्रों का चयन स्वयं श्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था। इस पुस्तक का नाम है ‘‘ए बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स‘‘। इस ग्रंथ में 368 पत्र संग्रहित हैं। उनमें से बहुसंख्यक नेहरू जी को संबोधित किए गए हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो नेहरू जी ने अन्य लोगों को लिखे हैं। संग्रह में उस समय के लगभग सभी भारत के और विदेश के महान व्यक्तियों के पत्र शामिल किए गए हैं। इनमें महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्ना, नेहरू जी के पिता मोतीलाल नेहरू, रवीन्द्र नाथ टेगौर, अबुलकलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद, सरोजनी नायडू, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि द्वारा नेहरू को संबोधित पत्र शामिल हैं। नेहरू जी के अनेक विदेशी मित्रों के पत्र भी इसमें शामिल हैं। जिनमें चीन के तत्कालीन शासक च्यांगकाईशेक, महान नाटककार जार्ज बर्नाड शा, एडवर्ट थामसन, स्टेफर्ड क्रिप्स आदि अनेक विश्व विख्यात व्यक्ति शामिल हैं। इस संग्रह में सुभाष चंद्र बोस द्वारा लिखे गए अनेक पत्र शामिल किए गए हैं। पुस्तक में प्रकाशित तमाम पत्रों से उस समय की राजनीति, आजादी के आंदोलन, विश्व की परिस्थितियों आदि का ज्ञान होता है।

संकट में है भारत का संविधान

शिक्षा व्यवस्था भी बिखरती जा रही है
कृष्णा झा - 2022-01-22 10:42
भारत इस सदी की आज तक की सबसे भयानक त्रासदी से गुजर रहा है। महामारी के भयानक साये में जहां लाखों जानें जा रही हैं, वहीं हमारा जनतांत्रिक समाज भी चुनौतियों से गुजर रहा है। हमारी डेमोक्रसी जिस नींव पर खड़ी है, वह है हमारा संविधान, जो आज सम्मान की जगह व्यंगों का शिकार है। इसकी प्रस्तावना, इसकी धाराएं आज उपहास के दर्द से गुजर रही है। व्यर्थता की कगार पर आज यह आ चुका है, जहां जनता की आवाज, उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी दॉंव पर लगी है। भूख की आह, जीविका की कमी, और अंत में जीवन सभी हाशिये पर हैं। लोगों की पहचान सिर्फ संप्रदाय, जाति और लिंग के आधार पर होती है इसमें प्रत्येक अपनी विभाजनकारी भूमिका में आज सक्रिय है। समाज टुकड़ों में है और हमारी बहुलता आज खतरे में है। सारे इलाके बंटे हुए हैं, रिहायशी क्षेत्र बंटे हुए हैं, हर घर एक गहरे दर्द से गुजर रहा है, क्योंकि लोग वहां इंसान की तरह नहीं, बल्कि महिला और पुरूष के रूप में रहते हैं, दोनों की जगह बंटी हुई है, आजादी की सीमा भी निश्चित कर दी गई है। इंसान में इंसानियत होना अब एक पुरानी धारणा है।

उत्तराखंड में परिवर्तन के संकेत

आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर भाजपा को फिर सत्ता में आने का भरोसा
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-01-20 11:09
कोरोना और ओमिक्रॉन के खतरों के बीच उत्तराखंड में हो रहा विधानसभा का चुनाव बहुत ही दिलचस्प साबित होने जा रहा है। जब से प्रदेश का गठन हुआ है यहां मुकाबला सीधा ही होता रहा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने सामने होती है। कभी कांग्रेस जीतती है, तो कभी भारतीय जनता पार्टी। प्रदेश के गठन की शुरुआत में उत्तराखंड क्रांति दल नाम की एक पार्टी भी चर्चा का विषय हुआ करती थी। प्रदेश के गठन के लिए जारी आंदोलन में इस दल की विशेष भूमिका थी, लेकिन यह दल सिर्फ चर्चा में ही रह सका और उत्तराखंड के चुनावों को त्रिकोणात्मक बनाने में विफल रहा।

उत्तर प्रदेश चुनावों में केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों को लुभा रही भाजपा

मतदाताओं तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन और व्यक्तिगत दोनों तरह का व्यापक अभियान जारी
प्रदीप कपूर - 2022-01-19 10:49
लखनऊः ऐसे समय में जब सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी वादों में मुफ्त माल और सेवा देने की पेशकश कर रहे हैं, भाजपा उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के ज्ञात लाभार्थियों पर भी भरोसा कर रही है। जाति और धार्मिक आधार पर भी सत्ताधारी पार्टी वोट पाने की कोशिश कर रही है।