अगम भारतीय चिन्तन परम्परा में अगम ब्रह्म को कहते हैं जिनतक पहुंचा नहीं जा सकता। वहां तक किसी की पहुंच नहीं हो पाने के कारण ही वह अगम कहे जाते हैं। आसपास के पृष्ठ अगोचरी, अग्नि, अंग्रेजी, अघोर पंथ, अचेतन