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अभिसारिका

अभिसारिका नायिका का एक भेद है। जो नायिका अपने प्रेमी से मिलने के लिए स्वयं संकेत स्थान पर जाये या उसे निर्धारित स्थान पर बुलाये वह अभिसारिका नायिका कहलाती है। यह परिभाषा भानुदत्त ने दी है।

वैसे अभिसार का अर्थ है मिलने के लिए जाना या निर्धारिक स्थान और समय पर मिलने का वायदा करना।

ऐसी नायिकाओं का उल्लेख सर्वप्रथम भरत ने किया था।

अभिसारिका नायिकाएं मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं। ये तीनों प्रकार समय के आधार पर किये गये हैं। जैसे, जो नायिका दिन में अभिसार करने वाली होती है उसे दिवाभिसारिका कहते हैं। अंधेरी रात में अभिसार करने वाली को कृष्णाभिसारिका कहा जाता है, जबकि चांदनी रात में अभिसार करने वाली नायिका को शुक्लाभिसारिका कहा जाता है।

इसके अतिरिक्त अन्य आधारों पर भी ऐसी नायिकाओं के भेद किये गये हैं। उदाहरण के लिए मुग्धाभिसारिका तथा मध्याभिसारिक को लिया जा सकता है। मुग्धाभिसारिका में स्वाभाविक संकोत तथा लज्जा का भाव होता है जबकि मध्या निडर होकर अभिसार करती है। कुछ आचार्यों ने निडरता का कारण नायिका के प्रौढ़ा हो जाने या पूर्व का अनुभव प्राप्त होने को बताया है।

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अभिहितान्वयवाद, अमर वारुणी, अमरता, अमरूद, अमरोली मुद्रा

Page last modified on Friday May 23, 2025 14:41:42 GMT-0000