Loading...
 
Skip to main content
(Cached)

अमृत

अमृत वह दिव्य द्रव है जिसे पीकर अमर हो जाने की कल्पना की गयी है।

अनेक पौराणिक आख्यानों में अमृत की चर्चा हुई है तथा भारतीय पुराणों में अमृत प्राप्त करने के लिए देवासुर संग्राम तथा क्षीरसागर के मंथन की कहानी भी है। कहानी के अनुसार मंथन से निकलने वाले पदार्थों में एक अमृत भी था।

मानव ऐसे किसी द्रव्य की खोज में लगातार लगा रहा है। परन्तु यह अमृत अबतक किसी मनुष्य को प्राप्त हुआ और वह इसका पान कर अमर हो गया इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है।

हठयोग में कहा गया कि सहस्रदल कमल के चंद्रबिन्दु से जो रस निकलता है वही अमृत है।

वैसे अमृत शब्द का भाषा में संकेतात्मक या लाक्षणिक रूप से प्रयोग मिलता है, उन पदार्थों के लिए जो व्यक्ति को किन्हीं व्याधियों या पीड़ा से मुक्त करने की क्षमता रखते हों। आध्यात्मिक लोगों ने तो ईश्वरभक्ति को ही अमृत माना है।

निकटवर्ती पृष्ठ
अमृतगति, अमृतध्वनि, अयत्नज अलंकार, अरंगशेखर, अरध-उरध

Page last modified on Friday May 23, 2025 14:46:02 GMT-0000