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आत्मप्रक्षेपण

मनोविज्ञान में आत्मप्रक्षेपण मानव मन का वह कार्य है जिसमें वह अपनी इच्छाओं, भावनाओं, वासनाओं आदि का प्रक्षेपण अनजाने ही किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु में करता है। ऐसा आरोपण कर वह अपने ही अपराधबोध से मुक्ति पाने का प्रयत्न करता है।

उदाहरण के लिए, विश्वासघात करने वाला व्यक्ति अपने निकटस्थ बंधु-बांधवों पर ही उटला विश्वासघात करने का आरोप लगाता फिरता है, जबकि तथ्य उसके ठीक विपरीत होता है।

आत्मप्रक्षेपण केवल दोषों का ही नहीं बल्कि गुणों का भी होता है।

उदाहरण के लिए, लोग वास्तविक जीवन में हीरो नहीं होते इसलिए जब फिल्मों के हीरो में वह गुण देखते हैं जिनका उनके जीवन में अभाव है, तो आनन्दित होते हैं।

रचनाकार भी आत्मप्रक्षेपण करते हैं। अपने जीवन के अच्छे तथा बुरे कर्मों का प्रत्यारोपण वे अपने पात्रों में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से करते हैं।

निकटवर्ती पृष्ठ
आत्मप्रत्यक्ष, आत्मप्रलम्बन, आत्मवाद, आत्मविघटन, आत्मा

Page last modified on Monday May 26, 2025 00:55:21 GMT-0000