उल्लाप्य
उल्लाप्य एक उपरूपक है। पारम्परिक उल्लाप्य में एक अंक, एक धीरोदात्त नायक, दिव्य कथा और चार नायिकाएं होती हैं। इसमें शिल्पक के 27 अंगों का निर्वाह होता है तथा अभिनय का तरीका संग्राम-बहुल होता है। अपारम्परिक उल्लाप्यों में तीन अंक भी होते हैं।शेष बातों में जिस प्रकार नाटक खेले जाते हैं उसी प्रकार उल्लाप्य भी खेले जाते हैं।
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