काल द्रव्य
जिसमें अपर, पर, युगपत् (एक वार), चिरम् (विलम्ब), क्षिप्रम् (शीघ्र) आदि के प्रयोग होते हैं उसी को काल कहते हैं।यह नित्य पदार्थों में नहीं होता बल्कि अनित्य पदार्थों में ही होता है। इसी कारण कहा जाता है कि पदार्थों की अनित्यता का कारण काल ही है।
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कालचक्रयान, कालमुख, कालमेजुथु, कालाग्निरुद्र, काल्पनिक सत्य