जल द्रव्य भारतीय चिंतन परम्परा में जल द्रव्य वास्तव में द्रव है। रस इसका स्वाभाविक गुण है। यह रूप, रस, स्पर्शवान, द्रवीभूत तथा कोमल है। इसमें जो रूप तथा स्पर्श है वह अग्नि तथा वायु के योग से है। शीतलत्व का गुण भी जल का स्वाभाविक गुण है।