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नियतश्राव्य

नियतश्राव्य रंगमंच पर बोले जाने वाले उन कथनों को कहा जाता है जो रंगमंच पर उपस्थित कुछ ही पात्रों के लिए कहा जाता है। जिनसे कहा जाता है वे सुनते हैं, तथा अन्य पात्र ऐसे अभिनय करते हैं मानो वह कथन उन्हें सुनायी नहीं पड़ा। यह अलग बात है कि रंगमंच पर बोले गये सभी कथोपकथन दूर बैठे दर्शक भी सुन पाते हैं। इस प्रकार संवाद के विचार से यह रूपक या नाटक की कथावस्तु का ही एक भेद हुआ। नियतश्राव्य के दो भेद हैं - जनान्तिक और अपवारित।

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नियताप्ति, नियम, निरंजन, निरंजनी सम्प्रदाय, निरति

Page last modified on Saturday May 31, 2025 06:03:07 GMT-0000