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कोरोना का संकटकाल

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना ने बहुत राहत दी

कृष्ण झा - 2021-11-13 09:47
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना द्वारा गंभीर अर्थसंकट के अंधेरे के दिनों में भी, न केवल गांवों में बसे मजदूरों को राहत दी गई थी, बल्कि प्रवासी शहरी मजदूरों के लिए भी यह शायद अकेला ही दरवाजा था, जहां से कुछ रोशनी आ रही थी। भूखऔर महामारी के थपेड़ों से जूझते मजदूर, जो हजारों मील पैदल पार कर, वापस आ रहे थे, उनके लिए यही योजना मौत के मुंह से उन्हें निकाल रही थी। नेशनल स्टैटिस्टिकल डाटा के अनुसार आधे से भी अधिक शहरी और ग्रामीण मजदूरों में सत्तावन प्रतिशत कर्ज के बोझ तले जी रहे थे। यह डाटा कोरोना के भयानक दिनों से पहले का है।

भूख पर काबू पाने के लिए गरीबों को बेहतर पोषण जरूरी

केंद्र द्वारा कार्यप्रणाली पर चुटकी लेने से प्रभावितों को कोई फायदा नहीं होगा
डॉ अरुण मित्रा - 2021-11-12 19:21
कोविड-19 के दौरान हुई दुखद घटनाओं के बाद, जिसके कारण आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 4 लाख लोगों की मौत हो गई (भले ही कुछ स्वतंत्र एजेंसियां इस संख्या को 25-40 लाख के बीच बताती हैं), 100 करोड़ लोगों को पहली खुराक का टीका लगाने की खबर और दूसरी खुराक के साथ 35 प्रतिशत आबादी ने कुछ राहत दी। सरकार द्वारा कितनी खुराक का भुगतान किया गया और कितनी मुफ्त में इसका डेटा अभी जारी किया जाना बाकी है। अतीत में भी भारत को कई सफल टीकाकरण कार्यक्रमों का श्रेय 100 प्रतिशत निःशुल्क मिलता है, जिसमें घर-घर जाकर पल्स पोलियो और चेचक उन्मूलन भी शामिल है।

ईवी दौड़ में भारत की गति धीमी

मांग की कमी और बुनियादी ढाँचे का अभाव हैं मुख्य बाधाएं
के रवींद्रन - 2021-11-11 09:49
जबकि दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रही है, ऐसा लगता है कि भारत ने एक या दो गियर नीचे कर लिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश दुनिया भर के प्रमुख ईवी बाजारों के विकास अनुमानों में भी नहीं है।

उत्तर प्रदेश में जिन्ना का जिन्न

जीतते जीतते हार जाएंगे अखिलेश यादव
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-11-10 11:02
उत्तर प्रदेश की राजनैतिक परिस्थितियां अखिलेश यादव के अनुकूल हो गई हैं। किसान आंदोलन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की कमर तोड़ रखी है। वहां मुस्लिम-जाटों में जो विभाजन आया था, वह लगभग समाप्त हो गया है। कोरोना के कारण भी प्रदेश को काफी बर्बादी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण योगी सरकार की लोकप्रियता में कमी आई। कोरोना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे को भी कम कर दिया है और अब उनका जादू पहले की तरह लोगों पर नहीं चलता।

त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस की कमजोर कड़ी है संगठन

ममता के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दांव पर
सागरनील सिन्हा - 2021-11-09 09:35
तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में पैर जमाने के लिए फिर से प्रयास कर रही है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 31 अक्टूबर को अपनी पहली रैली की। इसने पूर्वोत्तर राज्य में पार्टी का विस्तार करने के लिए अतीत में कई प्रयास किए थे। पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की वापसी के बाद, टीएमसी को पता है कि बंगाल के बाहर पार्टी को एक बार फिर फैलाने का यह सबसे अच्छा समय है। हालांकि टीएमसी एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन इसकी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खतरे में है और 2024 में चुनाव आयोग द्वारा इसकी समीक्षा किए जाने पर यह स्थिति खोने की उम्मीद है। ममता की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

आर्यन खान की गिरफ्तारी क्या अपहरण था?

उपेन्द्र प्रसाद - 2021-11-08 09:51
आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद घटनाएं बॉलीवुड की थ्रीलर मूवी की तरह घट रही हैं। अब ताजा घटनाक्रम में नवाब मलिक ने आर्यन खान की गिरफ्तारी को अपहरण का मामला करार दिया है। उनके अनुसार अपहरण करने में मुख्य भूमिका भले समीर वानखेडे की थी, लेकिन उसका मास्टर माइंड भाजपा का नेता कंबोज है। दूसरी तरफ कंबोज ने किसी सुनील पाटिल को इसका मास्टर माइंड बताया है, जो परोक्ष रूप से नवाब मलिक की पार्टी एनसीपी से जुड़ा हुआ है। मतलब कि भाजपा का वह नेता भी यह मानता है कि आर्यन खान की गिरफ्तारी को गिरफ्तारी कहना ठीक नहीं होगा, बल्कि फिरौती के लिए किया गया वह अपहरण था, जिसमें सरकारी एजेंसी का इस्तेमाल किया गया। दोनों के आरोपों में फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा नेता एनसीपी के नेता पर शाहरुख खान से फिरौती उगाही करने का आरोप लगा रहे हैं, तो एनसीपी के नेता बीजेपी पर यह आरोप लगा रहे हैं।

अखिलेश यादव की सपा उत्तर प्रदेश में भाजपा को दे रही है चुनौती

छोटे दलों के साथ गठजोड़ का सिलसिला जारी है
प्रदीप कपूर - 2021-11-06 12:31
लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस बयान को काफी अहमियत दी जा रही है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अखिलेश यादव, जो आजमगढ़ से सांसद हैं, अब विधानसभा के लिए अपने खुद के चुनाव पर समय लगाने के बजाय अपनी पार्टी के प्रचार पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे। यूपी में अब यह आम धारणा है कि समाजवादी पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में उभर रही है।

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की व्यक्तिगत जीत

भाजपा के प्रभावशाली प्रदर्शन में कांग्रेस की असफलताओं की भी भूमिका
एल. एस. हरदेनिया - 2021-11-05 09:32
भोपालः मध्य प्रदेश में 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव में बीजेपी की इतनी बड़ी जीत की किसी को उम्मीद नहीं थी। ज्यादातर पर्यवेक्षकों का मानना था कि डीजल, पेट्रोल, एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और बुवाई के समय उर्वरकों की कमी के कारण. मतदाता भाजपा को सबक सिखाएंगे। लेकिन उन्होंने पर्यवेक्षकों को तीन में से दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवारों को जिताकर बहुत बुरी तरह से निराश किया। इन जीत का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है, जिन्होंने 40 जनसभाओं को संबोधित किया और हजारों मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, अज्ञात मतदाताओं के घरों में रात बिताई और साबित किया कि वह एक मास्टर चुनावी रणनीतिकार हैं।

बिहार के दो उपचुनाव: समीकरण की राजनीति फिर हारी

उपेन्द्र प्रसाद - 2021-11-03 11:09
बिहार के दो विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों के नतीजों से लालू यादव की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने की आकांक्षा को ध्वस्त कर दिया है। बहुत दिनों तक जेल में रहने और जेल से बाहर आकर स्वास्थ्य लाभ करने के बाद लालू यादव राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना चाह रहे थे। उनका राष्ट्रीय जनता दल बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों उपचुनावों को जीतने के बाद राजद और उसके सुप्रीमो की प्रासंगिकता और भी केन्द्रीय राजनीति के लिए बढ़ जाती, इसलिए उन्होंने दोनों चुनाव जीतने के सपने पाल रखे थे और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने देने का खतरा लेकर भी उन्होंने दोनो सीटों से अपने उम्मीदवार उतार डाले। उन्हें लगा कि जातीय समीकरण की राजनीति कर दोनों सीटों से अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कर देंगे।

पंजाब में कांग्रेस का गृहयुद्ध जारी

सिद्धू को अध्यक्ष बनाना पार्टी पर पड़ रहा है भारी
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-11-02 11:14
पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। विधानसभा के चुनाव सिर पर हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच चल रहा जंग रुकने का नाम नहीं ले रहे है। प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और कांग्रेस आलाकमान चुपपाप तमाशा देख रहा है। ताजा मामलों में सिद्धू ने अपनी सरकार की आलोचना इस बात के लिए कर दी कि सरकार बिजली सस्ती या मुफ्त क्यों दे रही है।