रफैल सौदे में फ्रांसीसी न्यायिक जांच भारत में इसी तरह की जांच को सही ठहराती है
हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते नरेंद्र मोदी
2021-07-09 08:59
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’भ्रष्टाचार’, ’प्रभाव-पेडलिंग’, ’मनी लॉन्ड्रिंग’, ’पक्षपात और अनुचित कर छूट’ में 7.87 बिलियन डॉलर के राफेल-इंडिया सौदे में 14 जून, 2021 को फ्रांस में एक न्यायिक जांच का फैसले ने उस उस युद्धक विमान की खरीद से संबंधि तमामले को एक नया मोड़ दिया है। उस बड़े घोटाले को दबाने की नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी कोशिश की है। सौदे में न्यायिक जांच का निर्णय भ्रष्टाचार विरोधी फ्रांसीसी गैर सरकारी संगठन शेरपा की शिकायत पर आधारित था। यह निर्णय स्वतंत्र फ्रांसीसी ऑनलाइन खोजी पत्रिका मेडियापार्ट द्वारा प्रकाशित खोजी लेखों (“राफेल पेपर्स“ शीर्षक से) की एक श्रृंखला से प्रभावित था।