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सरकार के आर्थिक दर्शन में ही छिपा है महंगे डीजल-पेट्रोल का राज

कोविड काल में जो मालामाल हो रहे हैं, उनपर टैक्स बढ़ाना बेहतर विकल्प था
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-02-27 10:23
पेट्रोल और डीजल लगातार महंगे होते जा रहे हैं। आने वाले समय में इसे और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल और भी महंगा हो सकता है। कोविड के कारण कच्चे तेल की बढ़ रही कीमतें थम गई थीं। थम क्या गई थीं, उनमें और गिरावट आ गई थी, लेकिन विश्वव्यवापी टीकाकरण के कारण कोरोना का विश्वव्यापी प्रकोप कम होगा और आर्थिक गतिविधियां फिर से रफ्तार पकड़ेंगी। आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार पेट्रोल, डीजल व अन्य प्रकार के इंधन ही देते हैं। जाहिर है, विश्व बाजार में डीजल व पेट्रोल की मांग बढ़ेगी और उसके साथ कच्चे तेल की कीमतें भी।

मोदी सरकार का निजीकरण अभियान सार्वजनिक संपत्तियों की लूट है

आत्मनिर्भरता के नाम पर देश को बेचा जा रहा है
प्रकाश कारत - 2021-02-26 12:01
केंद्रीय बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण नीति की घोषणा को कॉर्पोरेट मीडिया और अर्थशास्त्रियों द्वारा सही बताया गया है। ‘मोदी बदल गए हैं’, ‘असाधारण रूप से बोल्ड’ और ‘अंतिम रूप से वास्तविक सुधार’, इन मंडलियों की कुछ टिप्पणियां थीं।

निषाद समुदाय को जीतने की प्रियंका की कोशिश

अन्य पार्टियां भी उन्हें लुभाने में लगीं
प्रदीप कपूर - 2021-02-25 09:54
लखनऊः उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए पिछड़ी जाति निषाद समुदाय पर जीत हासिल करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव प्रियंका गांधी गंभीर प्रयास कर रही हैं।

श्री लंका के राष्ट्रपति गोतबाया स्वतंत्र नीति पर चलने की कोशिश कर रहे हैं

भारत को चीन से संबंधित उनके कदमों पर ध्यान रखना होगा
बरुण दास गुप्ता - 2021-02-24 09:50
गोतबाया राजपक्षे के कार्यकाल में भारत- श्रीलंका संबंधों का की निगेहवानी दिलचस्प होगी। यह याद किया जा सकता है कि जब नवंबर 2019 में गोतबाया श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे, तब साउथ ब्लॉक में बेचैनी थी। वे और उनके भाई महिंद्रा (पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान प्रधान मंत्री) दोनों ही चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाते हैं। गोताबया ने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा किए गए लोकतंत्र समर्थक सुधारों को पूर्ववत करने और सरकार के राष्ट्रपति के रूप को पेश करने के अपने इरादे की घोषणा की थी । सिरीसेना श्रीलंका के संविधान में राष्ट्रपति को दी गई व्यापक शक्तियों को रोकना चाहते थे और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित कर दिया था।

हिमालय में अनेक पनबिजली परियोजनाओं पर भूस्खलन के खतरे

भारत की पनबिजली क्षमता लगातार बढ़ रही है
नंतू बनर्जी - 2021-02-23 11:05
उत्तराखंड के जोशीमठ में हाल ही में हुए विनाशकारी ग्लेशियर के प्रकोप ने इस क्षेत्र की कम से कम चार पनबिजली परियोजनाओं सहित जीवन और संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इससे देश की भारी क्षमता का दोहन करने के लिए सरकार और उद्योग की बोली धीमा होने की संभावना नहीं है। भारत 2022-23 के अंत तक 225 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पनबिजली विद्युत परियोजनाओं से इस क्षमता में काफी योगदान होने की उम्मीद है। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अधिक सतर्क होगा और नई बिजली परियोजनाओं को सख्ती से दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए कि हिमनद झील के प्रकोप के कारण होने वाली आपदाओं से कैसे निपटें।

किसान आंदोलन को बदनाम करना पंजाब में भाजपा को महंगा पड़ा

नगर निकायों के चुनावों में भगवा पार्टी की करारी हार
अनिल जैन - 2021-02-22 10:27
पहले हरियाणा, फिर राजस्थान और अब पंजाब! करीब तीन महीने से जारी किसान आंदोलन के दौरान इन तीनों राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को लगातार हार का मुंह देखना पडा है। इसमें भी पंजाब के नतीजे तो उसके लिए किसी सदमे से कम नहीं हैं। किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे पंजाब में भाजपा को ही नहीं, बल्कि कृषि कानूनों की मुखालिफत करते हुए भाजपा का साथ छोडने वाले अकाली दल को भी सूबे में सत्तारुढ कांग्रेस के मुकाबले करारी हार का सामना करना पडा है। यही नहीं, बहुत उम्मीदों के साथ पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी के लिए भी ये चुनाव नतीजे बेहद निराशाजनक रहे।

जस्टिस पी बी सावंत प्रेस की आजादी के पक्के समर्थक थे

कानून के अपने कैरियर में उन्होंने कमजोर वर्गों की लड़ाई लड़ी
एल एस हरदेनिया - 2021-02-20 10:19
भोपालः श्री जस्टिस पी बी सावंत, जिनका कुछ दिनों पहले पुणे में निधन हो गया, एक अद्वितीय न्यायाधीश थे, जो संविधान में निहित मूल्यों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थे। उनके निर्णयों ने संविधान की नींव को मजबूत करने में मदद की। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के दो-कार्यकाल के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई फैसले दिए, जिससे स्वस्थ मीडिया को सरकार और असामाजिक और आतंकवादी तत्वों द्वारा हमले से लड़ने में अपना रास्ता बनाने में मदद मिली।

पुदुचेरी का राजनैतिक संकट

भाजपा प्रदेश के सत्ता केन्द्र पर ही हल्ला बोल रही है
एस सेतुरमन - 2021-02-19 10:33
सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। अपनी योजनाओं और वोट-पाने वाले उपकरणां के साथ प्रचंड प्रचार का सहारा ले रहा है। और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पूरा आक्रामकता के साथ मोर्चे पर आ जुटे हैं। वे धड़ाघड़ निवेश परियोजनाओं की घोषणा किए जा रहे हैं। इस तरह पूरा तमिलनाडु चुनावी मोड में आ गया है।

पंजाब नगर निकायों के चुनाव नतीजों के संकेत

क्या मोदी का तिलिस्म समाप्त हो रहा है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-02-18 11:25
भारत गांवों का देश तो है ही, यह चुनावों का भी देश है। हमेशा कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। भारत में त्रिस्तरीय सरकारें निर्वाचित होती हैं। केन्द्र और राज्य सरकारों के गठन के लिए चुनाव तो होते ही हैं, स्थानीय निकायों के चुनाव भी होते रहते हैं। स्थानीय निकायों के चुनाव गांवों के लिए भी होते हैं और शहरों के लिए भी होते हैं। अभी अभी पंजाब के नगर निकायों के चुनाव हुए। 8 महानगरों के निगमों के चुनाव हुए और उनके साथ ही 109 नगरपालिकाओं और नगरपंचायतों के भी चुनाव हुए। वे चुनाव किसानों के आंदोलन के बीच हुए और यह किसी से छिपा हुआ रहस्य नहीं है कि ये किसान आंदोलन हरित क्रांति की भूमि में सबसे ज्यादा तेज है। इसे पंजाब के किसानों ने शुरू किया और यह अभी पंजाब के साथ साथ हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा तीव्र हैं, हालांकि कमोबेश यह पूरे देश में चल रहा है।

किसान आंदोलन के राष्ट्रीय चरित्र से संघ परिवार सकते में

किसी भी प्रकार के असंतोष को दबाने के लिए शासक कृतसंकल्प
अरुण श्रीवास्तव - 2021-02-17 10:43
हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में बड़े पैमाने पर किसान महासम्मेलनों के उन्नयन और किसानों के आंदोलन के आधार को व्यापक बनाने से न केवल आरएसएस का नेतृत्व सकते में है, बल्कि संघ और मोदी सरकार के बीच विरोधाभास भी तेज हो गया है।