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आवश्यक दवाओं में अत्यधिक लाभ की अनुमति नहीं दी जा सकती

दवाओं को सर्वसुलभ बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों में बड़े बदलाव की जरूरत
डॉ अरुण मित्रा - 2022-06-21 11:50 UTC
कोविड-19 महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को सबसे ऊपर रखते हुए दवाओं व टीकों पर अंतर्राष्ट्रीय समझौतों में बदलाव लाने की आवश्यकता को सामने ला दिया है। नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि दुनिया की 66.2 फीसदी आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली है, जबकि कम आय वाले देशों में यह संख्या केवल 17.7 फीसदी है।

आईएमएफ ही श्रीलंका को वित्तीय संकट से बचा सकता है

द्विपक्षीय ऋणों में बहुत बड़ा जोखिम होता है
नंतू बनर्जी - 2022-05-04 15:43 UTC
कोई भी संप्रभु या वाणिज्यिक बाहरी ऋण श्रीलंका को उसके मौजूदा गहरे वित्तीय संकट से नहीं बचा सकता है। देश अपने विशाल बकाया बाहरी ऋणों को चुकाने की स्थिति में नहीं है । पर्यटन, चाय और वस्त्र निर्यात और विदेशी रोजगार इसकी 22.40 मिलियन मजबूत आबादी की आय के प्रमुख स्रोतों में से हैं। विदेशी नौकरियां देश की बाहरी आय में अत्यधिक योगदान करती हैं। लगभग 90 प्रतिशत प्रवासी श्रीलंकाई श्रमिक पश्चिम एशिया में स्थित हैं। जबकि अवैतनिक वाणिज्यिक ऋणों को कानूनी अदालतों की मदद से संपत्ति की कुर्की के माध्यम से सबसे अच्छा निपटाया जा सकता है, त्रस्त संप्रभु ऋणों को पुनर्प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं है। उत्तरार्द्ध तभी देय होते हैं जब देश सक्षम होता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा चलने की आशंकाएं पैदा हो रही हैं

अंतर्राष्ट्रीय निकायों को इसे समाप्त करने के लिए सभी उपाय करने होंगे
डॉ अरुण मित्रा - 2022-05-02 11:54 UTC
रूस और यूक्रेन के बीच बार-बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बयानबाजी से दुनिया भर के लोगों के मन में डर व्याप्त हो गया है, क्योंकि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से अभूतपूर्व तबाही होगी। यदि युद्ध जल्द नहीं रुकता है तो अन्य देशों विशेषकर अमेरिका और नाटो की प्रत्यक्ष भागीदारी की संभावना है। ऐसी स्थिति में परमाणु हथियारों का प्रयोग अधिक आसन्न होगा।

बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविरों में बच्चों के जन्म पर विवाद

कम खाद्य आपूर्ति के लिए नागरिक अधिकार समूहों ने ढाका शासन को लताड़ा
आशीष बिस्वास - 2022-04-23 10:39 UTC
एक बार फिर, बांग्लादेश सरकार खुद को नागरिक अधिकार समूहों के साथ एक पेचीदा सार्वजनिक बहस में उलझा हुआ पा रही है। इस बार फंसे हुए 1.1 मिलियन मजबूत रोहिंग्या आबादी को खाद्य आपूर्ति की मात्रा से जुड़े एक मार्मिक मामला है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यूक्रेन युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

आईएमएफ की शर्तों से बढ़ी रूसी राष्ट्रपति पुतिन की चिंता
प्रभात पटनायक - 2022-03-07 11:01 UTC
यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के इरादे से उत्पन्न रूस की सुरक्षा चिंताओं की मीडिया में व्यापक रूप से चर्चा हुई है। लेकिन आईएमएफ के यूक्रेन के साथ संबंध, जो एक समानांतर मुद्दा है, पर शायद ही ज्यादा ध्यान दिया गया हो। आईएमएफ, जैसा कि सर्वविदित है, दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को महानगरीय पूंजी के प्रवेश के लिए ‘निवेशक-अनुकूल’ बनाकर मजदूर-विरोधी और जन-विरोधी बनाता है। आईएमएफ आमतौर पर इस उद्देश्य के लिए जिस तंत्र का उपयोग करता है, वह ‘शर्तों’ को लागू करना है जो उन देशों को ऋण माफ कर देता है जिन्हें भुगतान संतुलन समर्थन की आवश्यकता होती है।

युद्ध बंद करो

वार्ता की जाए
डी. राजा - 2022-03-05 11:28 UTC
इस समय यूक्रेन का घटनाक्रम विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यूक्रेन के प्रमुख शहरों में रूस की सैन्य कार्रवाई और दोनों तरफ से उत्तेजनापूर्ण बयानों से पता चलता है कि यह स्थिति एक पूर्णस्तरीय युद्ध में बदल सकती है जिसमें युद्ध करने वाले पक्ष युद्ध के मैदान यूक्रेन से बहुत दूरस्थ क्षेत्रों से होंगे। भारत में भी लोग इस युद्ध के बारे में आशंकित हैं। हम एक अन्तर्ग्रथित दुनिया में रह रहे हैं जिसमें इस पैमाने की भू-राजनीतिक ताकतों के बीच टकराव से हम अछूते नहीं रह सकते। अतः यह जरूरी है कि रूस और यूक्रेन के बीच इस झगड़े की तह तक जाएं और तय करें कि हमें क्या पोजीशन अपनानी चाहिए।

युद्ध नहीं है समाधान

बातचीत से ही समस्या का हल निकलेगा
बिनय विश्वम - 2022-03-04 11:15 UTC
युद्ध के अंधियारे बादल यूक्रेन पर छाये हुए हैं। इसके कारण भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अवर्णनीय चिंता बनी हुई है। हजारों भारतीय नागरिकों में ज्यादातर विद्यार्थी युद्धग्रस्त यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं। उनके सगे-संबंधियों से चिंता भरे फोन और संदेश दिन-रात भारतीय नागरिकों को मिल रहे हैं।

सोवियत संघ के विघटन के बाद नाटो को भंग कर दिया जाना चाहिए था

सारे फसाद की जड़ नाटो ही है
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-02-25 10:53 UTC
यूक्रेन पर रूस के हमले का तात्कालिक कारण नाटो से जुड़ा हुआ है। यूक्रेन धीरे धीरे नाटो के प्रभाव में जा रहा था और उसके इस संस्था के सदस्य बनने की प्रबल संभावना थी। न तो यूक्रेन ने कभी इस बात का खंडन किया कि नाटो का सदस्य बनने जा रहा है और न ही नाटो ने कभी कहा कि यूक्रेन उसका सदस्य नहीं बनने वाला। रूस बस यही चाहता था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बने। उसने ऐसी प्रतिबद्धता व्यक्त करने से मना कर दिया। उधर नाटो ने भी कहने से मना कर दिया कि वह यूक्रेन का अपना सदस्य नहीं बनाएगा।

यूक्रेन पर रूस-नाटो टकराव का स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रभाव

कोविड अभी भी समाप्त नहीं हुआ है, युद्ध और बीमारियों को लेकर आएगा
डॉ अरुण मित्रा - 2022-02-24 10:38 UTC
कोविड-19 महामारी के कारण मानवीय संकट से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। यह खतरा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है क्योंकि हम अभी भी तेजी से परिवर्तन करने वाले वायरस के नए रूपों के बारे में निश्चित नहीं हैं। भले ही टीकाकरण ने कुछ राहत दी हो, लेकिन विभिन्न देशों में आबादी के टीकाकरण में स्पष्ट असमानता इसके खिलाफ लड़ाई में बाधा उत्पन्न करती है। हमें न केवल महामारी के लिए, बल्कि अन्य बीमारियों के लिए भी चुनौती का सामना करने के लिए अपार संसाधनों की आवश्यकता है, जिन्हें इस अवधि के दौरान बड़े पैमाने पर नजरअंदाज कर दिया गया है। टीबी, डेंगू, मलेरिया, डायरिया, मधुमेह, कैंसर, क्रोनिक किडनी जैसी बीमारियों के मरीजों को बदलती प्राथमिकताओं के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। इसका प्रभाव विकासशील देशों में अधिक देखा गया है, जिनके पास पहले से ही संसाधनों की कमी है।

बलूचिस्तान विद्रोहियों द्वारा विस्फोट

पाकिस्तान के सुरक्षा बलों को भारी नुकसान
मनीष राय - 2022-02-16 09:59 UTC
बलूचिस्तान में, क्षेत्रफल की दृष्टि से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत, पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों में भारी वृद्धि देखी गई है, बलूच विद्रोहियों ने विभिन्न अभियानों में राज्य बलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बलूच विद्रोही आमतौर पर छिटपुट लक्ष्य हत्याओं, छोटे घात लगाकर किए गए हमलों और सड़क किनारे बमबारी में शामिल होते हैं। अब हम सैन्य शिविरों पर कुशल हमले देख रहे हैं जिसमें विद्रोही लड़ाके सुरक्षा बलों के शिविरों पर धावा बोल रहे हैं और भारी हताहत कर रहे हैं।