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मध्यप्रदेश कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी तेज

कमालनाथ बन रहे हैं दिग्विजय और सिंधिया का निशाना
एल.एस हरदेनिया - 2019-10-18 09:39
भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में गुटीय विभाजन की छाया में चुनाव लड़ रही है। ऐसे समय में जब पार्टी को अपने चुनावी आधार को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा समर्पित करनी चाहिए, उसके नेता विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र पर पत्र भेज रहे हैं।

कश्मीर के हालात: चाहत ‘आजादी’ की है लेकिन 370 से भी लगाव कम नहीं

अनिल जैन - 2019-10-17 12:36
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर)ः संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से लेकर अब तक कश्मीर घाटी में हालात बेहद असामान्य बने हुए हैं। एक ओर जहां ‘कश्मीर की आजादी’ चाहने वाले घाटी के ज्यादातर बांशिदों का कहना है कि अनुच्छेद 370 अब उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है, वहीं दूसरी ओर कई लोग ऐसे भी हैं जिनका अनुच्छेद 370 से गहरा लगाव है और वे मानते हैं कि सरकार ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उनके साथ नाइंसाफी की है, यह दर्जा फिर से बहाल होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर पूरी हुई सुनवाई

फैसला सबको स्वीकार्य होना चाहिए
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-10-16 12:59
अयोध्या की विवादित जमीन, जहां 6 दिसंबर 1992 के पहले बाबरी मस्जिद खड़ी थी और जिसके बारे में हिन्दू पक्ष का दावा है कि वहां राममंदिर था और वह राम का जन्मस्थान है, पर फैसला अब एक महीने में आ जाएगा, क्योंकि 17 नवंबर को प्रधानन्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगाई रिटायर हो रहे हैं। रिटायर होने के अंतिम दिन या उसके एक दिन पहले उनके नेतृत्व वाली पीठ फैसला सुना देगी और एक पक्ष के लिए वह उत्सव का तो दूसरे पक्ष के लिए गम का कारण होना तय है। जिस तरह की दलीलें दोनों पक्षों ने दी और जजों ने जिस तरह के सवाल उनसे पूछे इससे तो यही लगता है कि यह फैसला किसी के पक्ष में भी जा सकता है।

चीन भारत के लिए नेपाल में एक बड़ी चुनौती

नेपाल के प्रति भारत को ज्यादा उदार होना पड़ेगा
बरुण दास गुप्ता - 2019-10-15 12:46
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे और पिछले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दक्षिण के ममल्लापुरम में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन (पिछले साल वुहान शिखर सम्मेलन के बाद दूसरा) किया था। चूंकि यह एक अनौपचारिक बैठक थी, इसलिए कोई एजेंडा नहीं था, कोई अधिकारी मौजूद नहीं था, कोई मिनट दर्ज नहीं की गई थी और न ही शिखर सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान जारी किया गया था। लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव द्वारा प्रेस को दी गई ब्रीफिंग ने यह धारणा दी कि दोनों नेताओं की प्राथमिक चिंता चीन के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा छेड़ा गया व्यापार युद्ध था। इसके नतीजों ने कई देशों को प्रभावित किया है, जिसमें भारत भी शामिल है।

महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव

कांग्रेस और एनसीपी का एसिड टेस्ट
हरिहर स्वरूप - 2019-10-14 17:48
दो महत्वपूर्ण राज्यों- हरियाणा और महाराष्ट्र में मतदान अभियान अपने चरम पर है। 2019 के चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी के बाद यह इस बात की पहली परीक्षा है कि क्या प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बरकरार है, या क्या कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों ने उन्हें चुनौती देने की क्षमता हासिल की है। ये चुनाव आने वाले दिनों में राजनीति की दिशा और दशा भी तय करेंगे।

आर्थिक सुस्ती अब आर्थिक मंदी का रूप ले रही है

सरकार अपनी कुंभकर्णी नींद को कब त्यागेगी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-10-12 09:48
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। सितंबर महीने की औद्योगिक विकास दर के आंकड़े आ गया है और इस महीने विकास की दर नकारात्मक रही है। इसका मतलब है कि विकास हुआ ही नहीं है, इसके उलट उद्योगों मे उत्पादन कम हो गया है। पिछले साल सितंबर महीने मे जितना औद्योगिक उत्पादन हुआ था, उससे इस साल के सितंबर में एक फीसदी से भी ज्यादा कम हो गया। यह देश के लिए बहुत ही खौफनाक आंकड़ा है। जब विकास दर गिर रही थी, तब कहा जा रहा था कि यह मंदी की स्थिति नहीं है, बल्कि यह सुस्ती की स्थिति है। यानी आर्थिक विकास हो रहा है, लेकिन विकास की दर कमजोर है, लेकिन नकारात्मक विकास दर का मतलब होता है कि विकास हो ही नहीं रहा है, बल्कि उसका उलटा हो रहा है। इस स्थिति को तो सुस्ती की स्थिति नहीं कही जा सकती। यह सीधा सीधा आर्थिक मंदी का मामला है और सरकार आर्थिक शब्दजाल से लोगों को उलझाकर नहीं रख सकती।

अध्यादेश पर राज्यपाल से टकराव को कमलनाथ ने टाला

भाजपा नेताओं को राज्यपाल के निर्णय से निराशा
एल एस हेरदेनिया - 2019-10-11 10:20
भोपालः राजनीतिक प्रबंधन में अपने कौशल का उपयोग करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ राजभवन और राज्य सरकार के बीच सीधे टकराव को रोकने में कामयाब रहे। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में नगर निकायों और नगर पंचायतों के महापौरों और चेयरपर्सन के चुनाव की प्रक्रिया में भारी बदलाव करते हुए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अब तक शहरी नागरिक निकायों के प्रमुख सीधे लोगों द्वारा चुने जाते थे। अध्यादेश में नगरसेवकों द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव का प्रस्ताव है। इस कदम का मुख्य विपक्षी भाजपा ने कड़ा विरोध किया था। पार्टी के शीर्ष नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे इस उपाय को स्वीकार न करें।

कश्मीर के हालात: अब सौरा के लोगों के लिए धारा 370 महत्व नहीं रखता

अनिल जैन - 2019-10-10 10:08
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर): श्रीनगर में डाउनटाउन के बाद दूसरा सबसे तनावपूर्ण इलाका है सौरा। श्रीनगर से नौ किलोमीटर दूर यह अर्ध शहरी इलाका सुरक्षाबलों के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 35ए खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कश्मीर घाटी में पहला विरोध प्रदर्शन इसी इलाके में हुआ था। 9 अगस्त को हुए इस प्रदर्शन मे तकरीबन 10 हजार लोग शामिल थे।

दिल्ली में प्रदूषण की राजनीति

बढ़े प्रदूषण की जिम्मेदारी कौन लेगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-10-09 16:12
दिल्ली विधानसभा आम चुनाव के अब कुछ ही महीने बचे हुए हैं और चुनाव जीतने की राजनीति यहां तेज हो गई है। इसी राजनीति के तहत केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर डाला और दिल्ली के प्रदूषण मुक्त हो जाने का दावा अपनी केन्द्र सरकार को देने लगे। उन्होंने एक से एक तर्क दिए और आंकड़े जारी किए। उन सबके द्वारा उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बना दिया गया है और यह काम उनकी सरकार के प्रयासों के कारण हुआ है न कि अरविंद के केजरीवाल की प्रदेश सरकार के कारण।

कश्मीर के हालात: पत्थरबाजी जारी है और बेगुनाहों का उत्पीड़न भी

अनिल जैन - 2019-10-07 14:18
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर): पिछले दो महीने से वैसे तो कश्मीर घाटी में कोई इलाका ऐसा नहीं है जहां तनाव न पसरा हो या नौजवानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव की आशंका न रहती हो, मगर श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके की बात ही कुछ और है। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले तीस साल में इस इलाके के करीब दस हजार लोग सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं। हालांकि यह आंकडा आधिकारिक नहीं है और न ही इस दावे की किसी तरह पुष्टि की जा सकती है। जो भी हो, यह इलाका है बेहद तनावपूर्ण। इसीलिए यहां प्रशासन ने भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर रखा है। सुरक्षाबलों की यह तैनाती भी यहां तनाव की एक बडी़ वजह है, क्योंकि इस इलाके के लोग सुरक्षाबलों को अपना दुश्मन मानते हैं और उन्हें देखते ही भड़क उठते हैं।