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दिल्ली में मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली

क्या चुनाव जीत पाएंगे केजरीवाल
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-08-29 11:12
पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के हाथों आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई थी। दिल्ली लोकसभा की सातों सीट पर चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मात्र दो सीटों पर ही दूसरे नंबर पर आ सके थे। यानी शेष 5 सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे और उनमें से अधिकांश की जमानतें जब्त हो गई थीं। भारतीय जनता पार्टी को 50 फीसदी से भी ज्यादा मत मिले थे, जबकि केजरीवाल की पार्टी को मात्र 18 फीसदी मत ही मिले थे। उससे ज्यादा मत तो कांग्रेस को मिले थे। शीला दीक्षित तक कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा थीं और उन्होंने अपने आपको भी चुनाव मैदान में उतार दिया था। इसके अलावा दिल्ली प्रदेश के अन्य कांग्रेसी महारथी भी चुनाव के अखाड़े में खुद उतर आए थे। खुद शीला दीक्षित, पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, अजय माकन, लवली और महावल मिश्र चुनाव लड़ रहे थे और वे सभी के सभी हार तो गए, लेकिन आम आदमी पार्टी को धूल चटाने में भाजपा की मदद कर दी। कांग्रेस के वे सारे दिग्गज दूसरे स्थान पर रहे और इस तरह उन्होंने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को सदमे में भेज दिये।

जिंदगी बचाने के लिए पानी का कुप्रबंधन रोकें

जलशक्ति मंत्रालय को हल ढूंढ़ना होगा
ज्ञान पाठक - 2019-08-28 10:52
भारत को दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी के लिए पानी का प्रबंधन करने की आवश्यकता है लेकिन दुनिया के ताजा पानी के संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत ही यहां है। यद्यपि वार्षिक उपयोग योग्य पानी सतही जल स्रोतों से 690 अरब घन मीटर (बीसीएम) और भूजल से 447 बीसीएम है, लेकिन पानी की आपूर्ति इतनी कुप्रबंधित है कि हर साल लगभग दो लाख लोग अपर्याप्त पानी, और अस्वच्छता के कारण मर जाते हैं। व्यक्तिगत रूप से असुरक्षित पानी का बोझ चीन की तुलना में 40 गुना अधिक है, और श्रीलंका की तुलना में 12 गुना अधिक है। प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में अपशिष्ट जल उत्पन्न होने के साथ, सतही और भूजल दोनों को दूषित करने वाले अपशिष्ट जल के कुप्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कमी, स्वच्छता की खराब स्थिति ने जल जनित बीमारियों से पीड़ित आबादी की संख्या बढ़ाने में योगदान दिया है।

जेटली और चिदंबरम

दिल्ली के दो दोस्तों की अनूठी दास्तान
अनिल जैन - 2019-08-27 10:46
अरुण जेटली और पलानिअप्पन चिदंबरम! दोनों लंबे समय तक देश के वित्त मंत्री रहे। अरुण जेटली लंबे समय तक बीमारी से जूझते हुए इस दुनिया से कूच कर गए और चिदंबरम लंबे समय तक कानूनी प्रक्रियाओं से बचते रहने के बाद फिलहाल जमानत और जेल के बीच सीबीआई की रिमांड पर हैं। दो परस्पर धुर विरोधी दलों की नुमाइंदगी करते हुए भी जेटली और चिदंबरम निजी तौर पर गहरे दोस्त रहे। लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था के नियामक रहे दोनों नेताओं के व्यक्तित्व में कई तरह की समानताएं रहीं। संभवतः ये समानताएं ही उनकी दोस्ती का आधार थी।

मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी अपने चरम पर

रतुल पुरी की गिरफ्तारी पर भाजपा साध रही है कमलनाथ पर निशाना
एल. एस. हरदेनिया - 2019-08-26 09:48
भोपालः सत्तारूढ़ कांग्रेस में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। ऐसी ही एक आवाज कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री के पी सिंह ने उठाई है। एक वीडियो, जो वायरल हो गया है, में के पी सिंह ने राज्य नेतृत्व पर गंभीर हमला किया है। कांग्रेस, जो विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के दो विधायकों का समर्थन हासिल करने के बाद काफी आश्वस्त थी, अब एक बार फिर से बेचैन हो गई है। वीडियो में सिंह सरकार की आलोचना करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में उन्हें कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलते हुए भी दिखाया गया है। सिंह सरकार को भ्रष्ट और बेकार करार दे रहे हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि सिंह सरकार से खुश नहीं हैं।

अनुप्रिया पटेल को डंप करने मे लगी भाजपा

मिर्जापुर के रमाशंकर पटेल को योगी ने मंत्री बनाया
प्रदीप कपूर - 2019-08-23 11:14
लखनऊः अनुप्रिया पटेल के अपना दल (एस) पर निर्भर रहने के बजाय भाजपा अपने कुर्मी पिछड़े नेताओं को बढ़ावा देने का मन बना चुकी है।

जनसंख्या विस्फोट पर प्रधानमंत्री की चिंता के मायने

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार की नाकामी से ध्यान हटाने का उपक्रम
अनिल जैन - 2019-08-22 12:46
तेजी से बढती हुई जनसंख्या सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के और भी कई देशों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। क्योंकि जिस गति से जनसंख्या बढ रही है, उसके लिए जीवन की बुनियादी सुविधाएं और संसाधन जुटाना सरकारों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इसीलिए जब स्वाधीनता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई तो उसका आमतौर पर स्वागत ही हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, वह हमारी आने वाली पीढियों के लिए कई तरह के संकट पैदा करेगा। यह संभवतः पहला मौका रहा जब लंबे समय बाद किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने भाषण में बढती जनसंख्या की समस्या पर चिंता जताई हो। लेकिन सवाल है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस चिंता को लेकर क्या वाकई गंभीर हैं?

गरीबों पर ध्यान दे रहे हैं कमलनाथ

नेहरू पर भाजपा का हमला जारी
एल. एस. हरदेनिया - 2019-08-21 14:04
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की मदद करने के लिए लंबा रास्ता तय करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय बिजली बिल पर दी गई रियायत से संबंधित है। अन्य निर्णय सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने का है।

भारतीय अर्थव्यवस्था खतरे में

पर सरकार को खबर नहीं
नंतू बनर्जी - 2019-08-20 14:02
एनडीए सरकार ने सामाजिक-राजनीतिक मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया और जम्मू-कश्मीर राज्य को पुनर्परिभाषित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करके भी ठीक किया, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था जर्जर है। इसकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है। जब तक सरकार तेजी से कार्य नहीं करती है और नुकसान को नियंत्रित नहीं करती है, तब तक अर्थव्यवस्था प्रमुख सामाजिक परिणामों को आमंत्रित करते हुए सिकुड़ सकती है। हजारों की संख्या में नौकरियां हैं क्योंकि अभूतपूर्व मंदी ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जो ऑटोमोबाइल उद्योग एक उदाहरण है। यह देश की औद्योगिक मंदी का नेतृत्व कर रहा है।

परमाणु हमले की धमकी

भारत को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए
बरुन दास गुप्ता - 2019-08-19 13:26
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत अभी भी अपनी “नो फर्स्ट यूज” परमाणु नीति के लिए प्रतिबद्ध है, “भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।” मौका, समय और जगह को देखते हुए उनका यह बयान काफी महत्वपूर्ण है।

धन अर्जित करने वालों का सम्मान

प्रधानमंत्री का लाल किले से भाषण
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-08-17 17:22
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 15 अगस्त के अपने भाषण में अनेक महत्वपूर्ण बातें कहीं और उनमें से एक बात धन पैदा करने वालो के प्रति हमारे देश के लोगों के रवैये से संबंधित है। उन्होंने सबकुछ स्पष्ट रूप से नहीं कहा, लेकिन जितना कहा उससे यह स्पष्ट होता है कि संपत्ति या धन पैदा करने वालों के प्रति लोगों के वर्तमान रवैये से निराश दिखे। यह कोई छिपी बात नहीं है कि धनवान और ज्यादा संपत्ति वालों को लेकर अनेक प्रकार के धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष साहित्य हमारे देश में लिखे गए हैं और उनमें से अधिकांश देश के धनिकों को हेय भाव से देखते हैं। उन्हें कुछ इस तरह दिखाया जाता है, मानों उन्होंने कहीं से या किसी की चोरी करके वह धन इकट्ठा किया हो। उनके बारे में जो वर्तमान धारणा है, उनमें बदलाव की अपील मोदीजी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में की हैं।