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कमलनाथ के लिए समस्याएं खड़ी कर रही है भाजपा

गोवा और कर्नाटक की घटनाओं से कांग्रेस परेशान
एल एस हरदेनिया - 2019-07-18 11:13 UTC
भोपालः कर्नाटक और गोवा की राजनीतिक घटनाओं ने मध्य प्रदेश में असर दिखाना शुरू कर दिया है। है। भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है कि गोवा से तूफान कर्नाटक के माध्यम से मप्र में आ रहा है। इससे राजनीतिक क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

उत्तर प्रदेश में उपचुनावों की सरगर्मी बढ़ी

प्रियंका गांधी ने एक बार फिर कांग्रेस की कमान संभाली
प्रदीप कपूर - 2019-07-16 10:07 UTC
लखनऊः 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुए घमासान के बाद विपक्षी दल 12 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनावों की तैयारियों में जुट गया है। भाजपा के आठ और विपक्ष के तीन सहित 11 विधायकों को लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण रिक्तियां पैदा हो गई हैं। एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा विधायक की सीट खाली हो गई है।

शिनझियांग मसले पर मुस्लिम देशों का चीन को समर्थन

धर्म की राजनीति या राजनीति का धर्म?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-07-15 09:53 UTC
शिनझियांग मसले पर अमेरिका और यूरोपीय देश खिन्न हैं, क्योंकि वहां के मुसलमानों की धार्मिक आस्था के अधिकार को चीन ने बाधित कर रखा है। गौरतलब हो कि शिनझियांग चीन का पश्चिमी प्रांत है, जो कभी तुर्कीस्तान का हिस्सा था। उसे आज भी चीनी तुर्कीस्तान कहा जाता है। यह क्षेत्रफल के लिहाज से चीन का सबसे बड़ा प्रांत है। लेकिन इस प्रांत में सबसे अधिक संख्या उन उयिघरों की है, जो मुसलमान हैं। चीन एक साम्यवादी धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन उसकी धर्मनिरपेक्षता भारत वाली धर्मनिरपेक्षता नहीं है, जहां सभी लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार मिला हुआ है। चीन में धार्मिक स्वतंत्रता हो हतोत्साह ही नहीं, बल्कि बाधित भी किया जाता है।

असम के बंगालियों के बुरे दिन

40 लाख लोगों की नागरिकता संकट में
बरुन दास गुप्ता - 2019-07-13 08:53 UTC
असम में बंगालियों के लिए - हिंदू और मुस्लिम दोनों - वर्ष 2019 एक भयानक वर्ष है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की अंतिम सूची 31 जुलाई को प्रकाशित होने जा रही है। दोनों सूचियों में से किसी में भी लगभग 41.09 लाख बंगाली नागरिकं को शामिल नहीं हैं।

भाजपा की परेशानी का अंत नहीं

एक साथ लगे उन्हें तीन झटके
एल एस हरदेनिया - 2019-07-12 08:48 UTC
भोपालः मध्य प्रदेश के तीन घटनाक्रमों ने भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। वे है। वे है- 1 न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन के जैन की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय, जिसमें इंदौर के महापौर होने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कुछ कथित दुर्भावनाओं के बारे में उल्लेख किया गया है। 2. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की अश्लील हरकतों के बारे में खुलासा, और 3. आर्थिक सर्वेक्षण में रहस्योद्घाटन कि मध्य प्रदेश एक बीमारू राज्य बना हुआ है।

लालू परिवार में गृहयुद्ध

अपनी स्वाभाविक मौत की ओर बढ़ रहा है राजद
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-07-11 09:32 UTC
राष्ट्रीय जनता दल का स्थापना दिवस समारोह मनाया गया और उसके अगले दिन उसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। दोनों दिन जो कुछ हुआ और जो देखने को मिला, उससे स्पष्ट है कि 1997 में गठित राष्ट्रीय जनता दल अपनी मौत की ओर बढ़ रहा है। जिंदा रहने की इसकी इच्छा शक्ति समाप्त हो गई है और यह एक पतवार विहीन नाव हो गया है।

कर्नाटक का नाटक

कुमारस्वामी सरकार शुरू से ही अस्थिर थी
कल्याणी शंकर - 2019-07-10 09:37 UTC
भारत में गठबंधन सरकारें सामान्य रूप से सफल क्यों नहीं होती? ऐसा राज्य और संघीय स्तर पर अलग अलग कारणों से होता है। यह एक या दो बार नहीं, बल्कि कई बार हुआ है।

बीएसपी पहली बार लड़ रही है उपचुनाव

गठबंधन से बाहर होने के बाद उसे मुस्लिम वोट शायद नहीं मिले
प्रदीप कपूर - 2019-07-09 10:56 UTC
लखनऊः 12 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि समाजवादी पार्टी के साथ गटबंधन को खत्म करने का बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का एकतरफा फैसला सही था या नहीं। उपचुनाव हो रहे हैं क्योंकि विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीतकर अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों के विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है। होने वाले उपचुनावों में पहली बार बसपा उपचुनाव लड़ रही है।

एक देश एक चुनाव

यह अकेले मोदी का नहीं पूरे संघ परिवार का एजेंडा है
एल. एस. हरदेनिया - 2019-07-08 08:39 UTC
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक देश, एक चुनाव‘ की अपनी जिद पर राष्ट्रव्यापी बहस प्रारंभ करवा दी है। इस दिशा में पहला कदम उन्होंने 19 जून को उठाया जब देश के सभी राजनीतिक दलों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में यह स्पष्ट हो गया कि इस मुद्दे पर देश बुरी तरह से विभाजित है। आधी से ज्यादा पार्टियों ने सम्मेलन का बहिष्कार किया और जो पार्टियां शामिल हुईं उनमें से भी अनेक ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

ट्रंप पर मुकदमा भारत की अदालतों के लिए नजीर है!

अनिल जैन - 2019-07-06 10:47 UTC
अमेरिकी और यूरोपीय सभ्यता-संस्कृति तथा वहां की जीवनशैली की हम लाख बुराई करें, लेकिन इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता कि कानून का वास्तविक शासन वहीं चलता है और वहां की संवैधानिक संस्थाएं बिना किसी दबाव-प्रभाव या लालच के अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी सजग रहकर काम करती हैं। अमेरिका की एक संघीय अदालत का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक फैसला इस सिलसिले में ताजा मिसाल है, जो दुनिया भर की तमाम अदालतों, खासकर भारत की तो हर छोटी-बडी अदालत के लिए एक नजीर है, जिनकी भूमिका और विश्वसनीयता पर इन दिनों संदेह और विवादों के बादल मंडरा रहे हैं। उनके फैसलों पर तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे हैं।