Loading...
 
Skip to main content

View Articles

दिल्ली चुनाव: अब मोदी की होगी असली परीक्षा

बदलाव के दो महारथी होंगे आमने-सामने
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-01-12 11:21
हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में अपनी सरकार बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी की अगली परीक्षा दिल्ली में है, जहां उसे विधानसभा चुनाव का सामना करना है। भाजपा ने चुनावी शंखनाद कर भी दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिल्ली के रामलीला मैदान में भाषण हुआ, लेकिन उनके उस भाषण में वह तेज नहीं था, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। आम आदमी पार्टी और उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर मोदी जी ने एक से बढ़कर एक हमले किए, लेकिन वे हमले सभा में उपस्थित लोगों को भी रास नहीं आ रहे थे। वैसे सभा में उतने लोग भी नहीं आ पाए थे, जितने लोगों के बैठने की तैयारी आयोजकों ने की थी। एक लाख लोगों के आने का उनका अनुमान था, लेकिन 30 या 35 हजार लोग ही वहां उपस्थित थे।
भारत

उत्तर प्रदेश में बसपा की पिट रही है भद्द

मायावती पर लग रहे हैं गंभीर आरोप
प्रदीप कपूर - 2015-01-10 12:39
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी प्रदेश में गंभीर समस्या का सामना कर रही है। एक के बाद एक अनेक नेता पार्टी सुप्रीमो मायावती पर चुनावी टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं। पहले भी इस तरह के आरोप उनपर लगते थे, लेकिन इस तरह के आरोप मायावती के नजदीकी लोग नहीं लगाया करते थे। अब नजदीकी नेता की इस तरह के आरोप उनपर लगा रहे हैं, जिसके कारण उनकी स्थिति कमजोर होती जा रही है।

तेल की गिरती कीमतों से भारत को मिली राहत

एस सेतुरमण - 2015-01-09 11:43
पिछले साल के मध्य से कच्चे तेल की कीमतों मंे हो रही कमी अनेक देशों के लिए राहत बनकर आई है। उन देशों मंे भारत भी शामिल है। भारत ने इसका लाभ उठाते हुए इंधन पर दी जाने वाली सब्सिडी से छुटकारा पाना शुरू कर दिया है और तेल उत्पादों की कीमतों को बाजार से निर्धारित होने के लिए मुक्त कर दिया है।
भारत

बिहार की राजनीति की हलचलें

विलय की आड़ में सत्ता कब्जाने का खेल
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-01-08 11:00
बिहार में जनता दल परिवार के विलय के लिए लालू यादव और नीतीश कुमार एक के बाद एक बयानबाजी कर रहे हैं। कह रहे हैं कि विलय अब लगभग हो चुका है और औपचारिकताएं ही बाकी है, लेकिन इन औपचारिकताओं के पहले जो खेल खेला जा रहा है, उनसे तो यही लगता है कि विलय की दिल्ली अभी दूर है। यह विलय नरेन्द्र मोदी को बिहार में पराजित करने और भाजपा को बिहार की सत्ता से बाहर रखने के नाम पर हो रहा है। इसके साथ साथ धर्मनिरपेक्षता का भी राग अलापा जा रहा है, लेकिन सतह के अंदर सत्ता का खेल खेला जा रहा है।

मध्य प्रदेश में भाजपा की बल्ले बल्ले

कांग्रेस के लिए 2015 बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा
एल एस हरदेनिया - 2015-01-07 12:37
भोपालः 2014 ऐसा साल था, जिसे भाजपा भूलना नहीं चाहेगी और जिसे कांग्रेस याद नहीं करना चाहेगी। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह साल अभूतपूर्व सफलता का साल था और कांग्रेस के लिए यह जबर्दस्त विफलता का वर्ष था।
भारत

मोदी ने आरएसएस पर लगाम लगाई

देखना और इंजतार करना ही फिलहाल परिवार का काम
अमूल्य गांगुली - 2015-01-06 12:02
वह समय समाप्त हो रहा है, जब भाजपा के ऊपर आरएसएस का हुक्म चलता था। संघ को पहला झटका उस समय लगा, जब नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष बने। श्री शाह संघ की पसंद नहीं थे, बल्कि नरेन्द्र मोदी की पसंद थे। 2005 के बाद से ही भाजपा के अध्यक्ष पद संघ की पसंद का व्यक्ति बैठा करता था।
भारत

जम्मू और कश्मीर में सरकार गठन की गुत्थियां

भाजपा और पीडीपी के एक साथ आने में आ रही है मुश्किलें
हरिहर स्वरूप - 2015-01-05 11:46
जम्मू और कश्मीर की जनता ने भारी पैमाने पर वोटिंग किया था, ताकि प्रदेश में एक स्थिर सरकार बने, लेकिन उनका जनादेश खंडित निकला, जिसके कारण अभी तक सरकार ही नहीं बन पा रही है। वोटिंग का पैटर्न भी विभाजनकारी था। जम्मू में मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी को गले लगाया और पीडीपी को नकार दिया, तो कश्मीर घाटी में जनता ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया और वहां पीडीपी को भारी जीत मिली। इसका नतीजा यह हुआ कि न तो भाजपा को और न ही पीडीपी को प्रदेश में सरकार चलाने लायक सीटें प्राप्त हुईं। अब यदि भाजपा और पीडीपी आपस में मिलकर सरकार बनाती हैं, तो यह उनके समर्थक मतदाताओं की इच्छा के खिलाफ होगा। क्योंकि पीडीपी को मिला मत भाजपा विरोधी था और भाजपा को मिला मत पीडीपी विरोधी।
भारत

नये साल की आर्थिक चुनौतियां

क्या इसे भी अपने नाम दर्ज करा पाएंगे मोदी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-01-03 10:34
आजाद भारत के राजनैतिक इतिहास में 2014 एक महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में अपने आपको दर्ज कर चुका है, क्योंकि इस साल पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी अपने अकेले पूर्ण बहुमत के साथ देश की सत्ता पर काबिज हुई है। अब सवाल उठता है कि क्या 2015 का साल आजाद भारत के इतिहास में अपना वैसा ही स्थान बना पाएगा?
भारत

2015 में मोदी को कुछ नतीजे देने होंगे

मोह की अवधि लंबी नहीं खिंचेगी
कल्याणी शंकर - 2015-01-02 11:37
पिछला साल नरेन्द्र मोदी के नाम रहा। उन्होंने अपनी पार्टी को लोकसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता दिलाई और खुद देश के प्रधानमंत्री भी बने। लेकिन क्या 2015 का साल भी श्री मोदी के नाम में ही दर्ज होगा? ऐसा तभी होगा, जब यह साल मोदी द्वारा किए गए वायदों को पूरा करने का साल होगा। अभी तो मोदी अपनी सफलताओं पर इतरा रहे हैं। लोगों का उनमें मोह अभी भी बना हुआ है। लेकिन मोह का यह काल अपने आप बहुत लंबा नहीं खिंचेगा। यह लंगा खिंचे इसके लिए जरूरी है कि मोदी अपने उन वायदों को पूरा करें, जो उन्होंने चुनाव से पहले किया था और जो वह आज भी कर रहे हैं।
भारत

लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं बोडो उग्रवादी

केन्द्र ने भी दिए कड़े संदेश
आशिष बिश्वास - 2015-01-01 11:57
बोडो उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया गया है, लेकिन असम और बोडो समस्या के जो जानकार हैं, उनका मानना है इस अभियान के बावजूद भी उन लोगों तक कानून के हाथ नहीं पहुंच पाएंगे, जिनके हाथ आदिवासियों के खून से रंगे हुए हैं।